ढाका के पास भूकंप: 10 लोगों की मौत, 600 से अधिक घायल

ढाका के पास भूकंप: 10 लोगों की मौत, 600 से अधिक घायल

10 नवंबर, 2025 को सुबह 10:38 बजे, ढाका के ठीक दक्षिण-पश्चिम में एक ताकतवर भूकंप ने बांग्लादेश के दिल को कांपा दिया। मधबधी, नरसिंगदी के 14 किमी दूर, इस भूकंप का केंद्र था — सिर्फ 10 किमी गहराई पर। जिसने 10 लोगों की जान ले ली और 600 से ज्यादा लोगों को घायल कर दिया। ये सिर्फ एक भूकंप नहीं था। ये बांग्लादेश का सबसे ताकतवर भूकंप था जो पिछले 30 सालों में हुआ था।

भूकंप का दर्द: जब जमीन बोल उठी

जब भूकंप आया, तो ढाका के लोग अपने कामों में लगे हुए थे — ऑफिस, स्कूल, बाजार। 26 सेकंड के लिए जमीन ने अपना गुस्सा दिखाया। बांग्लादेश मौसम विभाग ने इसे ML 5.7 घोषित किया, जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने Mw 5.5 का आंकड़ा दिया। लेकिन असली चीज़ ये नहीं कि कितना तीव्र था — बल्कि ये कि कितने लोगों के लिए ये जीवन-मरण का सवाल बन गया। USGS के मुताबिक, ढाका में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तेज़ हिलना महसूस किया। नरसिंगदी में 3 लाख।

और ये लहरें सिर्फ बांग्लादेश तक नहीं रुकीं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिधाननगर, कल्याणी, हावड़ा और बरहमपुर में भी इमारतें कांपीं। लोग सड़कों पर भाग निकले। भारतीय विभागों ने मॉडिफाइड मरकली तीव्रता (MMI) को III (कमजोर) बताया — लेकिन जिन लोगों ने इसे महसूस किया, उनके लिए ये कमजोर नहीं था।

क्या था असली खतरा? जिन इमारतों का निर्माण बिना नियमों के हुआ

सवाल ये नहीं कि भूकंप कितना शक्तिशाली था — बल्कि ये कि इमारतें कितनी कमजोर थीं। ढाका के कुछ आधे-तैयार घर, जिन्हें गरीब परिवारों ने अपनी जेब से बनाया था, वो ढह गए। लेकिन बड़ी इमारतें, अस्पताल, सरकारी भवन — वो खड़े रहे। ये बात अजीब नहीं। बांग्लादेश के भूकंप अनुसंधान केंद्र के एक अनाम अधिकारी ने कहा: "इस भूकंप ने हिरोशिमा और नागासाकी पर गिरे परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा छोड़ी।"

लेकिन ये ऊर्जा अगर एक शहर के अच्छी तरह बने नियोजित ढांचे पर गिरती, तो इतना नुकसान नहीं होता। ये तो उन इमारतों के लिए विनाशकारी थी जो कभी नियमों के अनुसार नहीं बनीं। अधिकारियों के मुताबिक, जिन इमारतों का निर्माण बिना भूकंप-सुरक्षा मानकों के हुआ, वो बिल्कुल बिल्कुल टूट गईं।

कौन जवाबदेह है? बांग्लादेश मौसम विभाग और उसकी चेतावनी की अनदेखी

बांग्लादेश मौसम विभाग (BMD), जिसके महानिदेशक मोहम्मद मोशार्रफ हुसैन भुइयान हैं, ने इस भूकंप के बारे में तुरंत जानकारी जारी की। लेकिन क्या वो पहले से तैयार थे? जवाब है — नहीं।

2019 के बाद से बांग्लादेश के भूकंप अनुसंधान केंद्र ने लगातार चेतावनी दी थी कि ढाका क्षेत्र एक बड़े भूकंप के लिए तैयार है। वैज्ञानिकों ने कहा था कि भारतीय प्लेट के अंदर एक रिवर्स फॉल्ट चल रहा है — जो अचानक टूट सकता है। लेकिन राजनीतिक अधिकारियों ने इसे "अतिशयोक्ति" बता दिया। बजट कटौती हुई। भूकंप सुरक्षा अभियान रोक दिए गए।

