अमेरिकी महिला सॉकर: अगला मैच कब है, देखने का तरीका जानिए

अमेरिकी महिला सॉकर: अगला मैच कब है, देखने का तरीका जानिए

अमेरिकी महिला सॉकर टीम की अगली चुनौती

अमेरिकी महिला राष्ट्रीय सॉकर टीम, जिसने हाल ही में जाम्बिया के खिलाफ एक शानदार जीत दर्ज की, अब अपनी अगली चुनौती के लिए तैयार हो रही है। उनके नये कोच एम्मा हायेस ने टीम का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें एक दमदार टीम में परिवर्तित किया है। जाम्बिया के खिलाफ खेला गया मैच इस ओर इशारा करता है कि टीम ओलंपिक में अपनी जगह पक्की करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

ओलंपिक में दमदार शुरुआत

जाम्बिया के खिलाफ खेले गए मैच में अमेरिकी महिला टीम ने 3-0 की विजयी शुरुआत की। इस मैच में मल्लोरी स्वानसन ने दो गोल किए, और ट्रिनिटी रोडमैन ने भी टीम के स्कोर में अपना योगदान दिया। इस जीत के बाद टीम का उत्साह दोगुना हो गया है और वे अपनी अगली चुनौती जर्मनी के खिलाफ मुकाबले को लेकर पूरे जोश में हैं।

जर्मनी के खिलाफ अगला मुकाबला

अमेरिकी टीम का अगला मुकाबला जर्मनी से होगा, जो रविवार, 28 जुलाई को मार्सेली में खेला जाएगा। यह मैच भारतीय समय अनुसार रात 3 बजे शुरू होगा। इस मुकाबले के बाद अमेरिकी टीम का अंतिम ग्रुप स्टेज मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बुधवार, 31 जुलाई को दोपहर 1 बजे खेला जाएगा।

नजरें पांचवें स्वर्ण पदक पर

इस बार का ओलंपिक अमेरिकी महिला सॉकर टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वे अपनी ओलंपिक पदकों की संख्याओं में पाँचवां स्वर्ण जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। यह टीम अब तक चार स्वर्ण जीत चुकी है और इस बार भी उनकी निगाहें ऊँचाइयों पर हैं। ओलंपिक में महिला फ़ुटबॉल का फाइनल मुकाबला 10 अगस्त को खेला जाएगा, जहाँ सभी की नजरें इस टीम पर होंगी।

कोच एम्मा हायेस का नेतृत्व

कोच एम्मा हायेस के नेतृत्व में यह टीम नई ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रतीक्षा कर रही है। एम्मा ने टीम में नई ऊर्जा का संचार किया है, जो उनके अब तक के प्रदर्शन में देखा जा सकता है। उनके नेतृत्व में टीम ने अपने विपक्षियों को कड़ी टक्कर दी है और यह बताते हुए कि क्यों वे अब तक सबसे सफल ओलंपिक टीमों में से एक हैं।

क्वार्टरफाइनल की तैयारी

समूह चरण के बाद, क्वार्टरफाइनल मुकाबले 3 अगस्त को खेले जाएंगे। चूँकि प्रत्येक समूह से शीर्ष दो टीमें क्वार्टरफाइनल में प्रवेश करेंगी, इसलिए अमेरिकी टीम को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।

महिलाओं का सॉकर: भविष्य की राह

अमेरिकी महिला सॉकर टीम की यह यात्रा केवल एक खेल का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह नए मानकों को स्थापित करने की दिशा में एक कदम है। इस प्रकार के टूर्नामेंट्स से यह टीम युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है और उन्हें खेल में अपना भविष्य तलाशने का अवसर देती है।

18 टिप्पणि

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    Taran Arora

    जुलाई 30, 2024 AT 14:14
    ये टीम तो असली जान है भाई। जाम्बिया के खिलाफ वो तो बस एक शुरुआत थी। जर्मनी के खिलाफ देखना है तो दिल धड़क रहा है। अमेरिका की महिलाएं अब सिर्फ खेल नहीं बल्कि इतिहास बना रही हैं।
    मैं तो हर मैच लाइव देखूंगा।
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    Atul Panchal

    अगस्त 1, 2024 AT 07:11
    जर्मनी के खिलाफ ये मैच असली टेस्ट है। उनकी डिफेंस लाइन फॉर्मेशन में एक्स्ट्रा वॉल्यूम नहीं है। अमेरिका की विंग एक्शन बिल्कुल टाइमिंग पर है लेकिन ट्रांजिशन डिसिजन में लैग हो सकता है।
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    Shubh Sawant

    अगस्त 1, 2024 AT 16:48
    भाई ये टीम तो बस गोल करती रहेगी! जर्मनी के खिलाफ भी तीन गोल ही होंगे। हमारे देश में भी ऐसी टीम बन जाए तो क्या बात होगी।
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    Patel Sonu

    अगस्त 3, 2024 AT 07:40
    एम्मा हायेस का ट्रांसफॉर्मेशन जबरदस्त है। टीम की फिटनेस लेवल अब एथलेटिक एक्सपोनेंशियल है। जाम्बिया के खिलाफ वो फुल फ्लैट फॉर्मेशन में गेम कंट्रोल कर रही थीं। जर्मनी के खिलाफ भी यही स्ट्रैटेजी चलेगी।
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    Puneet Khushwani

