CBDT ने इनऑपरेबल PAN के लिये TDS/TCS राहत के नियम बदल दिए
CBDT की नई राहत: क्या बदला?
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 21 जुलाई 2025 को जारी किए गए सर्कुलर नं. 9/2025 के जरिए इनऑपरेबल PAN पर लागू हो रही उच्च इनऑपरेबल PAN दरों को हल्का करने का फैसला किया है। यह कदम पहले सर्कुलर नं. 3/2023 के संशोधित भाग के रूप में आया है, जहां TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) और TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) की दरें सेक्शन 206AA व 206CC के तहत बढ़ा दी गई थीं। अब नई नियमावली के अनुसार, कई परिस्थितियों में सामान्य दर लागू होगी।
पहला आरक्षण तब लागू होता है जब अप्रैल‑2024 से जुलाई‑2025 के बीच भुगतान या क्रेडिट किया गया हो। इस अवधि के लेन‑देनों पर यदि लेन‑देने वाले की PAN अद्यावधि (ऑपरेटिव) 30 सितंबर 2025 तक हो जाती है, तो वह करदाता उच्च दर के बजाय सामान्य TDS/TCS दरों को लागू कर सकेगा। दूसरा आरक्षण अगस्त‑2025 के बाद के लेन‑देनों के लिये है; यहाँ भुगतान के महीने के अंत के दो महीने के भीतर PAN को ऑपरेटिव बनाना होगा, तभी सामान्य दर लागू होगी।
लिंकिंग की नई समयसीमा और दंड‑रहित प्रक्रिया
जिन PAN‑धारकों ने 1 अक्टूबर 2024 से पहले Aadhaar enrolment ID के आधार पर PAN प्राप्त किया है, उनके लिये लिंकिंग की अंतिम तिथि अब 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है। इस विस्तार का उद्देश्य उन नागरिकों को अतिरिक्त समय देना है जो अभी तक अपने PAN को Aadhaar से जोड़ नहीं पाए। अन्य सभी PAN‑धारकों के लिये पहले की समयसीमा 30 जून 2023 थी, जिसे बाद में 31 मई 2024 तक बढ़ाया गया था, और इस चरण में 1,000 रुपये का जुर्माना लगा था।
इनऑपरेबल PAN के कारण कई कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं: गैर‑PAN दरों पर TDS/TCS कटौती, डेमैट खाता कार्यवाही में रोक, सरकारी सिक्योरिटीज़ व बांड में निवेश पर प्रतिबंध, तथा फ़ॉर्म 15G/15H का अमान्य हो जाना। नई राहत योजना इन समस्याओं को कम करने के साथ-साथ करदाताओं को अपना PAN सक्रिय करने के लिये पर्याप्त समय भी देती है।
व्यापारियों और पेशेवरों के लिये यह परिवर्तन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई छोटे और मध्यम उद्यमों को इनऑपरेबल PAN वाले ग्राहकों के साथ लेन‑देन करने के कारण उच्च कर दायित्व का सामना करना पड़ रहा था। अब वे सामान्य दरों पर रहकर अपने नकदी प्रवाह को बेहतर बना सकते हैं, जबकि कर विभाग को भी लिंकिंग प्रक्रिया के नियमन में लचीलापन मिलता है।
संक्षेप में, CBDT द्वारा जारी यह सर्कुलर न सिर्फ करदाताओं के बोझ को घटाता है, बल्कि PAN‑Aadhaar लिंकिंग को अंतिम चरण में पहुँचाने के लिये एक स्पष्ट समय‑सीमा भी स्थापित करता है। आगे के क्लेरिकल अपडेट और प्रक्रियात्मक मार्गदर्शन आयकर विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगे।
Payal Singh
सितंबर 27, 2025 AT 00:57avinash jedia
सितंबर 28, 2025 AT 17:22Shruti Singh
सितंबर 29, 2025 AT 06:59Kunal Sharma
सितंबर 29, 2025 AT 12:41Raksha Kalwar
सितंबर 30, 2025 AT 03:06himanshu shaw
अक्तूबर 1, 2025 AT 04:11Rashmi Primlani
अक्तूबर 1, 2025 AT 08:18harsh raj
अक्तूबर 2, 2025 AT 01:59Prakash chandra Damor
अक्तूबर 3, 2025 AT 15:59