केरल में मुहर्रम अवकाश की तिथि में कोई बदलाव नहीं: मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का निर्णय
केरल में मुहर्रम अवकाश की तिथि अपरिवर्तित
केरल सरकार ने मुहर्रम अवकाश की तिथि में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया है। यह फैसला केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और मुस्लिम नेताओं के बीच हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया। बैठक में मुस्लिम समुदाय के प्रमुख नेता, जैसे कनथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार शामिल थे। पिनराई विजयन ने सुनिश्चित किया कि सरकार पहले घोषित तिथि के साथ ही मुहर्रम का अवकाश मनाएगी।
मुख्यमंत्री और मुस्लिम नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का मकसद मुहर्रम अवकाश की तिथि पर विचार-विमर्श करना था। मुहर्रम, इस्लामिक कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण पर्व है, और इस अवसर पर समुदाय के लोग अपने पारंपरिक तरीके से इसे मनाते हैं। बैठक में उपस्थित मुस्लिम नेताओं ने मुख्यमंत्री से इस बात को लेकर चर्चा की कि अवकाश तिथि में बदलाव लाया जाए या नहीं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पहले से घोषित तिथि पर ही अवकाश रखा जाएगा। उनके अनुसार, यह फैसला समाज के सभी वर्गों के हित में है और इससे समुदाय में स्थिरता और स्पष्टता बनी रहेगी।
मुहर्रम का महत्व
मुहर्रम इस्लामिक नववर्ष का पहला महीना होता है और इस महीने की दसवीं तारीख को 'अशुरा' कहा जाता है। इस दिन की विशेषता हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत से जुड़ी घटनाओं से है। मुस्लिम समुदाय द्वारा मुहर्रम को बड़े ही धार्मिक गरिमा और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। विशेषकर शिया मुस्लिम समुदाय के लिए यह महीना विशेष महत्व रखता है।
सरकार का निर्णय और प्रतिक्रिया
सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए, मुस्लिम नेताओं ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पहले घोषित तिथि पर अवकाश रखने से सभी को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में सहूलियत होगी।
इस फैसले से समाज के अन्य लोग भी संतुष्ट हैं, क्योंकि इससे सरकारी योजना और कार्य होने में अवरोध नहीं आएगा। खासकर शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में कार्य की निरंतरता बनी रहेगी।
तिथि में कोई बदलाव नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से घोषित तिथि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने मुस्लिम नेताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान रखते हुए यह फैसला किया गया है।
इस निर्णय से समुदाय में सकारात्मक माहौल उत्पन्न हुआ है और लोगों में अवकाश की तिथि को लेकर कोई भ्रम नहीं रहेगा।
भावी दिशा
यह निर्णय समाज के सभी भागों की सामूहिक संवाद और समझदारी की कथा को दिखाता है। यह दिखाता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों के संदर्भ में सभी की भावनाओं का सम्मान किया जाना जरूरी है।
इस प्रकार, केरल सरकार के इस फैसले ने मुहर्रम की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को बनाए रखने और समाज में साम्प्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
Shivakumar Lakshminarayana
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जुलाई 17, 2024 AT 13:58Arman Ebrahimpour
जुलाई 18, 2024 AT 09:09SRI KANDI
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जुलाई 22, 2024 AT 14:42harshita sondhiya
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