    अगस्त 4, 2024 AT 08:50
    अच्छा लगा। अब बस देखना है कि जर्मनी के खिलाफ क्या होता है।
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    Adarsh Kumar

    अगस्त 5, 2024 AT 22:28
    ये सब जाम्बिया के खिलाफ जीत तो बस एक ट्रेनिंग मैच थी। जर्मनी असली दुश्मन है। अमेरिका की टीम को फिक्स किया गया है। ये सब ओलंपिक फेक है। ये खिलाड़ियां नहीं बल्कि एक एजेंसी के लोग हैं।
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    Santosh Hyalij

    अगस्त 7, 2024 AT 16:56
    पाँचवां स्वर्ण तो बहुत बड़ी बात है। लेकिन इसके लिए टीम को अभी भी एक्सपीरियंस की जरूरत है। जर्मनी के खिलाफ एक बार भी गलती नहीं होनी चाहिए।
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    Sri Lakshmi Narasimha band

    अगस्त 8, 2024 AT 23:51
    मल्लोरी स्वानसन का गोल तो बस बादलों के बीच सूरज निकलने जैसा था 😍🔥 और ट्रिनिटी रोडमैन का गोल तो जैसे कोई बारिश के बाद नया फूल खिल गया 🌸⚽
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    Sunil Mantri

    अगस्त 9, 2024 AT 18:55
    जर्मनी के खिलाफ मैच रविवार को है ना? लेकिन ऑस्ट्रेलिया का मैच बुधवार को दोपहर 1 बजे? ये टाइम टेबल तो बिल्कुल गड़बड़ है।
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    Nidhi Singh Chauhan

    अगस्त 10, 2024 AT 05:38
    कोच एम्मा हायेस? ये नाम तो बहुत अमेरिकी लगता है। क्या ये सब कोई ब्रांडिंग ट्रिक है? मुझे लगता है ये सब टीवी शो है।
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    Anjali Akolkar

    अगस्त 11, 2024 AT 03:19
    मैंने जाम्बिया का मैच देखा था। वो जोश देखकर दिल भर गया। ये लड़कियां बस खेल रही हैं नहीं बल्कि दुनिया को बदल रही हैं ❤️
    हर बच्ची को ये देखना चाहिए।
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    sagar patare

    अगस्त 12, 2024 AT 01:38
    इतना जोश क्यों? ये तो बस फुटबॉल है। अमेरिका की टीम तो हमेशा जीतती है। क्या फर्क पड़ता है? मैं तो घर पर बैठकर चाय पी रहा हूं।
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    srinivas Muchkoor

    अगस्त 12, 2024 AT 23:08
    पाँचवां स्वर्ण? ये तो बस एक नंबर है। अगर वो जर्मनी के खिलाफ हार गई तो क्या वो इतिहास बन जाएगी? नहीं भाई ये सब फेक है।
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    Shivakumar Lakshminarayana

    अगस्त 13, 2024 AT 02:25
    जर्मनी के खिलाफ मैच में अमेरिका की टीम के फुल बैक की एक्सपोजर बहुत ज्यादा है। वो फॉर्मेशन टू वी लाइन में बहुत खाली है। अगर जर्मनी ने विंग बैक्स को इंटरसेप्ट किया तो वो बर्बर हो जाएगी।
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    Parmar Nilesh

    अगस्त 14, 2024 AT 02:40
    ये टीम तो बस एक जीवंत जादू है। जाम्बिया के खिलाफ वो ने जो गोल किए वो नहीं बल्कि उनके गोल की गति, एंगल, टाइमिंग तो बस आर्ट है। ये खेल नहीं ये तो एक इंसानी जीत है।
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    Arman Ebrahimpour

    अगस्त 15, 2024 AT 23:01
    जर्मनी के खिलाफ मैच के बाद वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेंगे? ये तो बहुत अजीब है। क्या ये सब किसी ने फिक्स किया है? मुझे लगता है ये सब एक गुप्त ऑपरेशन है।
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    SRI KANDI

    अगस्त 16, 2024 AT 09:12
    मैंने देखा... बहुत अच्छा लगा... लेकिन अब बस थोड़ा धीरे चलें तो नहीं? 😌
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    Ananth SePi

    अगस्त 17, 2024 AT 15:49
    इस टीम की यात्रा तो बस एक खेल की नहीं बल्कि एक सामाजिक विप्लव की कहानी है। जब मल्लोरी स्वानसन ने दूसरा गोल किया तो मैंने सोचा ये तो बस एक गोल नहीं बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। उनके पैरों के हर चलने में एक लाख बच्चियों के सपने छिपे हैं। जर्मनी के खिलाफ मैच में अगर वो विंग्स को फुल एक्सटेंशन देती हैं तो वो दुनिया के सामने एक नई भाषा बोलेंगी। ये टीम नहीं बल्कि एक आंदोलन है जो बच्चों को बता रही है कि तुम भी जीत सकते हो। अगर ये टीम ओलंपिक में पाँचवां स्वर्ण जीतती है तो ये तो बस एक जीत नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक घटना होगी जिसे इतिहास की किताबों में लिखा जाएगा। ये टीम नहीं बल्कि एक आवाज है जो कह रही है कि लड़कियां भी जीत सकती हैं।

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