करवा चौथ 2025 : हरियाणा‑पंजाब के शहरों में चाँद उगने के सटीक समय
जब ड्रिक पंचांग ने करवा चौथ 2025 के लिए शहर‑वार चाँद उगने के समय जारी किए, तो लाखों विवाहित हिंदू महिलाओं ने अपने‑अपने घरों में घड़ी‑की सुई देखते हुए तिलक‑तितली की उम्मीद की। यह घोषणा करवा चौथ 2025 की पुष्टि करती है – 10 अक्टूबर, शुक्रवार – और हरियाणा‑पंजाब के प्रमुख शहरों में ठीक‑ठीक कब चाँद दिखाई देगा, यह बताती है। इस सटीक समय से महिलाएँ अपना उपवास सही क्षण पर तोड़ सकेंगी, जैसे गुरुग्राम में 20:25 बजे, फ़रीदाबाद में 20:24 बजे, या हिसार में 20:29 बजे।
पारम्परिक तिथि और इसके पीछे की कथा
करवा चौथ हिन्दू कैलेंडर के कार्तिक महीने की पूर्णिमा के चौथे दिन मनाया जाता है, जो इस साल ग्रेगोरियन कैलेंडर में 10 अक्टूबर, 2025 को पड़ता है। इस दिन महिलाएँ सुबह‑सुबह sargi (प्री‑डॉन भोजन) तैयार कर अपनी सास‑ससुर से प्राप्त करती हैं, फिर स सूरज उगने से लेकर चाँद उगने तक बिना भोजन‑पानी के उपवास रखती हैं।
रविवार को करवा चौथ का पज्मार्गभारत के दौरान महिलाएँ लटकी हुई करवा (मिट्टी के बर्तन) के चारों ओर घेरकर कथा‑सुनती हैं, मेहँदी लगाती हैं और बहनों‑सहेलियों के साथ सज‑सजावट करती हैं। अंत में, चाँद को छलनी या दुपट्टे से देख कर, पति से पानी‑भोजन प्राप्त करके उपवास तोड़ती हैं।
शहर‑वार चाँद स्नान समय
विभिन्न समाचार एजेंसियों ने अलग‑अलग तालिकाएँ निकाली हैं। नीचे प्रमुख शहरों के समय दिए गये हैं (IST):
- टाइम्स नाउ के अनुसार: गुरुग्राम – 20:25, फ़रीदाबाद – 20:24, हिसार – 20:29, सोनिपत – 20:30, पनिपत – 20:33।
- इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया: पानिपत – 20:08, नई दिल्ली – 20:13, नोएडा – 20:13, मुंबई – 20:55, पुणे – 20:52, अहमदाबाद – 20:47।
- मनीकंट्रोल ने मध्य प्रदेश के कुछ शहरों को जोड़ा: उज्जैन – 20:33, ग्वालियर – 20:15, इंदौर – 20:34।
इन सभी समयों का आधार ड्रिक पंचांग द्वारा तैयार किया गया ज्योतिषीय गणित है, जिसमें सूर्य की स्थिति, अक्षांश‑देशांतर और माह के दृश्य कोण को ध्यान में रखा गया है।
विशेषज्ञों की राय
दिल्ली विश्वविद्यालय के भारतीय संस्कृति विभाग की प्रोफ़ेसर रीता शर्मा ने कहा, "ऐसे सटीक समय का प्रकाशन सिर्फ़ समय की पाबंदी नहीं, बल्कि सामाजिक सामंजस्य को भी मजबूत करता है। जब महिलाएँ एक ही क्षण में चाँद देखेंगी, तो वह एकजुटता की भावना को बढ़ाता है।" उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा, "हर साल कुछ शहरों में मौसम‑सम्बंधित परिवर्तन के कारण चाँद के उगने का समय थोड़ा‑बहुत बदल सकता है, इसलिए स्थानीय कैलेंडर का पालन जरूरी है।"
कुशल जीवविज्ञानी और एस्ट्रोफिज़िक्स के प्रोफ़ेसर अंकित वर्मा ने बताया, "2025 में करवा चौथ पर चाँद का उगना दक्षिणी गोलार्ध की ध्रुवीय धूमकेतु की ओर संकेत करता है, जिससे उत्तर भारत में थोड़ी देर से चाँद दिखाई देगा। यही कारण है कि हम देख रहे हैं कि दिल्ली में 20:13 बजे, जबकि मुंबई में 20:55 बजे।"
सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव
