ईशान किशन ने शानदार वापसी की: दलीप ट्रॉफी में शतक से मचाई धूम
सित॰, 12 2024ईशान किशन का जोरदार कमबैक
ईशान किशन ने अपने करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में धमाकेदार वापसी की है। दलीप ट्रॉफी के दूसरे राउंड में भारत सी के लिए खेलते हुए, किशन ने शतक बनाकर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अपने आक्रामक बल्लेबाजी अंदाज के लिए मशहूर किशन ने इस बार भी कोई कसर नहीं छोड़ी।
नम्बर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए, किशन ने अपनी टीम को शुरुआती झटकों से उबारते हुए एक शानदार पारी खेली। शुरुआत में भारत सी के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान से बाहर चले गए थे, जिससे टीम की स्थिति मजबूत नहीं रही। इसके बाद, साई सुदर्शन और रजत पाटीदार भी जल्द ही आउट हो गए। ऐसे में किशन ने धैर्य के साथ पारी को संभाला और बाबा इंद्रजीत के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की।
तेजी से बनाए रन
किशन की बल्लेबाजी की आक्रामक शैली ने टीम को उभरने में मदद की। उन्होंने सिर्फ 48 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। उनका आत्मविश्वास और आक्रामकता उन्हें खास बनाती है। किशन ने अपने शतक के दौरान कुल 126 गेंदें खेलीं और 111 रनों की शानदार पारी खेली। इस पारी में किशन ने 14 चौके और 2 छक्के लगाए।
प्रथम श्रेणी में सातवां शतक
यह किशन का प्रथम श्रेणी में सातवां शतक था। आखिरी बार उन्होंने दिसंबर 2022 में झारखंड के लिए रणजी ट्रॉफी में शतक जड़ा था। लंबे समय बाद धरातल क्रिकेट में लौटने के बावजूद किशन ने साबित कर दिया कि वह अभी भी विपक्षी गेंदबाजों के लिए बड़ा खतरा हैं।
नंबर 4 पर बल्लेबाजी करना हमेशा से मुश्किल माना जाता है। इसमें संयम और धैर्य की जरूरत होती है, जो किशन ने इस पारी में दिखाया। उनका आक्रामकता और संयम का मिलाजुला रूप देखना दिलचस्प था। उन्होंने अपने शॉट्स के चयन में भी काफी सूझबूझ दिखाई और मौके का फायदा उठाते हुए स्कोर किया।
बीसीसीआई की आलोचना
इस मैच को लाइव टेलीकास्ट या स्ट्रीम नहीं किया गया था, जिसने फैंस के बीच नाराजगी पैदा कर दी। बीसीसीआई द्वारा इस नीतिगत निर्णय की काफी आलोचना हो रही है। किशन की फॉर्म को देखते हुए फैंस को उम्मीद थी कि इस मैच को टीवी पर दिखाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
ईशान का भविष्य
हालांकि यह मैच केवल एक शतक तक सीमित नहीं था। अधिक महत्वपूर्ण यह है कि किशन का यह प्रदर्शन उनके करियर के लिए कितना मायने रखता है। वेस्टइंडीज दौरे के बाद से ही उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था। लेकिन इस शतक के बाद किशन का दावा और भी मजबूत हो गया है।
हाल ही में बुची बाबू ट्रॉफी में भी किशन ने 114 रनों की पारी खेली थी, जो यह दर्शाती है कि वह फॉर्म में हैं और टीम में वापसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस शानदार प्रदर्शन के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय चयनकर्ता उन्हें कितनी तेजी से टीम में शामिल करते हैं।
आगामी चुनौतियाँ
ईशान किशन के लिए यह सफर अभी अंत नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत है। आगामी टूर्नामेंटों में उन्हें अपनी इस फॉर्म को बनाए रखना होगा और हमेशा की तरह आक्रामकता के साथ खेलते रहना होगा। टीम इंडिया में वापसी की राह में उन्हें कई और अहम मैचों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
किशन के फैंस उन्हें टीम इंडिया में देखने के लिए बेसब्र हैं, लेकिन किशन को अपनी पुरानी गलतियों से सीख लेते हुए आगे बढ़ना होगा। रणजी ट्रॉफी के कुछ मैचों में न खेलने के कारण उनका नाम बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से हट गया था। अब इन्हीं गलतियों को सुधारते हुए किशन ने अपने खेल से साबित कर दिया है कि वह अब और अधिक परिपक्व हो गए हैं।
किशन की इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए, यह कहना जरूरी है कि उनकी यह यात्रा न केवल उनके स्वयं के लिए बल्कि उनकी टीम और फैंस के लिए भी बेहद खास है।