HSRP अनिवार्य: पुराने नंबर प्लेट पर रोक, दिल्ली में ELV को फ्यूल नहीं

HSRP अनिवार्य: पुराने नंबर प्लेट पर रोक, दिल्ली में ELV को फ्यूल नहीं

रिपोर्ट: अनुषा

नंबर प्लेट अब सिर्फ पहचान नहीं, सुरक्षा और पर्यावरण की चाबी है। राज्यों ने पुरानी प्लेटों पर सख्ती शुरू कर दी है और हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HSRP को अनिवार्य बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ, दिल्ली-एनसीआर में तय उम्र पार कर चुकी गाड़ियों को फ्यूल नहीं मिलेगा—कैमरे सीधे नंबर प्लेट पढ़कर सिस्टम से मिलान कर रहे हैं।

HSRP: समयसीमा, सख्ती और आपके लिए इसका मतलब

महाराष्ट्र सरकार ने 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर हुए वाहनों पर HSRP लगाने की डेडलाइन एक बार फिर बढ़ाकर नवंबर 2025 के अंत तक कर दी है। यह चौथा विस्तार है—पहले मार्च, फिर अप्रैल-अंत, जून-अंत और 15 अगस्त 2025 तक की समयसीमाएं तय की गई थीं।

राज्य परिवहन आयुक्त विवेक भिमनवार के निर्देश पर RTO दफ्तरों को साफ आदेश हैं: जिन वाहनों पर HSRP नहीं लगा है, उन्हें कई सेवाएं नहीं मिलेंगी। उद्देश्य साफ है—बिना जुर्माने की औपचारिकता के, सुविधा रोककर अनुपालन कराना।

  • स्वामित्व हस्तांतरण (ट्रांसफर) रोका जाएगा।
  • पता बदलना (चेंज ऑफ एड्रेस) मंजूर नहीं होगा।
  • हाइपोथिकेशन जोड़ने/हटाने की प्रक्रिया अटकेगी।
  • उड़न दस्तों द्वारा जब्त वाहन HSRP लगने तक रिलीज नहीं होंगे।
  • री-रजिस्ट्रेशन, वाहन में बदलाव (मॉडिफिकेशन) और परमिट नवीनीकरण भी रुकेगा।

किसे HSRP लगाना है? सामान्य नियम यह है कि 1 अप्रैल 2019 के बाद फैक्ट्री-फिटेड HSRP वाली नई गाड़ियां आती हैं। इससे पहले रजिस्टर हुई गाड़ियों को HSRP लगवाना होगा। प्लेटें स्टैंडर्डाइज्ड होती हैं—एल्यूमिनियम की, यूनिक लेज़र-कोडिंग के साथ, नॉन-रीयूजेबल स्नैप-लॉक से फिट होती हैं और छेड़छाड़ तुरंत पकड़ी जाती है।

इसके साथ एक कलर-कोडेड थर्ड स्टिकर भी आता है जो फ्यूल टाइप दिखाता है। चोरी की वारदातों में प्लेट स्वैपिंग रोकने और ई-चालान/टोल/एन्फोर्समेंट के लिए HSRP बेहद महत्वपूर्ण है।

HSRP लगवाने की प्रक्रिया सीधी है: अपने वाहन निर्माता के अधिकृत डीलर/एजेंसी या राज्य के मान्यता प्राप्त विक्रेता के पास ऑनलाइन स्लॉट बुक करें, RC और आईडी विवरण जमा करें, और फिटमेंट के लिए वाहन ले जाएं। शुल्क वाहन के प्रकार और राज्य पर निर्भर करता है। किसी अनधिकृत प्लेट/स्टीकर से बचें—RTO/निर्माता की सूची से ही एजेंसी चुनें।

सख्ती कैसे होगी? कागजी चालान के अलावा, सबसे बड़ा दबाव सेवा-निषेध है—HSRP बिना कई RTO काम रुकेंगे। उड़न दस्ते सड़कों पर जांच कर रहे हैं और जब्त वाहन HSRP लगने तक छोड़ नहीं रहे।

दिल्ली-एनसीआर: ELV पर फ्यूल बैन, ANPR से ऑन-द-स्पॉट जांच

दिल्ली-एनसीआर: ELV पर फ्यूल बैन, ANPR से ऑन-द-स्पॉट जांच

दिल्ली ने 1 नवंबर 2025 से एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों (ELV) पर फ्यूल बैन लागू कर दिया है। नियम साफ है—15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहन दिल्ली और आसपास के पांच घनी आबादी वाले जिलों (गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, सोनीपत) में फ्यूल नहीं भरवा पाएंगे। यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2026 से पूरे एनसीआर में फैल जाएगी।

लागू कैसे हो रहा है? पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगे हैं। कैमरा आपकी नंबर प्लेट स्कैन करता है, VAHAN डेटाबेस से रजिस्ट्रेशन/उम्र की जांच होती है, और अगर गाड़ी ELV श्रेणी में है तो अटेंडेंट को फ्यूल न देने का अलर्ट मिल जाता है। अमल के पहले ही दिन 80 वाहन पकड़े गए—67 दोपहिया, 12 कारें और कुछ हल्के वाणिज्यिक वाहन।