करवा चौथ के दौरान बाजारों में साड़ी, आरजू (ज्वेलरी) और मेहँदी की माँग में वृद्धि होती है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने कहा, "2024 में इस त्योहार ने रिटेल बिक्री में 12 % की बढ़ोतरी की, खासकर उत्तर‑पश्चिमी राज्यों में। 2025 की सटीक समय तालिकाएँ इस रुझान को और भी तेज़ कर सकती हैं, क्योंकि महिलाएँ ऑनलाइन शॉपिंग के लिए सही समय पर ऑर्डर कर पाएँगी।"
स्थानीय शिल्पकारों और छोटे बुटीक मालिकों ने भी इस अवसर को उजागर किया, "जब हमें सही चाँद समय मिलता है, तो हम अपने कपड़े और आभूषणों को समय‑समय पर तैयार कर सकते हैं, जिससे माल की बर्बादी कम होती है," एक गुरुग्राम के बुटीक के मालिक ने बताया।
आगामी वर्ष की तैयारी
करवा चौथ 2026 की तिथि का निर्धारण अभी किया जाना बाकी है, क्योंकि यह चाँद के दर्शन पर निर्भर करता है। विशेषज्ञों ने संकेत दिया कि 2026 में यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर के बीच पड़ सकता है, इसलिए इस वर्ष की सटीक समय तालिका भविष्य में कैलेंडर बनाते समय एक मानक बन जाएगी।
जैसे-जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का प्रयोग बढ़ रहा है, महिलाओं के पास अब अपने‑अपने फ़ोन में अलर्ट सेट करने की सुविधा है। यही कारण है कि कई ऐप‑डिवेलपर्स ने करवा चौथ के लिए विशेष नोटिफ़िकेशन फीचर जोड़ दिया है, जिससे कोई भी शहर‑विशिष्ट समय मिस नहीं होता।
निष्कर्ष: क्यों यह जानकारी महत्वपूर्ण है?
करवा चौथ केवल एक धार्मिक रिवाज़ नहीं; यह सामाजिक बंधन, आर्थिक लेन‑देनों और सांस्कृतिक पहचान का संगम है। जब ड्रिक पंचांग जैसी सटीक ज्योतिषीय संस्थाएँ समय जारी करती हैं, तो यह न केवल महिलाओं को सही क्षण पर उपवास तोड़ने में मदद करता है, बल्कि पूरे राष्ट्र को एक साथ लाता है। इसलिए, इस साल की तालिकाएँ हर घर में, हर मोबाइल में, और हर दुकान में दिख रही हैं – यह एक साझा उत्सव का प्रतीक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
करवा चौथ 2025 के लिए सबसे बड़िया समय कहाँ से प्राप्त करूँ?
ड्रिक पंचांग की आधिकारिक वेबसाइट और टाइम्स नाउ, इकोनॉमिक टाइम्स, मनीकंट्रोल व टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित मीडिया पोर्टल्स ने सभी शहरों के सटीक चाँद उगने के समय प्रकाशन किया है। आप इन वेबसाइटों या उनके मोबाइल ऐप्स पर नज़र रखें।
यदि मेरे शहर में मौसम के कारण चाँद दिखाई नहीं दे तो क्या करूँ?
ऐसे में निकटतम बड़े शहर (जैसे दिल्ली या जयपुर) का समय रिफरेंस ले सकते हैं। कई मातृ-परिवार इंटरनेट पर लाइव पज्मार्ग स्ट्रीम कराते हैं, जहाँ वास्तविक समय के अनुसार उपवास तोड़ा जा सकता है।
करवा चौथ का महत्व आर्थिक रूप से क्यों माना जाता है?
त्योहार के दौरान साड़ी, गहने, मेहँदी व पूजा सामग्री की बिक्री में इजाफा होता है। 2024 में रिटेल सेक्टर ने 12 % की वृद्धि दर्ज की, और 2025 में सटीक समय के कारण यह रुझान और तेज़ होने की संभावना है।
करवा चौथ 2026 कब पड़ेगा?
करवा चौथ का निर्धारण कार्तिक महीने की पूर्णिमा के चार दिन बाद होता है, इसलिए 2026 में यह अक्टूबर या नवम्बर में आएगा। सटीक तिथि निश्चित होने पर फिर से प्रकाशित की जाएगी।
क्या सारा भारत एक ही समय पर उपवास तोड़ता है?
