एडिलेड में भारत की टीम ने जितनी की प्रतिष्ठा: नितीश कुमार रेड्डी ने देवता समान बल्लेबाजी से प्रतिस्पर्धा को गर्माया
दिस॰, 7 2024नितीश कुमार रेड्डी की विशेष पारी: भारतीय टीम का उद्धार
एडिलेड ओवल पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन का खेल भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक प्रेरणादायक प्रदर्शन के साथ समाप्त हुआ। भारतीय टीम जिस संकट में थी, उस समय २२ वर्षीय ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी ने बेहतरीन बल्लेबाजी कर टीम को उम्मीद की एक नई किरण दिखाई। नितीश ने मैदान में कदम रखा था तब भारतीय स्कोर 87 पर 5 विकेट के परिस्थिति में था। कप्तान रोहित शर्मा के आउट होते ही भारतीय बैटिंग लाइन-अप का हाल खस्ता हो चुका था।
इस कठिन घड़ी में, नितीश ने धैर्य और साहस के साथ 54 गेंदों में 42 रन बनाए, जिसमें तीन चौके और तीन आकर्षक छक्के भी शामिल थे। उनकी पारी को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वे ट्रैकिंग पर नहीं बल्कि बेहद आत्म-विश्वास के साथ खेल रहे हों। इस युवा खिलाड़ी की बल्लेबाजी का अंदाज़ बेहद आकर्षक था, जिसमें उन्होंने स्कॉट बोलैंड की बॉलिंग पर रिवर्स-स्कूप जैसे बेमिसाल शॉट्स खेले। इस तरह के अनपेक्षित शॉट्स देखकर दर्शक स्टेडियम में ख़ुशी से झूम उठे।
लक्ष्य चुनौतीपूर्ण लेकिन युवा का हौसला आसमानी
जब नितीश क्रीज पर आए, तो भारतीय टीम के सामने एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। विकेटों के लगातार गिरने के बीच उन्होंने न केवल स्कोर को आगे बढ़ाया, बल्कि टीम को 87-5 की खराब स्थिति से 180 के सम्मानजनक स्कोर तक लेकर गए। इस दौरान उन्होंने कुछ कड़े बाउलर्स का सामना किया और स्कॉट बोलैंड के खिलाफ उनके हौसले दिखा। नितीश की तारीफ में कई विशेषज्ञों ने कहा कि उनके अंदर एक गुण है जो दबाव के समय में भी उन्हें अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता है।
पहले टेस्ट मैच में भी उन्होंने पर्थ में भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए थे। उन्होंने 41 रन बनाए, और फिर दूसरी पारी में 27 गेंदों में 38 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। इस युवा की कमजोरी से उबरने की क्षमता और मैच परिस्थितियों को संभालने की अदा ने हर क्रिकेट प्रेमी का दिल जीत लिया।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने नितीश का शौर्य प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के मुख्य रणनीतिकार मिचेल स्टार्क, जिन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6-48 का आँकड़ा हासिल किया, ने अधिकतर भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया। लेकिन नितीश कुमार रेड्डी की बलशाली पारी के सामने वह भी फिसड्डी साबित हुए। उनकी साहसिक बल्लेबाजी ने भारतीय क्रिकेट का गौरव बढ़ाया और यह साबित किया कि सही समय पर सही प्रदर्शन किया जाए तो नामुमकिन कुछ नहीं।
भारत को दूसरी पारी को अपने पक्ष में करने के लिए नितीश की तरह ही अन्य बल्लेबाजों से भी अच्छे प्रदर्शन की आवश्यकता होगी। यह पारी दर्शाती है कि नितीश में कितना हौसला और क्षमता है, और इसमें संदेह नहीं कि भविष्य में वे भारतीय क्रिकेट के लिए धरोहर साबित होंगे। इस प्रकार, इस कठिन परिस्थिति में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका और खेल जीवंतता अद्वितीय थी।
क्रिकेट का जज्बा जिंदा है
नितीश की इस प्रदर्शन के बाद, प्रशंसकों में फिर से जीवंतता का संचार हुआ है। इनमें से कई प्रशंसकों का मानना है कि नितीश जैसे खिलाड़ी टीम के लिए प्रोत्साहन स्रोत हो सकते हैं। उनकी खेल में जो उत्कंठा और जोश है, वह उन्हें एक अलग पहचान दिलाता है। यह भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय है कि ऐसी युवा प्रतिभाएं मैदान पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। उनकी इस पारी ने न केवल वर्तमान की परिस्थिति को संभाला है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य की भी यह दास्तान लिखी है।