एशिया कप 2025: भारत-पाकिस्तान सुपर 4 में, ग्रुप बी में कांटे की दौड़

एशिया कप 2025: भारत-पाकिस्तान सुपर 4 में, ग्रुप बी में कांटे की दौड़

दो टिकट पहले ही कट चुके हैं—भारत और पाकिस्तान सुपर 4 में पहुंच चुके हैं। असली ड्रामा अब ग्रुप बी में लिखा जा रहा है, जहां हर ओवर, हर रन और नेट रन रेट तक मायने रख रहा है। यही तो एशिया कप 2025 को दिलचस्प बनाता है—बड़ी टीमें अपने नाम का बोझ संभाल रही हैं और उभरती टीमें मौका सूंघते ही दबाव बनाती दिख रही हैं।

ग्रुप ए: भारत-पाकिस्तान की बेफिक्र एंट्री, अब नजरें सुपर 4 की रणनीति पर

ग्रुप ए में तस्वीर साफ रही। भारत ने शुरुआत से नियंत्रण दिखाया—अनुशासित गेंदबाजी, बिजली-सी फील्डिंग और टॉप ऑर्डर की स्थिरता। पाकिस्तान ने भी पावरप्ले में विकेट चटकाने और डेथ ओवर्स में टाइट बॉलिंग से अपना रास्ता सुरक्षित किया। दोनों ने साबित किया कि बड़े टूर्नामेंटों में स्थिरता ही सबसे बड़ा हथियार है।

सुपर 4 की सेटिंग में हर टीम हर दूसरी टीम से भिड़ेगी। पॉइंट्स टेबल का गणित सीधा है—जीत पर 2 अंक, और बराबरी की स्थिति में नेट रन रेट (NRR) टाई-ब्रेक करेगा। ऐसे में भारत और पाकिस्तान जैसी टीमें सिर्फ जीत ही नहीं, जीत का मार्जिन भी दिमाग में रखती हैं। ये चरण अक्सर फाइनल की तरह ही दबाव बनाता है, क्योंकि यहां हर गलती महंगी पड़ती है और हर स्मार्ट कॉल बोनस जैसा लगता है।

रणनीतिक तौर पर अब बेंच स्ट्रेंथ, बैकअप कॉम्बिनेशन और पिच-पढ़ने की क्षमता चर्चा में आएगी। क्या स्पिन-हैवी अटैक बेहतर रहेगा या अतिरिक्त पेसर? क्या पावर हिटर को ऊपर प्रोमोट करना चाहिए? ऐसी छोटी-छोटी चालें ही नाक-आउट की राह बनाती हैं।

ग्रुप बी: श्रीलंका-बांग्लादेश आगे, अफगानिस्तान की उम्मीदें जिंदा—निर्णय NRR तक जा सकता है

ग्रुप बी: श्रीलंका-बांग्लादेश आगे, अफगानिस्तान की उम्मीदें जिंदा—निर्णय NRR तक जा सकता है

ग्रुप बी में कहानी उलझी हुई पर रोमांचक है। श्रीलंका और बांग्लादेश ने आगे निकलकर क्वालिफिकेशन की मजबूत पोजिशन बना ली है, लेकिन अफगानिस्तान ने भी मौका छोड़ा नहीं है। यहां तस्वीर इतनी करीबी है कि एक बड़ा जीत-हार का मार्जिन पूरी तालिका बदल सकता है।

बांग्लादेश की राह दिलचस्प है। उनका अगला कदम काफी हद तक श्रीलंका के नतीजों पर टिका है—अगर श्रीलंका जीतते रहते हैं तो बांग्लादेश का काम आसान होता है, लेकिन अगर अफगानिस्तान किसी मैच में बड़ा अपसेट कर दे, तो मामला NRR तक जा सकता है। यही वजह है कि बांग्लादेश के लिए सिर्फ जीत नहीं, कंट्रोल्ड बॉलिंग और समय पर विकेट भी उतने ही जरूरी हैं ताकि रन रेट सुरक्षित रहे।

