इटली ने पहली बार टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया, नीदरलैंड्स सहित 15 टीमें पहुंच गईं

इटली ने पहली बार टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया, नीदरलैंड्स सहित 15 टीमें पहुंच गईं

हेग के VOC क्रिकेट ग्राउंड पर 11 जुलाई, 2025 को एक ऐतिहासिक पल आया — इटली क्रिकेट टीम ने अपने इतिहास में पहली बार किसी ICC पुरुष टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर लिया। भले ही उन्होंने नीदरलैंड्स के खिलाफ 9 विकेट से हार दी, लेकिन वे उसी मैच में नीदरलैंड्स को 16.2 ओवर तक खेलने के लिए मजबूर कर दिया — जिससे उनका नेट रन रेट जेर्सी से बेहतर रहा और वे टूर्नामेंट में शामिल हो गए। ये वो पल था जब इटली के खिलाड़ियों ने आंखों में आंसू भर लिए, क्योंकि 1984 में स्थापित होने के बाद से ये पहली बार था कि वे किसी ICC वैश्विक टूर्नामेंट में पहुंचे।

क्वालीफिकेशन का जादू: नेट रन रेट ने बदल दिया इतिहास

इटली और जेर्सी दोनों के पास 5 अंक थे, लेकिन नेट रन रेट के आधार पर इटली को आगे रख दिया गया। जेर्सी ने इसी ग्राउंड पर स्कॉटलैंड के खिलाफ आखिरी गेंद पर एक विकेट से जीत दर्ज की थी — एक ऐसा मैच जिसमें खिलाड़ियों ने दिल दहला दिया। लेकिन जब इटली ने नीदरलैंड्स के खिलाफ 134/7 बनाए और फिर उनकी चेस को 16.2 ओवर तक खींच लिया, तो नेट रन रेट का फैसला बदल गया। इस तरह, जेर्सी की जीत भी अस्थायी लगी — जैसे कोई बड़ा तोहफा देखकर भी उसे छू न सका।

मैच का अंदाज़: एक टीम का बचाव, दूसरी का बख्शना

इटली की पारी शुरू हुई तो बुरी तरह डूब गई — पहले दो ओपनर जस्टिन मोस्का और एमिलियो गे को तीन ओवर में ही आउट कर दिया गया। सातवें ओवर तक 46/4 हो चुका था। तब आया बेंजामिन मैनेंटी — उन्होंने नीचे के बल्लेबाजों के साथ जुड़कर धीरे-धीरे लक्ष्य बनाया। उनके बाद ग्रांट स्टीवर्ट ने आखिरी पांच ओवर में तेज़ बैटिंग करके 38 रन जोड़े। नीदरलैंड्स के खिलाफ इस टोटल के लिए उनकी मेहनत अनमोल थी।

नीदरलैंड्स की चेस तो बिल्कुल आसान लगी — माइकल लेविट और मैक्स ओडोव्ड ने पावरप्ले में ही 78 रन बना डाले। लेकिन इसके बाद आया रोएलोफ वैन डर मर्वे — उन्होंने 4 ओवर में केवल 15 रन देकर 3 विकेट लिए। उनका सबसे बड़ा विकेट था इटली के कप्तान जो बर्न्स का — जिन्होंने 22 रन बनाए। उनके आउट होने के बाद इटली का बल्लेबाजी बहुत कमजोर हो गया।

स्कॉटलैंड का अलविदा: चार बार विश्व कप में रहा, अब बाहर

स्कॉटलैंड ने 2016, 2021, 2022 और 2024 तक लगातार चार टी20 विश्व कप में हिस्सा लिया। लेकिन अब उनका सफर यहीं खत्म हो गया। जेर्सी के खिलाफ आखिरी गेंद पर एक विकेट से हार के बाद उनके खिलाड़ियों के चेहरे पर निराशा छाई थी। वे टूर्नामेंट में नहीं बच पाए — और इस बार इटली ने उनकी जगह ले ली। ये वो बदलाव है जिसे क्रिकेट की दुनिया अब नोटिस कर रही है।

इटली का सफर: एक छोटी टीम की बड़ी जीत

इटली क्रिकेट फेडरेशन ने 1984 में बनाया था, लेकिन उसके बाद से कोई बड़ी उपलब्धि नहीं हुई। ये टीम अक्सर अंतरराष्ट्रीय मैचों में दिखाई देती थी, लेकिन जीतने की क्षमता नहीं रखती थी। अब उन्होंने एक ऐसा काम कर दिखाया जिसे कोई नहीं सोच सकता था। उन्होंने यूरोप क्वालीफायर ए में रोमानिया को 160 रन से हराया था — और अब उन्होंने यूरोप रीजनल फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ एक ऐसा जीत का तरीका खोज लिया जिसकी कोई तुलना नहीं है।

