गुड़गाँव थर हादसे में 5 की मौत, एक गंभीर रूप में बचे

जब Mahindra & Mahindra की थर SUV रात के करीब 4:30 एएम दिल्ली‑गुड़गाँव एक्सप्रेसवे पर नियंत्रण से बाहर हो गई, तो उसके अंत में पाँच लोगों की मौत और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना जहरसा चौक के पास, राष्ट्रीय हाईवे के निकास 9 पर घटी, जहाँ तेज रफ्तार ने सड़कों को खतरे में डाला।
घटना की पृष्ठभूमि
अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में भी मोटर वाहन अतिरक्त गति से चलाने के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, और इस दुर्घटना ने फिर से इस समस्या को उजागर कर दिया। 27 सितंबर 2025 को, छह दोस्त‑मित्रों के एक समूह ने गुरुग्राम के सिग्नेचर टॉवर के एबोला क्लब में देर रात तक समय बिताया, फिर वे अपने घर लौटने की कोशिश में थे। चालक ने एक्सिट 9 के मोड़ को लेते समय ब्रेक लगाने की कोशिश की, पर 100 किमी/घंटा से अधिक गति पर वाहन ने ग्रिल बाड़ को टक्कर मार दी और कई बार उलट‑पलट हो गया।
मृतकों की पहचान व स्थिति
प्रतिस्था मिश्रा, 25 साल की, पिता चंद्रमाणी मिश्रा की बेटी, उत्तर प्रदेश के रायबरेली से थीं। उनकी मौत तुरंत जगह पर ही हो गई।
दूसरी पीड़िता आदित्य प्रताप सिंह, 30 साल के, पिता यतेंद्र पाल सिंह के बेटे, आगरा, उत्तर प्रदेश के रहे। भी उसी समय बेशर्म बिंदु पर नहीं बच पाई।
तीसरे शहीद गौतम, 31 साल के, पिता युधवीर सिंह के बेटे, सोनीपत के निवासी, लेकिन ग्रीनर नॉइडा में रह रहे थे। उनकी भी पहचान तय हो चुकी है।
चौथी शहीद लावण्या, 26 साल की, पिता देवेंद्र पाल की बेटी, आगरा से थीं। पहले डॉक्टरों ने जीवन के संकेत देखे, पर अंत में मौत इसे घोषित कर दी।
पाँचवीं और अंतिम मृतक अदिति सोनी, 25 साल की, दिल्ली के ग्रेटर कैलाश निवासी। वह भी घटनास्थल पर ही नहीं बची।
बची हुई एक ही जान, कपिल शर्मा, 28 साल के, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले, वर्तमान में Medanta Hospital में गंभीर अवस्था में इलाज में हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
रात 5:02 एएम पर पुलिस के इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने घटना की सूचना प्राप्त की और तुरंत स्थल पर पहुँची। लोगों का कहना है कि थर ने ग्रिल को इतनी ज़ोर से टक्कर मारी कि वाहन का ढांचा बिखर गया। पुलिस ने वाहन को impound किया और अब तक वह सेक्टर 40 पुलिस स्टेशन के बाहर कवर किया हुआ रखा है।
जांच के तहत ड्राइवर के लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और कार की टायर‑ट्रैक्स की जाँच चल रही है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर मिले एक वीडियो को प्रमाण के तौर पर दर्ज किया, जिसमें दुर्घटना से कुछ सेकंड पहले तेज रफ़्तार पर चलती थर दिखाई देती है।

सड़क सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने फिर से सवाल खड़ा कर दिया कि तेज गति वाले वाहन, विशेषकर Mahindra Thar, को सड़क पर किस हद तक चलाने की अनुमति होनी चाहिए। पिछले महीने दिल्ली के मोती नगर में भी एक थर ने एक बाइक को धक्का मार कर एक मौत का कारण बना था। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सख्त गति सीमा, एंटी‑स्किड सिस्टम और ड्राइवर प्रशिक्षण अनिवार्य हो जाना चाहिए।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक सदस्य ने कहा, “ऐसे वाहन जो ऑफ‑रोड के लिए बनाए गये हैं, उन्हें आम सड़क पर उतनी ही तेज गति पर नहीं चलाना चाहिए। राज्य सरकारों को इस दिशा में सख्त नियम बनाना चाहिए।”
भविष्य की संभावनाएँ और चेतावनी
इस दुर्घटना के बाद, कई लोग वाहनों की शर्तें और मुसीबतों से बचने के उपायों पर चर्चा कर रहे हैं। यदि आप भी तेज गति वाले SUV चलाते हैं तो कृपया गाड़ी की रख‑रखाव, टायर प्रेशर और ब्रेक की परीक्षा नियमित रूप से कराएँ।
जहरसा एक्सिट पर लगने वाले ठहराव संकेतकों की भी पुनः समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न दोहराई जाये।
Frequently Asked Questions
इस दुर्घटना का कारण क्या बताया गया है?