अफगानिस्तान की क्वालिफिकेशन विंडो छोटी है, पर बंद नहीं। उनका फॉर्मूला आमतौर पर तीन बातों पर टिकता है—अपने मैच में स्पष्ट जीत, दूसरे मुकाबले में अनुकूल नतीजा, और जहां तक हो सके NRR का झूला अपने पक्ष में झुलाना। इस टीम की खूबी है उनकी इंपैक्ट स्पिन और मिडल ओवर्स में विकेट निकालने की आदत; अगर टॉप ऑर्डर लंबा खेल गया, तो समीकरण अचानक उनके हक में मुड़ते देखे गए हैं।

क्वालिफिकेशन की संभावनाएं आम तौर पर ऐसे बनती-बिगड़ती दिखेंगी:

  • तीनों टीमों में से कोई दो समान अंकों पर हो सकती हैं—तब फैसला NRR से होगा।
  • अगर श्रीलंका एक और मैच मजबूत अंतर से जीतते हैं, तो बांग्लादेश पर दबाव घटेगा और अफगानिस्तान को बड़े अंतर से जीत की जरूरत बढ़ेगी।
  • अगर अफगानिस्तान बड़ा अपसेट करता है, तो बांग्लादेश को अपने मैच में सिर्फ जीत नहीं, बल्कि साफ-सुथरा मार्जिन चाहिए होगा।

यह सब क्यों महत्वपूर्ण है? क्योंकि सुपर 4 में पहुंचते ही मुकाबले और तगड़े हो जाते हैं—स्पिन के खिलाफ स्ट्राइक रोटेशन, डेथ ओवर्स की यॉर्कर-लेंथ, और पावरप्ले में रिस्क-मैनेजमेंट जैसे सूक्ष्म पहलू मैच का रुख पलट देते हैं। श्रीलंका के पास नई गेंद से शुरुआती झटके देने का कौशल है, बांग्लादेश दबाव के बीच 7 से 15 ओवर के बीच मैच पकड़ना जानता है, और अफगानिस्तान के स्पिनर किसी भी पिच पर जाल बुन सकते हैं।

फैन्स के लिए इसका मतलब साफ है—सुपर 4 में भारत-पाकिस्तान के साथ जो भी दो टीमें आएंगी, राइवलरी और रणनीति दोनों का स्तर ऊपर जाएगा। भारत के खिलाफ गुणवत्ता स्पिन का टेस्ट, पाकिस्तान के खिलाफ पेस-अटैक की परीक्षा, और क्लोज फिनिश में नर्व्स—ये सब मुद्दे खेल के केंद्र में रहने वाले हैं।

टूर्नामेंट के इस मोड़ पर छोटी-सी गलती भी सीढ़ी खिसका देती है। इसीलिए टीमें अब माइक्रो-मैनेजमेंट पर जोर देती हैं—टॉस के बाद तुरंत प्लान-बी सक्रिय करना, ओस या हवा की दिशा को ध्यान में रखकर बॉलिंग रोल तय करना, और फील्डिंग में उस एक कैच को न छोड़ना जो मैच की दिशा बदल दे। इस सूक्ष्म तैयारी का असर पॉइंट्स टेबल से ज्यादा, मोमेंटम पर दिखता है—और मोमेंटम ही बड़े टूर्नामेंट की असली करेंसी है।

जो भी हो, ग्रुप बी का आखिरी चरण कई सवालों के जवाब देगा—क्या श्रीलंका अपनी बढ़त बचाए रखेगा? क्या बांग्लादेश नेट रन रेट की खाई से दूर रह पाएगा? और क्या अफगानिस्तान उस एक बड़े दिन का इंतजार कर रहा है, जो पूरे समीकरण को हिला दे? जवाब आने वाले कुछ घंटों और कुछ ओवरों के भीतर मिलेंगे।