अब, जब 10 लोग मर चुके हैं, तो ये सवाल नहीं रह गया कि क्या हो सकता था — बल्कि ये कि क्यों नहीं हुआ जो होना चाहिए था।

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पश्चिम बंगाल में भी लोग घबरा गए। कोलकाता के लोग बिल्डिंग से बाहर भागे। लेकिन क्या कोई आपातकालीन योजना थी? नहीं। बस एक अचानक भागने का अभ्यास।

Network18 Media & Investments Limited का फाइनेंशियल पोर्टल Moneycontrol ने घटना के तुरंत बाद रिपोर्ट की — लेकिन उसके बाद कुछ नहीं। भारतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया। ये एक बड़ा अंतर है। बांग्लादेश ने अपने आपातकालीन टीमों — फायर सर्विस एंड सिविल डिफेंस के महानिदेशक मोहम्मद जहांगीर आलम के नेतृत्व में — तुरंत एक्शन लिया। भारत में तो बस टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही थी।

भविष्य क्या है? भूकंप आएगा फिर — और अधिक ताकतवर

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये भूकंप एक चेतावनी है। ढाका क्षेत्र के नीचे एक बड़ा फॉल्ट लाइन है, जो हर 30-40 साल में एक बार तेज़ी से खुलता है। 1995 में 6.0 आयाम का भूकंप आया था। अब 2025 में 5.5। लेकिन अगला? वो 7.0 हो सकता है।

भूकंप अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञ हुमायून अख्तर ने कहा: "ये जो हुआ, वो एक छोटा अलर्ट था। अगला जो आएगा, वो शहर को जमीन से उखाड़ देगा।"

अब दो विकल्प हैं: या तो हम इमारतों को बदलेंगे, नियम बनाएंगे, आपातकालीन योजनाएं बनाएंगे — या फिर अगली बार 100 लोग मरेंगे। या 1,000।

FAQ

इस भूकंप के बाद अगले कौन से क्षेत्र खतरे में हैं?

ढाका के अलावा, बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी जिले — चटगांव, सिलहट और राजशाही — भी उच्च जोखिम वाले हैं। भारत के पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिले, जैसे मुर्शिदाबाद और नादिया, भी इस भूकंपीय फॉल्ट लाइन के निकट हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगला बड़ा भूकंप इन्हीं क्षेत्रों में आ सकता है, क्योंकि यहां की जमीन अभी भी तनाव के अधीन है।

भारत और बांग्लादेश की भूकंप तैयारी में क्या अंतर है?

बांग्लादेश ने 2010 के बाद से भूकंप सुरक्षा के लिए आंशिक नियम बनाए हैं, खासकर नए निर्माणों में। लेकिन भारत में तो ये नियम बहुत कम लागू होते हैं। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों में अधिकांश इमारतें भूकंप-सुरक्षा मानकों के बिना बनी हुई हैं। बांग्लादेश के आपातकालीन टीम तुरंत तैनात हुईं, जबकि भारत में आधिकारिक प्रतिक्रिया लगभग शून्य रही।

भूकंप के बाद क्या अगला कदम है?

अगले 72 घंटों में बांग्लादेश मौसम विभाग और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण भूकंपीय गतिविधि पर नज़र रखेंगे। अगर कोई तीव्र आवर्ती झटके आएं, तो आपातकाल घोषित किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 15 दिनों में 4-5 छोटे आवर्ती झटके संभव हैं, लेकिन बड़ा भूकंप अगले 2-3 साल में आ सकता है।

क्या ये भूकंप निर्माण नियमों के कारण हुआ?

नहीं, भूकंप प्राकृतिक घटना है, लेकिन नुकसान इंसानी गलतियों का नतीजा है। ढाका के 60% घर अवैध रूप से बने हैं और भूकंप-सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते। एक अध्ययन के अनुसार, अगर ये इमारतें नियमों के अनुसार बनी होतीं, तो 80% मौतें बच जातीं। ये एक निर्माण विफलता है — न कि भूकंप की विफलता।

क्या ये भूकंप भारत में भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है?

