ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024: बीजेपी और बीजेडी के बीच कड़ी टक्कर के साथ वोटों की गिनती शुरू

ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024: बीजेपी और बीजेडी के बीच कड़ी टक्कर के साथ वोटों की गिनती शुरू जून, 4 2024

ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024: वोटों की गिनती पर नजर

आज सुबह 8 बजे से ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इस चुनाव में, जो चार चरणों में 13 मई से 1 जून तक संपन्न हुआ, राज्य में कुल 74.44 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 2019 में 73.09 प्रतिशत वोटिंग के मुकाबले यह वृद्धि दर्शाती है कि जनता में इस बार चुनाव को लेकर अधिक रूचि थी।

एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक

India Today-Axis My India द्वारा किए गए एग्जिट पोल के अनुमान के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बीजू जनता दल (बीजेडी) दोनों ही 62 से 80 सीटें जीत सकती हैं। बीजेपी द्वारा उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में अपने प्रदर्शन को देखते हुए, अब ओडिशा में भी बीजेपी की पकड़ मजबूत हो रही है। हालांकि, इसके साथ ही बीजेडी के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में पार्टी को भी कड़ी चुनौती मिल रही है।

गिनती की प्रक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था

वोटों की गिनती के लिए राज्य भर में 70 केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर 5,777 गिनती पर्यवेक्षक, 5,233 गिनती सहायक, और 5,396 माइक्रो ऑब्जर्वर्स की तैनाती की गई है। इसके अलावा, 124 विशेष पर्यवेक्षक चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किए गए हैं ताकि गिनती की पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहे।

सुरक्षा के मद्देनजर, 60 कंपनियां केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और ओडिशा सशस्त्र पुलिस बल की तैनात की गई हैं, ताकि गिनती केंद्रों पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। परिणामों की घोषणा के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी 89 CAPF कंपनियां लगाई गई हैं।

सियासी रणभूमि पर प्रतिद्वंद्विता

यह चुनाव बीजेडी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि नवीन पटनायक सरकार के 24 साल के कार्यकाल के बाद यह पहली बार है जब उन्हें बीजेपी से सीधी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पटनायक, जो पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ने अपने शासनकाल में राज्य के विकास और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया है। लेकिन এবার यह देखना होगा कि क्या वे बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता को रोक पाते हैं या नहीं।

मतदाता की भूमिका

इस बार चुनाव में मतदाताओं की भारी संख्या ने भाग लिया, जो लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है। बढ़ती वोटिंग प्रतिशत यह दर्शाता है कि जनता अपने भविष्य के प्रति सजग हो रही है और अपने मताधिकार को गंभीरता से ले रही है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की मजबूती और जनता की जागरूकता का प्रतीक है।

राजनीतिक विश्लेषण

विशेषज्ञों का मानना है कि यह चुनाव परिणाम ओडिशा की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे सकता है। यदि बीजेपी को बढ़त मिलती है, तो यह राज्य की राजनीतिक समीकरणों को बदल सकती है। वहीं, बीजेडी के लिए यदि सीटों में गिरावट होती है, तो पार्टी को नेतृत्व और रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।

गिनती जारी है

गिनती अभी जारी है और शुरुआती रुझानों के अनुसार दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर है। अब देखना होगा कि अंतिम परिणाम क्या होते हैं और ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। यह चुनाव राज्य की भविष्य की दिशा और दशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।