ISL 2024-25: केरल ब्लास्टर्स ने चेन्नई में 11 साल बाद पहली जीत के साथ रचा इतिहास

ISL 2024-25: केरल ब्लास्टर्स ने चेन्नई में 11 साल बाद पहली जीत के साथ रचा इतिहास

चेन्नई में केरल ब्लास्टर्स की ऐतिहासिक जीत

अगर कोई फुटबॉल फैन इस सीजन की सबसे खास रात पहचानना चाहे, तो 30 जनवरी 2025 की है—जब केरल ब्लास्टर्स ने चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में चेन्नईयन FC को 3-1 से मात दी। सालों से चली आ रही हार की ये दीवार अचानक गिर पड़ी। करीब 11 साल बाद केरल ब्लास्टर्स ने चेन्नई में पहली बार जीत का स्वाद चखा और ISL इतिहास में अपना नया अध्याय लिख दिया।

इस मैच की शुरुआत में चेन्नईयन FC ने खूब दबदबा दिखाया और मैदान पर बॉल पर कंट्रोल रखा। लेकिन गेम का रुख बदलते देर नहीं लगी। केरल की तरफ से युवा खिलाड़ी कोरोउ सिंह ने जैसे ही मौका देखा, गोल दाग दिया। और वो भी किसी आम गोल की तरह नहीं—जिस उम्र में ज्यादातर खिलाड़ी प्रोफेशनल फुटबॉल की शुरुआत ही कर रहे होते हैं, 18 साल और 58 दिन के कोरोउ सिंह ISL के दूसरे सबसे युवा गोल स्कोरर बन गए।

युवाओं की चमक, उम्मीदों की नई किरण

युवाओं की चमक, उम्मीदों की नई किरण

कोरोउ सिंह का ये धमाकेदार गोल केरल ब्लास्टर्स की युवा नीति को पूरी तरह जस्टीफाई करता है। क्लब वैसे तो इस सीजन प्लेऑफ तक नहीं पहुंच पाया, लेकिन कोरोउ और बाकी युवा टैलेंट ने भरोसा जगा दिया है कि आने वाले सालों में ये टीम कुछ बड़ा कर सकती है।

केरल के कोचिंग सेटअप ने पिछले कुछ समय में युवाओं पर फोकस किया है—और यही स्ट्रेटजी टीम की रीढ़ बनने लगी है। मैच के दौरान जब चेन्नईयन FC भारी दिख रही थी, तभी केरल ने काउंटर अटैक में पूरे तीन गोल दाग दिए। उनके फॉरवर्ड्स ने शानदार फिनिशिंग के ज़रिए चेन्नई के डिफेंस को चौंका दिया।

केरल ब्लास्टर्स के लिए ये जीत सिर्फ एक मैच नहीं थी, ये आत्मविश्वास लौटाने का जरिया भी बनी। क्योंकि सीजन शुरू होने से पहले उम्मीदें बहुत थीं, लेकिन लगातार खराब प्रदर्शन से मनोबल गिर गया था। अब इस जीत से टीम को दोबारा खड़ा होने का हौसला मिलेगा।

  • युवा प्रतिभाओं को आगे लाना क्लब की प्राथमिकता बन गई है।
  • पिछला प्लेऑफ न बना पाना भले निराशाजनक रहा हो, लेकिन इस जीत से भविष्य की रणनीति मजबूत हुई है।
  • मैच के हीरो बने कोरोउ सिंह अब बेंचमार्क बन गए हैं, जिससे बाकी युवा खिलाड़ियों को भी मौका मिल सकता है।

अब केरल ब्लास्टर्स के समर्थकों को उम्मीद है कि क्लब अपनी युवा नीति और स्ट्रेटजिक साइनिंग्स के साथ अगले सीजन में और मजबूती से मैदान पर उतरेगा। चेन्नई जैसी जीतों से साफ है, फुटबॉल में किसी भी टीम के लिए इतिहास बदलना सिर्फ जुनून और नई सोच का खेल है।

16 टिप्पणि

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    Debakanta Singha

    अप्रैल 23, 2025 AT 11:36
    ये जीत सिर्फ एक मैच नहीं थी। केरल के युवा खिलाड़ियों ने दिखाया कि टैलेंट और हिम्मत से कुछ भी संभव है। चेन्नई के घर पर ऐसा करना बहुत मुश्किल होता है।
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    swetha priyadarshni

    अप्रैल 24, 2025 AT 07:10
    मैंने इस मैच को लाइव देखा था और वाकई ये एक ऐतिहासिक पल था। कोरोउ सिंह का गोल देखकर मेरी आँखें भर आईं। उसकी गति, उसकी फिनिशिंग, उसकी शांति-सब कुछ बिल्कुल अलग था। ये बच्चा भविष्य का नायक है। केरल ब्लास्टर्स ने युवाओं पर भरोसा किया और उन्होंने उस भरोसे को सच किया। अब बस इतना चाहिए कि ये युवा खिलाड़ी अपनी रफ्तार बरकरार रखें और लगातार अच्छा प्रदर्शन करें।
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    tejas cj

    अप्रैल 25, 2025 AT 03:27
    अरे यार ये सब बकवास है। केरल ने एक मैच जीता और सब इतिहास बना रहे हैं? चेन्नई ने तीन खिलाड़ी बाहर कर दिए थे वरना ये जीत नहीं होती। ये लोग बस बड़ा बनना चाहते हैं।
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    Chandrasekhar Babu