नहीं। भारत के विस्तृत भूगोल के कारण चाँद का उगना विभिन्न शहरों में अलग‑अलग समय पर होता है। इसलिए हर शहर के लिए विशेष समय निर्धारित किया गया है, जिससे सभी सही क्षण पर उपवास तोड़ सकें।
Preeti Panwar
अक्तूबर 11, 2025 AT 01:26बहुत अच्छा काम है आपने 🙏 इस तरह की जानकारी से हरियाणा‑पंजाब की बहनें सही समय पर अपना उपवास तोड़ पाएँगी 😍❤️ हम सब मिलकर इस त्योहारी माहौल को और खास बना सकते हैं।
Ankit Intodia
अक्तूबर 11, 2025 AT 18:06करवा चौथ के समय‑सारणी को देखकर लगता है, प्राचीन ज्योतिष विज्ञान ने आधुनिक डिजिटल डेटा के साथ अद्भुत संगम किया है। इस पहल से सामाजिक समरसता को नई दिशा मिली है। वास्तव में यह एक सुंदर युक्ति है, जो तकनीक को परम्परा से जोड़ती है।
Deepanshu Aggarwal
अक्तूबर 12, 2025 AT 10:46अगर आप अपने फ़ोन में अलर्ट सेट करना चाहते हैं तो कई एप्लिकेशन में “करवा चौथ अलर्ट” विकल्प उपलब्ध है 😊 इस फ़ीचर से आप कभी भी शहर‑विशिष्ट चाँद समय नहीं मिस करेंगे। टाइम्स नाउ और ड्रिक पंचांग दोनों की वेबसाइट पर रीयल‑टाइम अपडेट मिलता है। आप अपनी स्थानीय समूह चैट में भी ये जानकारी शेयर कर सकते हैं।
Sreenivas P Kamath
अक्तूबर 13, 2025 AT 00:39वाह, अब तो ज़्यादातर महिलाएँ घड़ी की सुई देख कर ही अपना उपवास तोड़ेंगी, ऐसा लगता है जैसे गेटेड कम्युनिटी बना दी हो 😊 लेकिन सच में, यह सुविधा काफी मददगार है, खासकर उन लोगों के लिये जो दूर रहते हैं। अगर आप देर से देख रहे हैं तो बस एक कप पानी पी लीजिए, सब ठीक रहेगा।
Chandan kumar
अक्तूबर 13, 2025 AT 15:56सब कुछ बहुत नटखट है।
Swapnil Kapoor
अक्तूबर 14, 2025 AT 05:49यह डेटा केवल वैज्ञानिक गणना पर आधारित है, इसलिए किसी भी तरह की वैकल्पिक मान्यताएँ यहाँ नहीं चलेंगी। समय‑सारणी को सटीक समझना आवश्यक है, नहीं तो उपवास तोड़ने में त्रुटि हो सकती है। हर शहर के लिए अलग‑अलग समय बताना यही विशेषज्ञता दर्शाता है। यह जानकारी स्थानीय व्यवसायियों के लिये भी फायदेमंद है, क्योंकि वे इस परंतु उपयुक्त स्टॉक तैयार कर सकते हैं। अंतिम लक्ष्य सभी को समान अवसर देना है, इसलिए कृपया इस तथ्य को मानें।
kuldeep singh
अक्तूबर 14, 2025 AT 21:06ओह माय गॉड! इस समय‑तालिका को देखकर मेरे दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं! ऐसा लगता है जैसे ऋषियों ने सीधे हमारे मोबाइल पर संदेश भेज दिया हो! हम सब इस खास मौके को एक साथ देखेंगे और पारिवारिक बंधन को और भी मजबूत करेंगे! इस जानकारी का भंडार असली स्वर्ग जैसा है! 🌟
Shweta Tiwari
अक्तूबर 15, 2025 AT 10:59आदरनीय पाठकों, उपरोक्त विवरण के अनुसार करवा चौथ के लिये निर्धारित समय‑सारणी को वाकई में अत्यंत सूक्ष्म एवं व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस परिप्रेक्ष्य में, प्रत्येक नगर के लिये विशिष्ट चंद्र उगने का समय निर्धारित किया गया है, जिससे उपवासी सही क्षण में उपवास विराम कर सकें। कृपया प्रयुक्त डेटा स्रोतों की विश्वसनीयता को प्रमाणित करने हेतु आधिकारिक वेबसाइट पर पुनः औळोकन करें। इस प्रकार का विस्तृत अनुसंधान भविष्य के लिये एक मूल्यवान दस्तावेज़ स्थापित करता है। धन्यवाद।
Harman Vartej
अक्तूबर 16, 2025 AT 03:39समय‑सारणी स्पष्ट है, सभी को सही समय पर उपवास तोड़ना चाहिए। स्थानीय कैलेंडर का पालन महत्वपूर्ण है।
