महाराष्ट्र के सांगली से स्वतंत्र सांसद ने कांग्रेस को दिया बिना शर्त समर्थन

महाराष्ट्र के सांगली से स्वतंत्र सांसद ने कांग्रेस को दिया बिना शर्त समर्थन

महाराष्ट्र के सांगली से सांसद का कांग्रेस को समर्थन

महाराष्ट्र के सांगली निर्वाचन क्षेत्र से नव निर्वाचित स्वतंत्र सांसद विशाल पाटिल ने कांग्रेस पार्टी को बिना शर्त समर्थन देकर राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के दौरान विशाल पाटिल ने औपचारिक समर्थन पत्र सौंपा। इस मौके पर कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी भी उपस्थित थे। उन्होंने भी विशाल पाटिल के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण अवसर है।

पार्टी के कद्दावर नेता वसंतदादा पाटिल के पोते हैं विशाल पाटिल

विशाल पाटिल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता वसंतदादा पाटिल के पोते हैं। उनकी उम्मीदवारी ने राजनीति के गलियारे में काफी हलचल मचाई थी। हालांकि, उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उनकी जीत ने सिद्ध कर दिया कि सांगली क्षेत्र में उनके परिवार की गहरी जड़ें और राजनीतिक पकड़ अब भी मजबूत है।

महा विकास आघाड़ी में असंतोष

विशाल पाटिल की उम्मीदवारी ने विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (MVA) में भी असंतोष पैदा कर दिया था जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने एकतरफा रूप से पहलवान चंद्राहर पाटिल को अपनी ओर से उम्मीदवार घोषित कर दिया। यह क्षेत्र पिछले आधी सदी से कांग्रेस का गढ़ रहा है, और चंद्राहर पाटिल को नामित करने के फैसले ने MVA के भीतर दरारें उत्पन्न कर दीं।

केसी वेणुगोपाल और अन्य कांग्रेस नेताओं का स्वागत

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी विशाल पाटिल के समर्थन का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम वसंतदादा पाटिल की कांग्रेस की विरासत को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। सांगली क्षेत्र के प्रमुख नेता और पालूस-कडेगांव के विधायक विशवजीत कदम ने भी विशाल पाटिल को समर्थन दिया।

पप्पू यादव का भी समर्थन

इसके अलावा, पुरनिया लोकसभा सीट से भी स्वतंत्र उम्मीदवार पप्पू यादव ने कांग्रेस को समर्थन देने की संभावना जताई है। कांग्रेस के इस समर्थन विस्तार से पार्टी को एक नई ऊर्जा मिल रही है।

कांग्रेस की आगामी बैठक

कांग्रेस ने अपने विस्तारित कार्य समिति की बैठक 8 जून को बुलाई है और उसी शाम अपने नव निर्वाचित सांसदों के लिए एक डिनर समारोह का आयोजन भी किया है। यह बैठक आगामी रणनीतियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेगी। पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि इस बैठक से कांग्रेस की ताकत को और मजबूती मिलेगी।

6 टिप्पणि

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    sagar patare

    जून 8, 2024 AT 03:43
    ये सब नेताओं का खेल है भाई... एक दिन ये लोग बिना शर्त समर्थन देते हैं, अगले दिन बिना बताए चले जाते हैं। कांग्रेस को तो अब बस नाम बचा है, वो भी अब डिजिटल बैनर के तहत।
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    srinivas Muchkoor

    जून 10, 2024 AT 02:07
    vishal patil kaun hai? kya ye vasantdaad ka pota hai ya kisi aur ka? aur kya ye sach mein congress ke saath hai ya bas media ke liye drama kar raha hai? ye sab log ek hi baat karte hain - vote mil jaye toh kuch bhi bol dete hain.
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    Shivakumar Lakshminarayana

    जून 10, 2024 AT 21:44
    MVA ke andar ka drama dekha? Shiv Sena ne Chandrhar Patil ko push kiya lekin Vishal Patil ne apne family legacy ko congress ke saath jod diya... matlab kuch bhi ho jaye family name ka power kabhi khatam nahi hota... aur abhi tak kisi ne nahi pucha ki Vishal ne kis condition pe support diya... kya koi khush ho raha hai ya sirf media ka hype?
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    Parmar Nilesh

    जून 11, 2024 AT 08:48
    इस देश में अब राजनीति बस फैमिली नेम का खेल बन गई है। वसंतदादा के नाम की चमक से एक आदमी निर्दलीय बनकर जीत गया... और अब कांग्रेस के लिए बिना शर्त समर्थन दे रहा है? ये क्या है? राजनीति का रिवाइवल या फैमिली ब्रांड का रिमिक्स? अगर ये लोग अपने नाम से लोगों को राजनीति में लाते हैं, तो आगे क्या? नाम का बैंक खोल दें?
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    Arman Ebrahimpour

    जून 12, 2024 AT 08:23
    कांग्रेस के साथ समर्थन देने का मतलब ये नहीं कि वो असली बदलाव लाएंगे... ये सब अंदरूनी बातचीत है... शिवसेना ने जो गलती की वो बाहर दिख रही है... लेकिन असली खतरा तो ये है कि जो लोग अपने परिवार के नाम से चुनाव लड़ते हैं... वो कभी अपने जनता के लिए नहीं लड़ते... वो अपने नाम के लिए लड़ते हैं... और अब कांग्रेस भी इसी को अपना ले रही है... ये देश तो अब बस नामों की लिस्ट बनाने का खेल बन गया है...
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    SRI KANDI

    जून 13, 2024 AT 07:20
    क्या ये सच में एक नया मोड़ है... या बस एक पुरानी कहानी का नया अध्याय? वसंतदादा के नाम की याद अभी भी जिंदा है... और शायद इसीलिए विशाल पाटिल ने ये फैसला किया... लेकिन अगर ये सच में कांग्रेस के लिए नया जोश ला रहा है... तो शायद ये एक अच्छा संकेत है।

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