    अप्रैल 25, 2025 AT 19:48
    मैच के स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, केरल ब्लास्टर्स का पॉसेशन परसेंटेज 41% था, लेकिन उन्होंने 78% शूटिंग एफिशिएंसी दिखाई। ये एक अत्यंत असामान्य रिकॉर्ड है जो टीम की टैक्टिकल डिसिप्लिन को दर्शाता है। कोरोउ सिंह का गोल एक एक्सप्लोइटेड वैकेंसी का परिणाम था जो चेन्नई के डिफेंसिव फॉर्मेशन के लिए एक एक्सप्लोइटेड वैकेंसी थी।
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    Pooja Mishra

    अप्रैल 27, 2025 AT 00:56
    इस जीत के बाद मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है। ये सब युवा खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की बात है, लेकिन क्या इसका मतलब ये है कि अनुभवी खिलाड़ियों को बर्बाद कर दिया जाए? क्या हम अपने अनुभवी खिलाड़ियों को भूल रहे हैं? क्या ये सिर्फ एक ट्रेंड है या असली रणनीति?
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    Khaleel Ahmad

    अप्रैल 28, 2025 AT 09:49
    कोरोउ सिंह का गोल देखकर लगा जैसे कोई नया तूफान आ रहा हो। ये टीम अब बस एक मैच नहीं जीत रही, ये एक नई पहचान बना रही है।
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    Liny Chandran Koonakkanpully

    अप्रैल 29, 2025 AT 14:24
    अरे यार ये सब बकवास है। तुम सब इतना उत्साह क्यों दिखा रहे हो? क्या तुम भूल गए कि केरल ने पिछले तीन सीजन में एक भी प्लेऑफ मैच नहीं जीता? ये जीत बस एक छोटी छलांग है। अगले मैच में वो फिर लोगों को निराश कर देंगे। इस तरह की जीतें तो हर साल होती हैं।
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    Anupam Sharma

    अप्रैल 29, 2025 AT 20:02
    क्या आपने कभी सोचा है कि जीत बस एक घटना है लेकिन इतिहास बनाने के लिए तो एक नए दर्शन की जरूरत होती है? जब एक 18 साल का लड़का चेन्नई के घर पर गोल करता है तो वो बस एक गोल नहीं करता, वो एक सिस्टम को चुनौती देता है। ये टीम ने बस एक मैच नहीं जीता, वो एक दिमाग को हराया है।
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    Payal Singh

    मई 1, 2025 AT 05:38
    मैं इस जीत को देखकर रो पड़ी। ये बच्चे जो बाहर खेल रहे हैं, उन्हें घर पर बैठकर कोई नहीं देखता। लेकिन आज उन्होंने पूरे देश को गर्व कराया। ये नहीं कहना कि बड़े खिलाड़ी नहीं हैं, लेकिन ये युवा ताकत है जो हमारे भविष्य को बचाएगी।
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    avinash jedia

    मई 2, 2025 AT 16:38
    मैं तो बस एक बात कहूंगा। चेन्नईयन FC ने इस मैच में बहुत बुरा खेला। अगर वो अच्छा खेलते तो केरल को जीतने का मौका ही नहीं मिलता। ये जीत केरल की नहीं, चेन्नई की गलती है।
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    Shruti Singh

    मई 3, 2025 AT 15:38
    ये जीत बस शुरुआत है। अब ये युवा टीम दुनिया को दिखाएगी कि केरल का फुटबॉल क्या है। हम अभी बहुत आगे जा सकते हैं।
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    Kunal Sharma

    मई 5, 2025 AT 00:58
    मैंने कभी नहीं सोचा था कि केरल ब्लास्टर्स कभी चेन्नई में जीतेंगे। लेकिन जब आप एक ऐसी टीम को देखते हैं जो अपने युवाओं पर भरोसा करती है, तो आपको लगता है कि ये जीत अनिवार्य थी। ये टीम अब बस एक टीम नहीं, ये एक आंदोलन है। ये युवा खिलाड़ी नहीं, ये नए राजा हैं। और ये राजा बिना ताज के, बिना बैंड के, बस एक बॉल और एक जुनून के खेल रहे हैं।
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    Raksha Kalwar

    मई 5, 2025 AT 02:08
    कोरोउ सिंह का गोल एक ऐसा पल था जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे। ये टीम ने बहुत कुछ सीखा है। अगले सीजन में वो बहुत बड़ा करेंगे।
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    himanshu shaw

    मई 6, 2025 AT 00:26
    ये सब बस एक चाल है। ये जीत एक बड़े बॉस के आदेश से हुई है। जल्द ही ये टीम फिर से अपनी पुरानी आदतों में वापस आ जाएगी। ये सब एक लॉबी का खेल है।
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    Rashmi Primlani

    मई 6, 2025 AT 17:00
    इस जीत के पीछे एक बड़ी विचारधारा है। ये नहीं कि कोई एक खिलाड़ी ने जीत दिलाई, बल्कि एक पूरी संस्कृति ने बदलाव लाया। केरल ब्लास्टर्स ने युवा खिलाड़ियों को विश्वास दिया, उन्हें जगह दी, और उन्होंने उस विश्वास को साबित कर दिया। ये टीम अब केवल एक फुटबॉल टीम नहीं, बल्कि एक आशा का प्रतीक है।
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    harsh raj

    मई 8, 2025 AT 00:19
    इस जीत ने मुझे फिर से फुटबॉल से प्यार करने का मौका दिया। क्योंकि जब एक बच्चा अपने सपनों के लिए खेलता है, तो वो बस एक खिलाड़ी नहीं होता, वो एक कहानी बन जाता है। केरल ब्लास्टर्स ने आज एक कहानी लिखी है जो अब हम सबके लिए एक प्रेरणा बन गई है।

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