नीदरलैंड्स की वापसी: एक नियमित नाम, एक नया अध्याय

नीदरलैंड्स की वापसी: एक नियमित नाम, एक नया अध्याय

रॉयल डच क्रिकेट एसोसिएशन ने पिछले 15 सालों में छह बार टी20 विश्व कप में हिस्सा लिया है। वे एक अनिवार्य टीम बन चुके हैं। लेकिन इस बार वे न केवल क्वालीफाई हुए, बल्कि अपने घरेलू मैदान पर इसका आयोजन भी कर रहे हैं। उनके लिए ये टूर्नामेंट एक बड़ा मौका है — न केवल जीतने का, बल्कि अपने खिलाड़ियों को दुनिया के सामने दिखाने का।

2026 का विश्व कप: भारत और श्रीलंका के साथ एक नया युग

ICC पुरुष टी20 विश्व कप 2026 जून 2026 में भारत और श्रीलंका में आयोजित होगा। अब तक 15 टीमें क्वालीफाई हो चुकी हैं। बाकी पांच टीमें एशिया-ईएपी क्वालीफायर और अफ्रीका क्वालीफायर में निर्धारित होंगी, जो दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। इस बार टूर्नामेंट में 20 टीमें होंगी — जिससे प्रतिस्पर्धा और भी तेज हो जाएगी।

क्या अब इटली के लिए क्रिकेट का भविष्य बदल गया?

इटली के लिए ये केवल एक क्वालीफिकेशन नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। अब उनके खिलाड़ियों को बड़े मैचों का अनुभव होगा। उनके युवा खिलाड़ियों को दुनिया के सामने खेलने का मौका मिलेगा। यही नहीं, इटली में क्रिकेट के लिए निवेश भी बढ़ सकता है — स्कूलों में ट्रेनिंग, स्पॉन्सर्स का आगमन, और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय लीग में शामिल होने की संभावना। एक छोटे देश के लिए ये जीत एक बड़ी जीत है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इटली की टीम ने कभी पहले किसी विश्व कप में हिस्सा लिया है?

नहीं, यह पहली बार है। इटली क्रिकेट फेडरेशन 1984 में बनी, लेकिन उसके बाद से कोई भी ICC वैश्विक टूर्नामेंट में शामिल नहीं हुई। इस बार का क्वालीफिकेशन उनके इतिहास का सबसे बड़ा उपलब्धि है।

जेर्सी ने स्कॉटलैंड को हराया, फिर भी क्यों नहीं बन पाई?

जेर्सी ने स्कॉटलैंड को आखिरी गेंद पर हराया, लेकिन उनका नेट रन रेट इटली से कम था। इटली ने नीदरलैंड्स के खिलाफ अधिक ओवर खेले — जिससे उनका रन रेट बेहतर रहा। ये टूर्नामेंट के नियम हैं — जीत नहीं, नेट रन रेट फैसला करता है।

नीदरलैंड्स ने घर पर खेलकर क्यों जीता?

नीदरलैंड्स ने घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा उठाया — उनके खिलाड़ियों को वातावरण, ग्राउंड और जलवायु पर पूरा कंट्रोल था। लेकिन उनकी जीत का मतलब ये नहीं कि वे बेहतर थे — बल्कि वे टूर्नामेंट के होस्ट थे, इसलिए उन्हें स्वचालित रूप से क्वालीफाई कर लिया गया।

2026 के टी20 विश्व कप में कौन-कौन सी टीमें शामिल होंगी?

अब तक 15 टीमें क्वालीफाई हो चुकी हैं — इटली, नीदरलैंड्स, भारत, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, वेस्ट इंडीज, अफगानिस्तान, स्कॉटलैंड, नेपाल और उगांडा। बाकी पांच टीमें एशिया-ईएपी और अफ्रीका क्वालीफायर में तय होंगी।

इटली के लिए अगला लक्ष्य क्या है?

अगला लक्ष्य टी20 विश्व कप में एक जीत दर्ज करना है। उन्होंने पहली बार क्वालीफाई किया है — अब उन्हें एक मैच जीतना होगा। यही उनके लिए असली चुनौती होगी — जिसके लिए उन्हें अपनी टीम को और मजबूत करना होगा।

क्या इटली के लिए क्रिकेट अब लोकप्रिय होगा?