हां, बिल्कुल। पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में लाखों लोग ऐसी इमारतों में रहते हैं जो भूकंप के लिए बिल्कुल अनुपयुक्त हैं। अगर अगला भूकंप 6.5 से अधिक का हुआ, तो कोलकाता के कई बुरी तरह से बिल्ड इमारतें ढह सकती हैं। भारतीय विशेषज्ञों के अनुसार, ये क्षेत्र अभी भी भूकंप-तैयारी के लिए बहुत कमजोर हैं।

क्या भूकंप के बाद अगली बार तैयारी की जा सकती है?

जरूर। बांग्लादेश ने 2018 में एक छोटी भूकंप तैयारी अभियान शुरू किया था — जिसमें स्कूलों में अभ्यास और इमारतों के निर्माण में नियम शामिल थे। अगर ये अभियान अब बड़ा किया जाए, तो अगली बार नुकसान कम हो सकता है। लेकिन इसके लिए सिर्फ वित्त नहीं, राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए। और वो अभी तक नहीं दिखी।

18 टिप्पणि

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    JAYESH KOTADIYA

    नवंबर 24, 2025 AT 04:18

    ये भूकंप तो बस शुरुआत है भाई! 🤯 बांग्लादेश वाले अपनी इमारतें बनाते ही नहीं समझते कि भूकंप क्या होता है। हमारे यहां तो दिल्ली में भी 1000+ इमारतें ऐसी हैं जो एक झटके में उड़ जाएंगी। लेकिन हम तो बस टीवी पर देखकर बातें करते रह जाते हैं। 😒

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    Vikash Kumar

    नवंबर 24, 2025 AT 23:02

    इससे पहले कितने चेतावनी दी गईं? सब बोले थे - अब आ गया तो रो रहे हो? ये तो बस नतीजा है लापरवाही का।

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    Siddharth Gupta

    नवंबर 26, 2025 AT 14:51

    सच बताऊं? ये भूकंप एक बड़ा अलर्ट है - न कि बस एक त्रासदी। हम सब ये भूल गए कि हम एक ही भूकंपीय लाइन पर रह रहे हैं। बांग्लादेश के साथ हमारा भी नाता है। अगर वहां इमारतें ढह रही हैं, तो कल हमारी भी ढह सकती हैं। चलो अब बात नहीं, एक्शन शुरू कर दें। 🤝

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    Anoop Singh

    नवंबर 27, 2025 AT 16:26

    क्या तुमने सुना है नरसिंगदी में एक बच्चे की मां ने अपने बेटे को अपने शरीर से ढक लिया? वो बच्चा बच गया... लेकिन मां नहीं। ये भूकंप नहीं, इंसानी गलतियों का नतीजा है।

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    Omkar Salunkhe

    नवंबर 29, 2025 AT 07:58

    USGS ne Mw 5.5 bola? LOL. Bhai ye toh 6.2 tha. Ye log apne sensors ko bhi sahi se calibrate nahi kar paate. Aur phir humein bata rahe hain ki kaise bachenge? 😂

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    raja kumar

    नवंबर 30, 2025 AT 09:05

    हम दोनों देश एक ही जमीन पर रहते हैं। एक के लिए जो आपदा है, वो दूसरे के लिए भी चेतावनी है। इस वक्त बातें नहीं, एक साथ काम करने की जरूरत है।

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    Amit Rana

    दिसंबर 2, 2025 AT 08:57

    अगर आप लोग अपने घरों के लिए भूकंप-सुरक्षा नियम बनाने के बजाय टीवी पर न्यूज़ देखने में वक्त बर्बाद कर रहे हैं, तो ये नतीजा अपने आप आता है। आज से शुरू करें - अपने घर के दीवार चेक करें। एक छोटा कदम, लेकिन जिंदगी बचा सकता है।

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    Rajendra Gomtiwal

    दिसंबर 3, 2025 AT 00:43

    बांग्लादेश की तरह हम भी अपनी इमारतें बनाएंगे। हमारी तकनीक बेहतर है। ये सब बाहरी देशों की गलतियां हैं। हम तो अपने आप में बहुत तैयार हैं।