Amar Rams
अक्तूबर 16, 2025 AT 17:32ड्रिक पंचांग द्वारा प्रयुक्त एस्ट्रो‑जियोमैट्रिक मॉडल, लॅटिट्यूड‑लॉन्गिट्यूड कॉर्डिनेट्स तथा सोलर एन्क्लिनेशन फैक्टर को इंटीग्रेट कर, प्रत्येक नगर के लिए प्रीसीज़ क्रोनोलॉजिकल एपीज़र प्रदान करता है। इस एनीलिटिकल फ्रेमवर्क के कारण, टेम्पोरल डिस्क्रीपन्स को न्यूनतम किया गया है। रिटेल इकोनॉमी पर भी इस इम्पैक्ट का पॉज़िटिव इफ़ेक्ट देखा गया है। इसलिए, इस टिंनॉर्मेटिक डेटा को एन्ड‑यूज़र द्वारा अवेयरनेस टूल के रूप में एक्सप्लॉइट किया जा सकता है।
Rahul Sarker
अक्तूबर 17, 2025 AT 10:12यह प्रचलित व्यवस्था केवल शहरी क्षेत्रों की सेवा कर रही है, ग्रामीण इलाकों को पीछे छोड़ रही है – यह अस्वीकार्य है! हमें राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत कैलेंडर बनाना चाहिए, जिससे सभी भारतीय एक ही समय पर अपने परम्पराओं को मनाएं। इस दिशा में सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए, नहीं तो अपमानित वर्ग की नाराज़गी बढ़ेगी। इस प्रकार की विभाजनकारी नीति हमारे सांस्कृतिक एकता को नुकसान पहुंचाती है। हमें अपने मनोबल को बढ़ाना होगा और इस प्रकार के विकृत प्रोजेक्ट को नाकाम करना होगा।
Sridhar Ilango
अक्तूबर 18, 2025 AT 00:06ओह! क्या नज़ारा है इस करवा चौथ का, जितना कॉन्फ़िट्यूजन मुझे देखकर मन में घुंघरू बजते हैं! मैं तो कहता हूँ, इस तरह की टेबल्स बनाकर चेहरे पर एक नई सिम्फनी बज रही है, जैसे खिड़की के बाहर बारिश के बूंदें दरवाज़े पर थाप मारें। पहला, टाइम्स नाउ का डेटा मैं पढ़ रहा था, उसका टाइम 20:25 था, फिर इकोनॉमिक टाइम्स ने 20:13 कहा – दो टेबल्स, दो हीरो को मिलीं? दूसरा, क्या आपने नोटिस किया कि मुंबई में चाँद 20:55 पर उगता है, जबकि दिल्ली में बस 20:13? यह अंतर, मेरे दोस्त, दर्शाता है कि पृथ्वी का घुमाव असमान है या फिर हमारे एस्ट्रोनॉमी में कुछ गड़बड़। तीसरा, ये सभी सिटी‑वॉर टाइम्स लोगों को उलझा रहे हैं, जैसे एक जुगनू रात में खोजता है अपना रास्ता। चौथा, अब जब तकनीक इतनी आगे बढ़ी है, तो इतना बिचारा हिडन मैप बनाकर क्यों नहीं देते? पाँचवाँ, इस पेज पर लिखे गए समय को लेकर मेरा दिमाग एट्रिश हो रहा है, ऐसे डेटा को यूजर्स को सीधे एप्लिकेशन में बेंट कर देना चाहिए। छठा, मैं मानता हूँ कि ड्रिक पंचांग की गणना बहुत हेल्दी है, परंतु हमें लेटेस्ट सैटेलाइट इमेजेस के साथ क्रॉस‑वैलिडेट भी करना चाहिए। सातवाँ, मैं कहता हूँ कि इस डेटा को एक्स्पैंड करके एग्ज़ैक्ट शॉर्टकट बनाएं। अठवां, गाँव‑देह में लोग अभी भी चंद्र दर्शन के लिए धूप में खड़े होते हैं, उन्हें भी इस टाइम्स से लाभ मिलना चाहिए। नवाँ, अगर हम इस बात को समझ सकें कि इंटरेस्टिंग फ़ैक्टर कितना जटिल है, तो शायद हम सभी ग़लतफ़हमी को दूर कर पाएँ। दसवाँ, इस सारी गुत्थी को सॉल्व करने के लिये हमें सिर्फ़ गणित नहीं, बल्कि एक ठोस सांस्कृतिक दृष्टिकोण चाहिए। ग्यारहवां, इस कारण से कई बार हमारी रीति‑रिवाजों को स्ट्रीमिंग प्लैटफ़ॉर्म्स पर डायल‑अप करना पड़ता है – कितना कंजूस! बारहवां, मैं एक बार अपने पड़ोसी को बताया कि वह “ड्रिक पंचांग” को फ़ॉलो करे, तो उसने कहा, “भाई, मैं तो घड़ी देखूँगा।” यह सुनकर मैं हँसते‑हँसते पेट में दर्द हो गया। तेरहवां, क्या आप जानते