ओडिशा बोर्ड 10वीं परिणाम 2024 घोषित: लड़कियों ने मारी बाजी, 96.07% विद्यार्थी पास

ओडिशा बोर्ड 10वीं परिणाम 2024 घोषित: लड़कियों ने मारी बाजी, 96.07% विद्यार्थी पास

ओडिशा बोर्ड 10वीं परिणाम 2024: शानदार प्रदर्शन के बावजूद थोड़ी गिरावट

ओडिशा सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड ने 2024 के 10वीं कक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस साल का पास प्रतिशत 96.07% रहा, जो पिछले साल के 97.99% से थोड़ा कम है। इस साल कुल 5.41 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 5,30,153 विद्यार्थी सफल हुए।

लड़कियों ने बाजी मारी

इस साल लड़कियों ने लड़कों की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया है। लड़कियों का पास प्रतिशत 96.73% रहा, जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 95.39% रहा। यह दर्शाता है कि लड़कियों ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर अपनी क्षमता साबित की है।

जिलावार परिणाम

जब जिलावार परिणामों की बात की जाए, तो Cuttack और Jagatsinghpur जिलों ने सबसे अधिक पास प्रतिशत दर्ज किया है। दूसरी ओर, Nuapada जिले का प्रदर्शन कुछ कम रहा है और यह जिले में सबसे कम पास प्रतिशत दर्ज किया गया है। यह स्पष्ट है कि विभिन्न जिलों में शिक्षा के स्तर में अंतर है, जिसे प्रशासन को ध्यान में रखना होगा।

कैसे चेक करें परिणाम?

विद्यार्थी अपना परिणाम ऑफिशियल वेबसाइट पर देख सकते हैं। इसके लिए उन्हें रोल नंबर और जन्मतिथि की जरुरत होगी।

  1. सबसे पहले ऑफ़िशल वेबसाइट पर जाएं।
  2. फिर '10वीं परीक्षा परिणाम 2024' लिंक पर क्लिक करें।
  3. रोल नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।
  4. 'Submit' पर क्लिक करें और परिणाम देखें।
उन्होंने इसे आसानी से डाउनलोड भी कर सकते हैं।

पुनः मूल्यांकन के लिए आवेदन

यदि कोई विद्यार्थी अपने परिणाम से संतुष्ट नहीं है, तो वह 29 मई से 12 जून तक पुनः मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकता है।

उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक अंक

विद्यार्थियों को हर विषय में कम से कम 30 अंक और समग्र ग्रेड पॉइंट औसत में 33% अंक प्राप्त करने होंगे। ये अंक छात्रों की योग्यता को दर्शाते हैं और उन्हें उच्च शिक्षा की ओर बढ़ने की दिशा में मदद करते हैं।

कुल मिलाकर, इस वर्ष का परिणाम विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। यह न केवल उनके कठोर परिश्रम का फल है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार और उत्कर्ष के अवसर भी प्रदान करता है।

अकादमिक प्रदर्शन का विश्लेषण

इस साल का परिणाम दर्शाता है कि ओडिशा के शिक्षण संस्थान उच्च अकादमिक मानकों को बनाए रखने में समर्थ हैं। फिर भी, जिन जिलों में परिणाम अपेक्षाकृत कम रहे हैं, वहां के शिक्षकों और प्रशासन को और अधिक मेहनत करनी होगी। ऐसा करने से ना सिर्फ विद्यार्थियों का विकास होगा, बल्कि ओडिशा राज्य की छवि भी और मजबूत होगी।

10 टिप्पणि

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    Anjali Akolkar

    मई 27, 2024 AT 23:48
    ये तो बहुत अच्छी बात है 😊 लड़कियों ने जो किया वो सच में प्रेरणादायक है। शिक्षा का असली मतलब यही है कि हर कोई बराबर के मौके पाए।
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    Nidhi Singh Chauhan

    मई 29, 2024 AT 19:09
    96.07%? ये सब फर्जी है भाई... सरकार वाले ने नंबर बढ़ा दिए हैं ताकि वो अपनी नीतियों का श्रेय ले सकें... जिन जिलों में बिजली नहीं आती वहाँ के बच्चे तो किताबें भी नहीं पढ़ पाते... ये सब एक धोखा है... 🤷‍♀️
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    sagar patare

