Ind vs Eng 3rd Test: जो रूट के शतक और गेंदबाज़ों की दमदार वापसी से इंग्लैंड ने भारत को हराया
लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड की जबरदस्त वापसी
लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट रोमांच से भरपूर रहा। इंग्लैंड ने आख़िरी दिन भारत को 193 रन से हराकर मुकाबले को एकतरफा बना दिया, जबकि अधिकांश समय दोनों टीमों में जबरदस्त टक्कर रही। भारतीय गेंदबाज़ों के लिए ये मुकाबला किसी परीक्षा से कम नहीं रहा, खासतौर पर चौथे दिन शाम के समय जब लाइट की समस्या ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। ब्रायडन कार्स की गेंदबाज़ी के समय गेंद पकड़ना और पहचानना मुश्किल हो गया, जिससे इंग्लिश बल्लेबाज़ों को फायदा मिला।
इंग्लैंड की जीत के पीछे सबसे बड़ा हाथ जो रूट का रहा। उन्होंने न सिर्फ अपनी क्लास दिखाते हुए शानदार शतक लगाया, बल्कि आखिरी पारी में साझेदारी बनाकर भारत की कमज़ोरियों को सामने ला दिया। वोक्स की ऑलराउंड परफॉर्मेंस ने भी टीम को मजबूती दी। भारतीय गेंदबाज़ लाइन-लेंथ ढूंढने में परेशान दिखे, खासकर तब जब सूरज छिपने के बाद “ड्यू” का असर भी बढ़ गया। कई बार खिलाड़ियों ने अंपायर से रोशनी की शिकायत भी की, लेकिन खेल रुकने की जगह जारी रहा।
भारतीय टीम की चुनौतियां और इंग्लैंड की रणनीति
इस मैच में भारत की सबसे बड़ी समस्या रही उनकी धीमी ओवररेट और दबाव में ढलने की कमी। सीमर्स को गेंद में स्विंग नहीं मिली और स्पिनर भी ज्यादा असर नहीं छोड़ पाए। वहीं इंग्लैंड के गेंदबाजों ने रणनीतिक फील्डिंग और अनुशासित लाइन लेंथ से भारत को बैकफुट पर डाल दिया। मैच का टर्निंग प्वाइंट वही रहा जब भारत की बल्लेबाजी दूसरी पारी में बिखर गई और इंग्लैंड ने छोटे-छोटे ब्रेक के बीच लगातार विकेट निकाले।
रोशनी की खराबी टेस्ट क्रिकेट में नया मुद्दा नहीं है, लेकिन इस मैच में इसका साफ़ असर दिखा। इंग्लैंड इसमें अधिक अनुभवहीन नहीं, उन्होंने इन हालातों में खुद को ज्यादा चुस्त दिखाया। भारत की गलती यही रही कि वो तेजी से हालात के अनुसार खुद को ढाल नहीं पाए। इस वजह से सीरीज में अब इंग्लैंड का पलड़ा भारी दिख रहा है और आने वाले मैचों में भारत को अपनी रणनीति और फिटनेस पर काम करने की जरूरत है।
अब अगला मुकाबला काफी दिलचस्प रहने वाला है, क्योंकि दोनों ही टीमें अपना सबकुछ झोंक देने को तैयार हैं। लॉर्ड्स का यह टेस्ट हमें याद दिलाता है कि टेस्ट क्रिकेट में हालात और छोटे फैसले, मैच के नतीजे को पूरी तरह पलट सकते हैं।
Khaleel Ahmad
अगस्त 6, 2025 AT 06:07जो रूट ने जो शतक लगाया वो टेस्ट क्रिकेट की किताब से निकला हुआ था
Kunal Sharma
अगस्त 6, 2025 AT 22:07Raksha Kalwar
अगस्त 7, 2025 AT 17:10भारत को अगले मैच में अपनी टीम के अंदर के दबाव को समझने की जरूरत है
himanshu shaw
अगस्त 8, 2025 AT 15:09इस तरह के फैसले भारतीय क्रिकेट के लिए एक नियमित अभ्यास बन चुके हैं
Rashmi Primlani
अगस्त 9, 2025 AT 21:53इंग्लैंड की टीम ने अनुभव और शांति से खेला जबकि हमने अपनी अनुभवहीनता को दिखाया
ये निराशा नहीं बल्कि एक निर्देश है कि अगली बार क्या करना है
हमारे गेंदबाजों को ड्यू के साथ खेलने की अभ्यास जरूरी है
हमारे बल्लेबाजों को लाइट के बदलाव के साथ अपनी रणनीति बदलनी होगी
यहां तक कि अंपायर के साथ बातचीत भी एक कौशल है
हमें इस तरह के मैचों में जीतने के लिए अपनी तैयारी को फिर से डिज़ाइन करना होगा
ये एक निर्णायक पल है जो हमारे भविष्य को आकार देगा
हमें अपने बाहरी बहानों को छोड़कर अपने अंदर की कमजोरियों को स्वीकार करना होगा
और इसके बाद ही हम वास्तविक प्रगति कर पाएंगे
Prakash chandra Damor
अगस्त 10, 2025 AT 04:12Rohit verma
अगस्त 10, 2025 AT 14:15हमारे खिलाड़ियों ने बहुत कुछ सिखा है अब बस उसे अगले मैच में लागू करना है
हम वापस आएंगे और बहुत ज़बरदस्त तरीके से
Arya Murthi
अगस्त 11, 2025 AT 11:25लेकिन जब भारत की बल्लेबाजी बिखरी तो लगा जैसे कोई धीमी बारिश में बर्फ घुल रही हो
और जब गेंद छिप गई तो लगा जैसे आकाश ने अपना चेहरा छुपा लिया हो
इंग्लैंड ने इसे एक अंधेरे के नाटक में बदल दिया जहां हर गेंद एक अंतर्दृष्टि थी
भारत ने इसे एक भूल के रूप में लिया जबकि ये एक बड़ा संकेत था
ये मैच अभी भी चल रहा है बस अब ये दिमाग में है
Manu Metan Lian
अगस्त 13, 2025 AT 02:47यहां तक कि रूट के शतक को भी अलग-अलग तरीकों से व्याख्या किया जा सकता है
भारत की टीम ने जो खेला वह एक शिक्षाविद के लिए एक अध्ययन का विषय है
जबकि इंग्लैंड ने एक अभिजात वर्ग की तरह खेला जिसमें अनुशासन और शास्त्रीय विश्लेषण था
भारत की टीम के लिए यह एक निर्माणात्मक अपमान है जिसे निराशा के रूप में नहीं बल्कि एक उच्च विश्लेषणात्मक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए
हमारे टीम ने जो किया वह एक अर्थशास्त्री के लिए भी एक अध्ययन का विषय है
यहां तक कि लाइट की कमी भी एक तकनीकी चुनौती थी जिसे उपेक्षा कर दिया गया
अगर हम इसे एक विवाद के रूप में देखेंगे तो हम इसकी गहराई को नहीं समझ पाएंगे
यह एक ऐतिहासिक क्षण है जिसे अपने दिमाग से नहीं बल्कि अपने विवेक से समझना होगा