यह कदम सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पुराने आदेशों पर आधारित है, जिनमें दिल्ली में ELV के परिचालन पर पाबंदी है क्योंकि ये प्रदूषण में असमान रूप से ज्यादा योगदान करते हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने 2025 में Environment Protection (End-of-Life Vehicles) Rules अधिसूचित किए हैं, जिनमें वाहन निर्माताओं पर विस्तारित उत्पादक जवाबदेही (EPR) तय की गई—पुरानी गाड़ियों को जिम्मेदारी से स्क्रैप कराने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है।

साथ ही सड़क परिवहन मंत्रालय की वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत देशभर में जनवरी 2025 तक 84 रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (RVSF) चालू हैं। स्क्रैपिंग का तरीका सरल है—RVSF पर वाहन और RC के साथ जाएं, वाहन का डि-पॉल्यूशन/डिसमेंटलिंग प्रमाणित तरीके से होता है और आपको डिजिटल स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट/डिपॉजिट मिलता है। कई राज्यों में नए वाहन पर कर/रजिस्ट्रेशन में कुछ रियायतें भी मिल सकती हैं—शर्तें राज्य-दर-राज्य बदलती हैं।

नौकरी बदली, शहर बदला—क्या हर बार नई नंबर प्लेट? सरकार ने ऐसे लोगों के लिए BH सीरीज नंबर प्लेट शुरू की है। यह पूरे देश में मान्य है, इसलिए अलग-अलग राज्यों में री-रजिस्ट्रेशन की झंझट नहीं। फॉर्मेट सरल है—रजिस्ट्रेशन का साल, ‘BH’ (भारत), फिर चार कंप्यूटर-जनित अंक और दो अक्षर (I और O छोड़कर)। योग्यता आमतौर पर केंद्र/राज्य कर्मियों, पीएसयू/रक्षा और निजी कंपनियों के उन कर्मचारियों के लिए है जिनके संगठन की उपस्थिति कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में हो। टैक्स किस्तों में जमा होता है, इसलिए ट्रांसफर पर बोझ कम पड़ता है।

क्या आपके मन में ये सवाल हैं?

  • मेरी पेट्रोल कार 14 साल पुरानी है—क्या मैं दिल्ली में चला सकता/सकती हूं? हां, लेकिन 15 साल पार होते ही वह ELV श्रेणी में होगी और दिल्ली में फ्यूल/संचालन बंद। अन्य राज्यों के नियम अलग हो सकते हैं—स्थानीय परिवहन नियम देखें।
  • मेरी डीजल SUV 10 साल 3 महीने पुरानी है—क्या NCR में फ्यूल मिलेगा? नहीं, जहां-जहां बैन लागू है वहां नहीं।
  • अगर ANPR ने प्लेट गलत पढ़ ली? RC, उत्सर्जन प्रमाणपत्र और वैधता दिखाएं, पंप/एन्फोर्समेंट टीम ऑन-द-स्पॉट मिलान कर सकती है। VAHAN पर विवरण अपडेट रखें और गलत अलर्ट पर शिकायत दर्ज कराएं।
  • HSRP नहीं है, पर अभी गाड़ी नई है—क्या करें? जल्द स्लॉट बुक कराएं; RTO सेवाएं रोके जाने से पहले फिटमेंट करा लें।

आपके लिए तुरंत करने वाली चेकलिस्ट:

  • अपने वाहन की HSRP स्थिति और थर्ड स्टिकर देखें; अगर नहीं है तो अधिकृत एजेंसी से स्लॉट लें।
  • RC पर रजिस्ट्रेशन की तारीख जांचें—दिल्ली/एनसीआर में ELV सीमा पार तो स्क्रैपिंग पर विचार करें।
  • VAHAN पर मालिकाना हक, पता और हाइपोथिकेशन विवरण अपडेट रखें—ANPR मिलान त्रुटियां कम होंगी।
  • यदि नौकरी/स्थान ट्रांसफरेबल है तो BH सीरीज की पात्रता जांचें।
  • स्क्रैपिंग के लिए निकटतम RVSF की जानकारी जुटाएं और दस्तावेज तैयार रखें।
  • फिटमेंट के बाद प्लेट/स्टिकर साफ-साफ पढ़ने लायक रखें; टूटी/मुड़ी प्लेट तुरंत बदलवाएं।

यह पूरी कवायद दो लक्ष्य साधती है—सड़क सुरक्षा और स्वच्छ हवा। स्टैंडर्ड प्लेटें चोरी-छुपे प्लेट बदलने के खेल को मुश्किल बनाती हैं, और ELV हटने से धुआं-धूल कम होता है। राज्य सेवाओं की सशर्त उपलब्धता और फ्यूल बैन जैसी तकनीक-आधारित निगरानी से सिस्टम तेज, पारदर्शी और छेड़छाड़-रोधी बन रहा है।