GNG Electronics IPO: रिफर्बिश्ड ICT डिवाइस बाजार में नई दिशा

GNG Electronics IPO: रिफर्बिश्ड ICT डिवाइस बाजार में नई दिशा

IPO की मुख्य बातें और बाजार प्रतिक्रिया

मुंबई के GNG Electronics ने 23 जुलाई को अपना IPO लॉन्च किया और 25 जुलाई को क्लोज़ कर दिया। शेयर बैंड ₹225‑₹237 के बीच तय किया गया, जबकि न्यूनतम लॉट साइज 63 शेयर था, यानी ₹14,175 की न्यूनतम रिटेल निवेश आवश्यकता। कुल इश्यू साइज ₹460.44 करोड़ रहा, जिसमें ₹400 करोड़ का नया इश्यू (1,68,77,637 शेयर) और ₹60.44 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (25,50,000 शेयर) शामिल था।

ग्रे मार्केट में ट्रेडर्स ने लगभग ₹30‑₹45 की प्रीमियम देखी, जो बैंड के ऊपर 12‑18% की संभावित लिस्टिंग रिटर्न दर्शाता है। अगर प्रीमियम ₹40 के आसपास स्थिर रहा, तो लिस्टिंग प्राइस लगभग ₹277 तक पहुंच सकती थी, जो निवेशकों के लिए एक आकर्षक मौका बन गया।

  • रिटेल निवेशकों के लिये अधिकतम 13 लॉट (819 शेयर) की अनुमति, निवेश राशि ₹1,94,103 तक।
  • छोटे HNI को 14 लॉट (₹2,09,034) और बड़े HNI को 67 लॉट (₹10,00,377) दिया गया।
  • ऑलोकेशन में 35% रिटेल, 50% QIB और 15% NII को आवंटित किया गया।
भविष्य की संभावनाएँ और कंपनी का दृष्टिकोण

भविष्य की संभावनाएँ और कंपनी का दृष्टिकोण

‘Electronics Bazaar’ के नाम से कारोबार करने वाली GNG Electronics, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैबलेट, सर्वर, स्मार्टफ़ोन और संबंधित एक्सेसरीज़ को रीफ़र्बिश करने में विशेषज्ञ है। यह भारत की सबसे बड़ी Microsoft‑अधिकृत रीफ़र्बिशर होने के साथ‑साथ HP और Lenovo जैसी वैश्विक तकनीकी कंपनियों की प्रमाणित पार्टनर भी है।

कंपनी ने भारत, USA, यूरोप, अफ्रीका और यूएई में अपने ऑपरेशन स्थापित किए हैं, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति और भी मजबूत हुई है। उनका एंड‑टू‑एंड रीफ़र्बिशमेंट मॉडल—सोर्सिंग से लेकर वारंटी तक—इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कम करके पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देता है। यही सततता पहलू ESG (पर्यावरण‑समाज‑शासन) निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

IPO की सफलता ने न केवल कंपनी के पूंजी जुटाने में मदद की, बल्कि भारतीय रिफर्बिशमेंट सेक्टर में विश्वास का भी इज़हार किया। अब GNG Electronics को अपने तकनीकी साझेदारियों को गहरा करने, नई बाजारों में प्रवेश करने और रीफ़र्बिशमेंट प्रक्रियाओं को तेज़ एवं किफ़ायती बनाने के लिए अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल करने की उम्मीद है। इस कदम से न केवल शेयरहोल्डर्स को रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ेगी, बल्कि देश में ई‑वेस्ट समस्या को घटाने में भी एक महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

GNG Electronics IPO ने भारतीय शेयर बाजार में नई ऊर्जा का संचार किया है, और इस दिशा में आगे क्या‑क्या संभावनाएँ खुलेंगी, वक्त ही बताएगा।

11 टिप्पणि

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    Shruti Singh

    सितंबर 27, 2025 AT 19:26
    ये IPO तो बस जमकर धमाका कर रहा है! रिफर्बिश्ड इलेक्ट्रॉनिक्स में इतना विश्वास दिखाना भारत के लिए बहुत बड़ी बात है। अब तक जो लोग रीफ़र्ब को गंदा समझते थे, वो अब शायद झुक जाएंगे।
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    Kunal Sharma

    सितंबर 29, 2025 AT 14:31
    इसका जो बैंड ₹225-237 है वो तो बिल्कुल बेकार है। अगर ये कंपनी वाकई इतनी अच्छी है तो इसकी वैल्यू ₹300+ होनी चाहिए थी। ये तो सिर्फ़ एक फैक्टिव लिस्टिंग है जिसे बैंकर्स ने ग्रे मार्केट के प्रीमियम के आधार पर बनाया है। असली मूल्य तो बाद में पता चलेगा जब ये लिस्ट होकर अपनी खुद की कहानी बनाने लगेगी।
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    Raksha Kalwar