    मई 31, 2024 AT 04:07
    अरे यार इतना जोश क्यों है? लड़कियों का पास हो गया तो क्या हुआ? अभी तक कोई बड़ा डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बना जिसका नाम आया हो... ये सब तो बस फॉर्मलिटी है।
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    srinivas Muchkoor

    जून 2, 2024 AT 02:02
    97.99% से 96.07% गिर गया? ये तो बर्बरता है। पिछले साल तो सब पास हो गए थे अब ये फिर क्या बात है? क्या बच्चों को अब लिखना सिखाया नहीं जा रहा? ये सिस्टम तो बर्बाद हो रहा है।
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    Shivakumar Lakshminarayana

    जून 2, 2024 AT 02:10
    इसका मतलब ये है कि जिन जिलों में पास रेट कम है वहाँ के बच्चे अभी भी ट्रेनिंग के बाहर हैं। ये नंबर नहीं दिखा रहे कि कितने बच्चे असली ज्ञान के बारे में जानते हैं। ये सब बस एक नंबर का खेल है।
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    Parmar Nilesh

    जून 2, 2024 AT 16:30
    हमारे ओडिशा के बच्चे अब दुनिया के सामने अपनी बुद्धिमानी दिखा रहे हैं! लड़कियों ने जो किया वो हमारी संस्कृति का जीत है! अब देखो ये बाहर जाकर नोबेल पुरस्कार जीतेंगे! भारत की गर्व की बात है! 🇮🇳🔥
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    Arman Ebrahimpour

    जून 3, 2024 AT 07:57
    ये सब एक बड़ा अभियान है... जिसका उद्देश्य है हमें ये बताना कि लड़कियाँ बेहतर हैं... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इसके पीछे कोई विदेशी फंडिंग हो सकती है? क्या ये सब एक आधुनिक ब्रेनवॉश है? ये जो लड़कियों का पास प्रतिशत बढ़ाया गया... वो असली नहीं हो सकता... क्योंकि जिन जगहों पर बच्चों को खाना नहीं मिलता... वहाँ कैसे वो पढ़ेंगे? ये तो अब राजनीति हो गई है... और बच्चे इसके बीच फंस गए हैं... जागो भारत!
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    SRI KANDI

    जून 5, 2024 AT 07:48
    कुछ जिलों में परिणाम कम हैं... शायद उन जगहों पर शिक्षक भी कम हैं... या फिर बच्चे घर के काम में लगे हैं... बस थोड़ा समय दें... धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा... 🌱
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    Ananth SePi

    जून 6, 2024 AT 11:16
    देखो ये ओडिशा का जादू है... ये जगह जहाँ प्राचीन तांत्रिक शक्तियाँ और आधुनिक शिक्षा एक साथ बहती हैं... लड़कियों ने जो किया वो सिर्फ पास होना नहीं... वो एक सांस्कृतिक क्रांति है... जिसमें बालिका शिक्षा के लिए दिए गए लाखों रुपये का असली फल निकल रहा है... अब जब तक हम जिलावार डेटा को गहराई से नहीं समझेंगे... तब तक हम ये नहीं जान पाएंगे कि कौन से स्कूलों में टीचर्स अभी भी बिना वेतन काम कर रहे हैं... ये एक बड़ा सामाजिक अध्ययन है... जिसे अभी तक कोई रिसर्चर ने नहीं छुआ... अगर हम इसे विश्लेषित करें तो शायद हम भारत की शिक्षा प्रणाली का असली रहस्य जान पाएं... ये बस एक परिणाम नहीं... ये एक जीवन रेखा है... जो बच्चों के भविष्य को बचा रही है...
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    Gayatri Ganoo

    जून 8, 2024 AT 00:46
    96.07%? अरे ये तो बहुत कम है अभी भी... जिन लड़कियों के पास बिजली नहीं है उनके नंबर कहाँ हैं? ये सब फेक है

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