अरविंद केजरीवाल 'आबकारी नीति घोटाले' के सूत्रधार: सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया

अरविंद केजरीवाल 'आबकारी नीति घोटाले' के सूत्रधार: सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया

अरविंद केजरीवाल का नाम आया केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की राडार पर

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सूत्रधार हैं। सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में यह बात रखते हुए कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी जांच की संपूर्णता के लिए जरूरी थी। सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने यह भी कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से और नए सबूत और गवाहों की गवाही मिल पाई है, जो घोटाले की जड़ें तक पहुंचने में सहायक रही।

सीबीआई का आरो: केजरीवाल ने बढ़ाया थोक विक्रेताओं का मुनाफा

सीबीआई ने उच्च न्यायालय को बताया कि उनके पास उन सबूतों की पुष्टि हो चुकी है जो केजरीवाल की इस घोटाले में सीधी भागीदारी दिखाते हैं। एजेंसी ने कहा कि आबकारी नीति में बदलाव करके थोक विक्रेताओं का मुनाफा 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया, जिससे भारी धनराशि की लीकेज हुई। सीबीआई का आरोप है कि केजरीवाल के कारण इस बढ़े हुए मुनाफे से भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि घोटाले की जांच के बाद भी केजरीवाल गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और इस वजह से उनकी गिरफ्तारी को आवश्यक बताया।

केजरीवाल के वकील का बचाव

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई के आरोपों का खंडन किया और कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के घर से कोई महत्वपूर्ण जमा नहीं पाई गई है। सिंघवी ने यह भी तर्क दिया कि आबकारी नीति एक संस्थागत निर्णय था जिसमें 50 से अधिक नौकरशाह, उपराज्यपाल और नौ मंत्रालय शामिल थे।

सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि इस पूरे पैरवी में केवल केजरीवाल को ही निशाना बनाया जा रहा है जबकि यह निर्णय सामूहिक रूप से लिया गया था। उन्होंने कहा कि सीबीआई की दलीलें व राजनीति प्रेरित हैं और इसका उद्देश्य मुख्यमंत्री को बदनाम करना है।

दिल्ली उच्च न्यायालय का निर्णय आरक्षित

इस मामले की सुनवाई में दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की नियमित जमानत की याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह इस मामले में जल्द ही आदेश जारी करेगा।

यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है और सभी की निगाहें उच्च न्यायालय के आगामी फैसले पर टिकी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगे इस घोटाले के आरोपों ने दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला दिया है और आने वाले समय में इसके राजनीतिक निहितार्थ भी भली-भांति दिखाई देंगे।

अब देखना यह होगा कि उच्च न्यायालय का निर्णय किस दिशा में जाएगा और सीबीआई की जांच में आगे क्या खुलासे होते हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार और उसकी नीतियों पर जनता की कामना और उनके समर्थन की कसौटी पर खरा उतरना एक बड़ी चुनौती बन गई है।

7 टिप्पणि

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    jijo joseph

    अगस्त 1, 2024 AT 09:12

    इस आबकारी नीति में जो 5% से 12% तक का फर्क है, वो सिर्फ मुनाफा बढ़ाने का मामला नहीं है। ये एक संरचनात्मक बदलाव था जिसने छोटे विक्रेताओं को बड़े डीलर्स के खिलाफ बचाने का एक तरीका बना दिया। सीबीआई का दावा कि केजरीवाल ने इसे अकेले डिज़ाइन किया, वो बिल्कुल गलत है। ये एक कमेटी का फैसला था, और उसमें फाइनेंस डिपार्टमेंट, टैक्स एक्सपर्ट्स, और एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स शामिल थे। अगर ये सब गलत थे, तो सिर्फ एक व्यक्ति को दोषी ठहराना न्याय से दूर है।

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    Manvika Gupta

    अगस्त 3, 2024 AT 03:56

    मुझे बस एक बात समझ नहीं आ रही कि जब सब कुछ अच्छा था तब कोई नहीं बोला अब जब थोड़ा बदल गया तो सब बदल गए। क्या ये सिर्फ राजनीति है या फिर हम सब इतने असुरक्षित हो गए हैं कि हर चीज़ में षड्यंत्र ढूंढ रहे हैं।

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    leo kaesar

    अगस्त 4, 2024 AT 20:18

    अरविंद केजरीवाल एक धोखेबाज है। सब जानते हैं। बस अब सीबीआई ने उसकी आँखें खोल दीं। जब तक ये आदमी बरकरार है, दिल्ली का कोई भी नीति बचेगा नहीं।

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    Ajay Chauhan

    अगस्त 5, 2024 AT 09:58

    ये सब बकवास है। एक आबकारी नीति के लिए इतना धमाका? ये लोग तो बस ट्रेंड बनाने के लिए बॉस को टारगेट कर रहे हैं। जब तक तुम्हारे पास बड़े बैंक अकाउंट या गुप्त नोट्स नहीं मिले, तब तक ये सब बस फोटोशॉप है।

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    Gayatri Ganoo

    अगस्त 6, 2024 AT 14:34

    सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है बस एक फोन कॉल रिकॉर्ड है जिसे उन्होंने एडिट किया है। मैंने खुद देखा है कि इन लोगों ने कैसे गवाहों को धमकाया। ये सब एक बड़ा राजनीतिक अभियान है जिसका नेता नरेंद्र मोदी है। केजरीवाल को गिराने के लिए कुछ भी किया जाएगा।

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    harshita sondhiya

    अगस्त 7, 2024 AT 16:21

    ये जो वकील बोल रहा है उसका दिमाग भी बर्बाद है। आबकारी नीति का फैसला 50 लोगों ने लिया तो फिर भी अरविंद केजरीवाल ने अपने हाथों से बदलाव लाया और लाखों का धोखा दिया। ये आदमी दिल्ली का नेता नहीं, दिल्ली का बीमारी है।

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    Balakrishnan Parasuraman

    अगस्त 8, 2024 AT 18:57

    यह जांच सिर्फ एक निजी मामला नहीं है। यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक परीक्षा है। अगर हम इस तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करते हैं, तो हम अपने बच्चों को एक अस्थिर भारत छोड़ देंगे। केजरीवाल के खिलाफ जांच न्याय की दिशा में एक आवश्यक कदम है। अगर आप इसका विरोध करते हैं, तो आप भारत के विकास के खिलाफ हैं।

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