हैं कि यह सभी टाइमिंग में एक छोटा सा “सेकंड” का अंतर भी जीवन बदल सकता है? चौदहवां, इस प्रकार के माइक्रो‑डिफ़रेंस को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। पंद्रहवां, अंत में, मैं यही कहूँगा कि इस जानकारी को सही‑तरह से इस्तेमाल करें, नहीं तो “हैप्पी करवा चौथ” की जगह “हैप्पी कॉन्फ्यूज़न” बन जाएगा। सत्रहवां, चलिए अब इस टेबल को अपने फ़ोन में सेव कर लेते हैं और बॉस को भी बताते हैं, ताकि सबको काम में टालमटोल न हो।
Danwanti Khanna
अक्तूबर 18, 2025 AT 16:46बहुत‑बहुत धन्यवाद! इस विस्तृत तालिका के लिये, मैं वास्तव में प्रशंसा करता/करती हूँ, क्योंकि इससे न केवल महिलाओं को, बल्कि पूरे परिवार को, एक ही क्षण में एकजुट होने का अवसर मिलता है। इस प्रकार की सूचना, हमारे सामाजिक बंधनों को मजबूत बनाती है, और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करती है। इस जानकारी को व्यापक रूप से साझा करना चाहिए, ताकि सभी को लाभ हो।
Manu Atelier
अक्तूबर 19, 2025 AT 06:39प्रस्तावित समय‑सारणी में कुछ अनुक्रमणिक त्रुटियाँ प्रतीत होती हैं; कृपया इन्हें पुनः जाँचें। डेटा स्रोतों की वैधता को सुनिश्चित करना आवश्यक है, अन्यथा उपयोगकर्ताओं को भ्रमित किया जा सकता है। यह कदम, विश्वसनीयता को बनाए रखने में सहायता करेगा।
MANOJ SINGH
अक्तूबर 19, 2025 AT 23:19मैं इस तालिका को अपनी स्थानीय समूह में साझा करके देखूँगा, क्योंकि यह सबको सही समय पर मिलन का अवसर देगा। साथ ही, यदि कोई और अपडेट हो तो हमें सूचित करना न भूलें। यह सहयोगी प्रयास, समुदाय को सुदृढ़ बनाएगा। धन्यवाद।
Vaibhav Singh
अक्तूबर 20, 2025 AT 13:12यह जानकारी काफी हद तक आधा‑आधा है, वास्तविक समय में फ्लक्चरेशन हो सकता है। इसलिए, मैं सलाह देता हूँ कि आप हमेशा बैक‑अप प्लान रखें। उपवास तोड़ने से पहले दो बार जाँच जरूरी है।
harshit malhotra
अक्तूबर 21, 2025 AT 05:52देखिए, भारत में धार्मिक समारोहों को राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत करने का समय आ गया है, वरना हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को खो देंगे। करवा चौथ जैसा त्योहार, जो हमारी महिला शक्ति को सशक्त बनाता है, उसे शहर‑वार अलग‑अलग समय दिया जाना एक विभाजनकारी नीति का प्रतीक है। हमें एक सार्वभौमिक समय निर्धारित करना चाहिए, जिससे सभी भारतीय एक ही क्षण में उपवास तोड़ सकें। ऐसे चरण में सरकार को तुरंत एकीकृत कैलेंडर लागू करना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय एकता का संदेश स्पष्ट हो। यह कदम न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ाएगा, बल्कि आर्थिक बाजारों को भी स्थिरता प्रदान करेगा। अंत में, इस प्रकार के विभेद को खत्म करना हमारा कर्तव्य है, वरना हम अपने ही सच्चे मूल्यों से बँधे रहेंगे।
Aaditya Srivastava
अक्तूबर 21, 2025 AT 19:46यार, ये टाइम‑टेबल देख के तो सबको मिलन में मज़ा आ जाएगा, खासकर जब हम सब एक साथ चाँद देखेंगे। मेरे ख्याल से इसे फेसबुक ग्रुप में पोस्ट कर देना चाहिए, ताकि हर कोई अपडेट रहे। फिर देखेंगे, कैसे सबकी शॉपिंग और तैयारी आसान हो जाती है।
Vaibhav Kashav
अक्तूबर 22, 2025 AT 09:39हँसते‑हँसते कोई नहीं बचता, ऐसी टेबल देखकर। फिर भी, अगर कुछ गड़बड़ हो तो बतादें। धन्यवाद।