    सितंबर 30, 2025 AT 11:38
    GNG का मॉडल असली इनोवेशन है। सिर्फ़ रीफ़र्ब करना नहीं, बल्कि एंड-टू-एंड सप्लाई चेन को एक्सपर्ट बनाना, जिसमें वैश्विक पार्टनरशिप्स और ESG कॉम्प्लायंस शामिल हैं-ये भारत के लिए एक नया नमूना है। इसे अपनाने वाली कंपनियों को सरकार को टैक्स इन्सेंटिव्स देने चाहिए।
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    himanshu shaw

    अक्तूबर 1, 2025 AT 18:44
    इसके पीछे क्या निवेशक हैं? QIBs का 50% हिस्सा तो किसी बड़े फंड का होगा। और रिटेल का 35%? वो तो ग्रे मार्केट में प्रीमियम देकर बाजार बना रहे हैं। ये लिस्टिंग बिल्कुल भी डेमोक्रेटिक नहीं है। अगर ये सच में एक एक्सप्लोरेटिव बिज़नेस है तो इसके फाइनेंशियल्स को अभी तक कोई ऑडिट नहीं कर रहा।
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    Rashmi Primlani

    अक्तूबर 2, 2025 AT 23:49
    एक निवेशक के रूप में मैं यह देखती हूँ कि रीफ़र्बिश्ड इलेक्ट्रॉनिक्स का बाजार भारत में अभी बहुत नौजवान है। लेकिन इसका असली बल तो यह है कि यह एक स्थायी विकल्प बन रहा है। ये कंपनी ने सिर्फ़ लाभ नहीं बल्कि जिम्मेदारी को भी बाजार में लाया है। अगर और कंपनियाँ इस दिशा में आएं तो हम एक नई इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम बना सकते हैं।
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    harsh raj

    अक्तूबर 3, 2025 AT 00:48
    मैंने इस IPO को खरीदा है और अभी तक कोई शिकायत नहीं। ये कंपनी वाकई अलग है। एक छोटे शहर के लड़के के तौर पर मैंने देखा है कि लोग अब रीफ़र्ब लैपटॉप लेने में शर्म नहीं महसूस करते। ये बदलाव बहुत बड़ा है। और हाँ, ग्रे मार्केट का प्रीमियम भी असली है।
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    Prakash chandra Damor

    अक्तूबर 4, 2025 AT 04:44
    क्या ये कंपनी अपने रीफ़र्ब प्रोसेस में डेटा सुरक्षा के बारे में कुछ कहती है क्या उनके पास एक ब्लूप्रिंट है या ये सिर्फ़ बातें हैं जो इन्वेस्टर्स को खुश करने के लिए बनाई गई हैं
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    Rohit verma

    अक्तूबर 6, 2025 AT 00:00
    ये बहुत बढ़िया है! एक नई जगह से नया बिज़नेस मॉडल आ रहा है। इसके साथ हम ई-वेस्ट कम कर सकते हैं और युवाओं को नौकरियाँ भी दे सकते हैं। अगर ये सफल हुआ तो देश के लिए ये एक नया रास्ता बन जाएगा।
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    Arya Murthi

    अक्तूबर 7, 2025 AT 15:58
    इसके पीछे का विज़न बहुत अच्छा है। लेकिन अगर ये कंपनी अपने ऑपरेशन्स को अभी भी छोटे शहरों में फैलाती है तो ये असली सफलता होगी। अभी तो बस बड़े शहरों में ही बातें हो रही हैं।
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    Manu Metan Lian

    अक्तूबर 9, 2025 AT 03:50
    यह तो बहुत आम बात है। एक छोटी कंपनी जो रीफ़र्ब करती है, उसने IPO किया। इसके बाद क्या? इसके फाइनेंशियल्स में कोई ट्रांसपेरेंसी नहीं। और ये ESG का जिक्र करना? ये सिर्फ़ एक ट्रेंड है। असली वैल्यू तो बाद में आएगी।
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    Debakanta Singha

    अक्तूबर 10, 2025 AT 05:53
    रीफ़र्ब इलेक्ट्रॉनिक्स बस एक ट्रेंड नहीं, ये ज़रूरत है। भारत में लाखों लोग नए डिवाइस नहीं खरीद सकते। ये कंपनी उनके लिए एक समाधान है। अगर ये बढ़ेगा तो देश के लिए ये एक जीत होगी।

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