हो सकता है। इटली में फुटबॉल बहुत लोकप्रिय है, लेकिन अब जब एक इटली की टीम विश्व कप में खेल रही है, तो युवाओं में क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी बढ़ सकती है। अगर इस टीम ने एक जीत दर्ज कर दी, तो यह एक राष्ट्रीय घटना बन सकती है।

11 टिप्पणि

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    Vasudev Singh

    नवंबर 4, 2025 AT 06:15

    इटली का ये क्वालीफाई करना सिर्फ एक मैच नहीं, एक पूरी नई कहानी की शुरुआत है। मैंने देखा कि उनके खिलाड़ी कैसे घबराए बिना धीरे-धीरे अपनी पारी बचाने लगे - बेंजामिन मैनेंटी ने जो किया, वो कोचिंग क्लास में दिखाया जाना चाहिए। जब आपके पास 46/4 हो और फिर आप 134 बना लें, तो ये तो जादू है। इटली के लिए अब ये टीम एक प्रेरणा बन गई है - छोटे देशों के लिए भी बड़ी बातें संभव हैं। अगर ये टीम अगले विश्व कप में एक मैच भी जीत ले, तो इटली में क्रिकेट के लिए नए स्टेडियम बनने लगेंगे। ये जीत बस एक रन रेट नहीं, एक दिल की जीत है।

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    Akshay Srivastava

    नवंबर 5, 2025 AT 09:19

    नेट रन रेट के आधार पर इटली को चयनित करना एक तकनीकी विजय है, लेकिन यह एक दर्शनिक असफलता भी है। क्रिकेट एक खेल है, न कि एक गणितीय समीकरण। जेर्सी ने आखिरी गेंद पर जीत दर्ज की - यही तो खेल का आत्मा है। लेकिन एक अंक अधिक बनाने के लिए आप एक टीम को अस्थायी रूप से अनुमति दे देते हैं, जबकि दूसरी टीम ने वास्तविक जीत का अनुभव किया। यह नियम खेल की भावना को नष्ट करता है। जीत नहीं, रन रेट ने इटली को विश्व कप में भेजा - यह अन्याय है।

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    Amar Khan

    नवंबर 6, 2025 AT 23:50

    omg i just cried reading this 😭 like how is this even real?? italy?? the land of pasta and football?? and now they beat the netherlands in net rr?? bro i thought this was a movie plot. benjamin manenti?? i’m naming my future son after him. and grant stewart?? 38 runs in 5 overs?? he’s basically a cricket superhero. i don’t even like cricket but now i’m obsessed. someone pls make a documentary. also who is jo burns?? he looked like he was carrying the whole country on his shoulders. this is the most emotional thing i’ve seen since my dog ran away. 🥲🇮🇹

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    Roopa Shankar

    नवंबर 7, 2025 AT 08:33

    इटली की ये जीत देखकर मेरा दिल भर आया। ये बस एक टीम की जीत नहीं, ये उन छोटे देशों की आत्मा की जीत है जिन्हें कोई नहीं देखता। मैंने देखा कि उनके खिलाड़ी कैसे एक-दूसरे को गले लगा रहे थे - उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन मुस्कान भी। ये वो पल है जब खेल असली बन जाता है। मुझे लगता है कि अब इटली के बच्चे फुटबॉल के बजाय क्रिकेट खेलने लगेंगे। इस टीम के लिए अगला लक्ष्य जीतना है - और मैं विश्वास करती हूं कि वे ऐसा करेंगे। बस थोड़ा सा समर्थन और विश्वास दें, और ये टीम दुनिया को चौंका देगी।

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    shivesh mankar

    नवंबर 7, 2025 AT 11:13

    इटली के लिए ये जीत एक बहुत बड़ी बात है - लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि इसने हम सबको याद दिलाया कि खेल में जीत और हार के पीछे इंसानियत छिपी होती है। नीदरलैंड्स ने जीता, लेकिन इटली ने अपनी आत्मा जीत ली। अगर एक ऐसी टीम जो 40 साल तक अनदेखी रही, अचानक विश्व कप में पहुंच जाए, तो ये दुनिया को बताता है कि कोई भी अपना भविष्य बदल सकता है। मैं इटली के लिए खड़ा हूं - अब तक तो मैंने कभी इटली के खिलाड़ियों का नाम भी नहीं सुना था, लेकिन अब मैं उनके लिए तालियां बजाऊंगा।