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    Yogesh Popere

    दिसंबर 3, 2025 AT 13:03

    ये सब बकवास है। बांग्लादेश वाले गरीब हैं, इसलिए इमारतें बुरी बनाते हैं। हमारे यहां तो अमीर लोग भी अवैध बनाते हैं। लेकिन इसका क्या फर्क? जो जिंदा रह गया, वो जीत गया।

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    Manoj Rao

    दिसंबर 3, 2025 AT 20:38

    ये भूकंप... ये तो एक टेस्ट है। एक ऐसा टेस्ट जिसे किसी ने बनाया है - कोई अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी जो जानती है कि हम कितने अनियोजित हैं। ये नहीं हो सकता कि ये बस प्राकृतिक हो। इसके पीछे कुछ और है।

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    Alok Kumar Sharma

    दिसंबर 4, 2025 AT 19:37

    फिर भी तुम बातें कर रहे हो? 10 लोग मरे हैं - और तुम इसके बारे में टिप्पणी कर रहे हो? बस इतना ही कहना है - तुम लोगों को बेहतर इंसान बनना चाहिए।

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    Tanya Bhargav

    दिसंबर 5, 2025 AT 22:51

    मैंने अपने घर के दरवाजे पर एक छोटा सा बैकअप बैग रख दिया है - पानी, बैटरी, दवाइयां। बस इतना करने से भी कुछ बच सकता है। अगर आप भी करेंगे, तो ये दुनिया थोड़ी सी बेहतर हो जाएगी।

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    Sanket Sonar

    दिसंबर 7, 2025 AT 13:11

    प्लेट टेक्टोनिक्स के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के तल पर एक रिवर्स थ्रस्ट फॉल्ट एक्टिव है। इसकी एनर्जी अभी भी एक्यूम्यूलेट हो रही है। अगला इवेंट 6.8-7.2 के बीच होगा। ये बस एक प्रीलूड है।

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    Sabir Malik

    दिसंबर 8, 2025 AT 12:36

    जब मैं बच्चा था, तो मेरे दादाजी कहते थे - जमीन अगर हिले तो दरवाज़े खोल दो, खिड़कियां बंद कर दो। बच्चों को गोद में ले लो। आज तक उनकी बात सच है। आज हम इतने टेक्नोलॉजी-एडिक्ट हैं कि बुनियादी चीजों को भूल गए। ये भूकंप हमें याद दिला रहा है - जिंदगी की सबसे बड़ी चीज़ है इंसानी जीवन।

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    Debsmita Santra

    दिसंबर 9, 2025 AT 09:59

    मैंने अपने स्कूल में भूकंप ड्रिल की बात कही थी - तो सब हंसे। आज जब ये खबर आई, तो उन्हीं लोगों के बच्चे घर में अकेले थे। हमें बच्चों को शिक्षा देनी होगी - न कि बस फॉर्मलिटीज भरनी हों। एक अभ्यास एक जीवन बचा सकता है।

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    Vasudha Kamra

    दिसंबर 9, 2025 AT 13:38

    मैं एक इंजीनियर हूं। मैंने अपने शहर में एक छोटा सा ग्रुप बनाया है - हम घरों की जांच करते हैं और लोगों को बताते हैं कि कैसे बेहतर बनाएं। अगर आप भी चाहें, तो मिल सकते हैं। एक छोटा सा कदम, लेकिन असली बदलाव के लिए।

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    Abhinav Rawat

    दिसंबर 10, 2025 AT 10:50

    भूकंप तो बस एक घटना है - जैसे समय का एक पल। लेकिन जब हम उस घटना के बाद भी वही जीवन जीते रहते हैं, तो वो घटना बन जाती है एक दर्शन। जमीन ने कहा - तुम नहीं बने इंसान, तुम बने बिल्डिंग। अगर तुम बदल नहीं गए, तो अगली बार जमीन तुम्हें उखाड़ देगी।

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    Shashi Singh

    दिसंबर 12, 2025 AT 08:32

    ये भूकंप NASA ने बनाया है - ताकि हम लोगों को डरा सकें! देखो, अमेरिका ने 2020 में भी एक ऐसा ही एक्सपेरिमेंट किया था - जिसमें एक गांव गायब हो गया। ये सब एक बड़ा ट्रायल है - ताकि अगली बार हम सब डरकर उनकी बात मान लें।

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