प्राथमिक जांच से पता चला है कि ड्राइवर ने 100 किमी/घंटा से अधिक गति से जहरसा एक्सिट पर मोड़ लेते समय ब्रेक लगाने की कोशिश की, पर वाहन ग्रिल बाड़ से टकराकर उलट‑पलट हो गया। तेज गति और मोड़ की असमर्थता मुख्य कारण मानी जा रही है।
कौन‑कौन से लोग मारे गये और उनका संबंध क्या था?
पीड़ितों में प्रतिस्था मिश्रा, आदित्य प्रताप सिंह, गौतम, लावण्या, और अदिति सोनी शामिल हैं। सभी उत्तर प्रदेश या दिल्ली के रहने वाले थे और उन्होंने कानून कॉलेज, ग्रेटर नॉइडा से पढ़ाई की थी।
बचे हुए व्यक्ति की स्थिति क्या है?
एकमात्र जीवित रहने वाला कपिल शर्मा वर्तमान में Medanta Hospital में गंभीर अवस्था में भर्ती है। डॉक्टरों ने कहा है कि उसकी स्थिति स्थिर है, पर जीवन‑रक्षक उपाय जारी हैं।
पुलिस ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?
पुलिस ने थर को जब्त कर लिया, घटनास्थल की फोरेंसिक जांच शुरू की और ड्राइवर के लाइसेंस व कार के रजिस्ट्रेशन की जाँच कर रही है। साथ ही, सोशल मीडिया पर मिले वीडियो को सबूत के रूप में दर्ज किया गया है।
भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए क्या उपाय हो सकते हैं?
विशेषकर तेज रफ़्तार वाले SUV के लिए गति सीमा को कड़ाई से लागू करना, एंटी‑स्किड ब्रेकिंग सिस्टम की अनिवार्यता, और ड्राइवर्स के लिए नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण की सिफ़ारिश विशेषज्ञों ने की है। साथ ही, एक्सिट के मोड़ पर बेहतर संकेतक और बंपर की व्यवस्था से भी दुर्घटना की संभावनाएँ घटेंगी।
Ashish Kumar
अक्तूबर 4, 2025 AT 18:51यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हमें फिर से याद दिलाता है कि तेज गति और बेपरवाही का परिणाम कितना भयानक हो सकता है। जब ड्राइवर 100 किमी/घंटा से अधिक रफ्तार के साथ मोड़ लेने की कोशिश करता है, तो नियंत्रण खोना आम बात बन जाता है। थर जैसी ऑफ‑रोड वाहन को शहर की सड़कों पर ऐसी गति से चलाना सुरक्षित नहीं है। कानून की कड़ाई से पालना नहीं होने पर अनगिनत परिवारों को शोक के कावण झेलने पड़ते हैं। यही कारण है कि हमें सख्त दंड और जागरूकता अभियानों को लागू करना चाहिए।