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    avi Abutbul

    नवंबर 8, 2025 AT 07:47

    इटली ने क्वालीफाई किया? वाह! मैंने सोचा था ये लोग फुटबॉल के बाद बिस्कुट खाते हैं। लेकिन अब तो उनका बल्ला भी बहुत अच्छा है। मैंने देखा कि बेंजामिन ने कैसे बल्लेबाजी की - धीरे-धीरे, लेकिन बहुत ठोस। अगर इटली के लिए ये शुरुआत है, तो अगली बार वो भारत के खिलाफ भी खेल सकते हैं। मैं उनके लिए चाय बनाऊंगा और वीडियो देखूंगा।

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    Hardik Shah

    नवंबर 9, 2025 AT 12:03

    इटली को क्वालीफाई करने का मतलब ये नहीं कि वे अच्छी टीम हैं। वे बस एक नेट रन रेट के लिए भाग रहे थे। जेर्सी ने जीता, लेकिन उन्हें बाहर कर दिया? ये टूर्नामेंट बेकार है। नीदरलैंड्स ने जीता, लेकिन वो तो होस्ट हैं - उन्हें ऑटोमैटिक क्वालीफाई करना चाहिए था। इटली को ये मौका मिला बस इसलिए कि उन्होंने ज्यादा ओवर खेले। ये क्रिकेट नहीं, एक अंकों का खेल है।

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    manisha karlupia

    नवंबर 11, 2025 AT 10:20

    क्या कभी सोचा है कि इटली के लिए ये टीम एक नई पहचान बन गई है? नहीं, लेकिन मैं जो देख रही हूं, वो एक छोटे से देश की आत्मा की आवाज है। मैंने इटली के खिलाड़ियों के चेहरे को देखा - उनमें एक अजीब सी शांति थी। वो जीत नहीं, बल्कि अपनी मेहनत के लिए खुश थे। शायद यही सच्ची जीत है। और फिर भी... क्या ये नेट रन रेट वाला नियम सही है? नहीं। लेकिन फिर भी... मैं इटली के लिए दिल से दुआ करती हूं।

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    vikram singh

    नवंबर 11, 2025 AT 18:41

    ये जो इटली ने किया, वो कोई खेल नहीं - ये एक ब्रॉडवे शो है! जब बेंजामिन मैनेंटी ने बल्ला उठाया, तो ऐसा लगा जैसे एक लेखक ने एक अनजान कहानी का अंत लिख दिया। और फिर ग्रांट स्टीवर्ट ने आखिरी 5 ओवर में जो धमाका किया - वो तो एक एक्शन मूवी का अंत है! नीदरलैंड्स के खिलाफ ये मैच एक ड्रामा है, जिसमें रोएलोफ वैन डर मर्वे ने एक ऐसा गेंदबाजी दिखाया जैसे वो किसी गुप्त एजेंट हो। और जेर्सी? वो तो एक बार जीत गए, लेकिन फिर भी उनका दिल टूट गया। ये टूर्नामेंट नहीं, ये एक शेक्सपियर नाटक है।

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    balamurugan kcetmca

    नवंबर 13, 2025 AT 08:37

    इटली के लिए ये क्वालीफिकेशन एक ऐतिहासिक घटना है - लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है। अगर आप इटली के खिलाड़ियों को देखें, तो आप देखेंगे कि वे कैसे अपने घर के छोटे-छोटे ग्राउंड्स पर खेलते हैं। उनके पास न तो बड़े स्पॉन्सर हैं, न ही बड़ी ट्रेनिंग सुविधाएं। फिर भी वे यहां आए हैं। ये टीम अब दुनिया के सामने है, और अब उनके लिए बड़े मैचों का अनुभव होगा। ये टीम अगले विश्व कप में एक जीत दर्ज करेगी - और उस जीत के बाद, इटली में क्रिकेट के लिए नए एकेडमी खुलेंगे। ये जीत एक बच्चे की ख्वाहिश है - जो अब एक वास्तविकता बन गई है।

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    Arpit Jain

    नवंबर 15, 2025 AT 03:42

    इटली को विश्व कप में भेजना एक बड़ी गलती है। ये टीम कभी जीत नहीं सकती। उनका बल्लेबाजी अवस्था बेकार है, गेंदबाजी बेकार है, और उनकी फील्डिंग तो बस दर्द देती है। नीदरलैंड्स ने जीता - ठीक है। लेकिन जेर्सी ने स्कॉटलैंड को हराया और फिर भी बाहर? ये टूर्नामेंट का नियम बेकार है। इटली को यहां नहीं होना चाहिए। वो तो फुटबॉल के लिए हैं, न कि क्रिकेट के लिए। अगर ये टीम एक मैच जीत गई, तो मैं अपना नाम बदल दूंगा।

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