फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री पर गांधी के प्रति अज्ञानता का आरोप लगाया
मई, 31 2024फारूक अब्दुल्ला का प्रधान मंत्री पर आरोप
नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणियों को 'चौंकाने वाला' बताया है। अब्दुल्ला का कहना है कि गुजरात से दोनों भाजपा नेता होने के बावजूद, मोदी महात्मा गांधी की प्रशंसा करने में संकोच कर रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने पीएम की कड़ी आलोचना की।
फारूक अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि महात्मा गांधी ने न केवल भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, बल्कि विश्वभर के महान राजनेताओं को भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे नेता गांधी के सिद्धांतों से प्रभावित थे।
अमित शाह की घोषणा पर भी जताई आपत्ति
इसके साथ ही फारूक अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों और पत्थरबाजों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों से वंचित करने की घोषणा पर आपत्ति जताई। उनका मानना है कि इससे लोगों और केंद्र सरकार के बीच की दूरी और बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल अनुपयुक्त है बल्कि संवैधानिक अधिकारों के विपरीत भी है। अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह के निर्णयों से जम्मू और कश्मीर में स्थिति और अधिक कठिन हो जाएगी, जिसका प्रभाव शांति और सौहार्द पर पड़ेगा।
पीडीपी प्रमुख मेहबूबा मुफ्ती का समर्थन
फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष मेहबूबा मुफ्ती का भी समर्थन किया, जिनके खिलाफ कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई है। अब्दुल्ला ने कहा कि यह राजनीतिक दमन का एक और उदाहरण है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दमन के इस दौर में एकता बनाये रखना आवश्यक है।
राफाह में हवाई हमलों पर अंतर्राष्ट्रीय मौन
फारूक अब्दुल्ला ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने राफाह में हुए हवाई हमलों की निंदा करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मौन को 'अस्वीकार्य' बताया। अब्दुल्ला ने कहा कि इस मुद्दे पर विश्व समुदाय को कड़े कदम उठाने चाहिए और इज़राइल के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह का अंतर्राष्ट्रीय मौन कई मासूम नागरिकों की जान को खतरे में डालता है और इसे गंवारा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों का उल्लंघन किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
निष्कर्ष
इन सभी मामलों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि जब तक वर्तमान केंद्र सरकार इन सभी मुद्दों पर संवेदनशील दृष्टिकोण नहीं अपनाती, तब तक देश में शांति और सौहार्द बनाये रखना कठिन हो सकता है। उन्होंने जोर दिया कि सभी नागरिकों को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए, चाहे वे किसी भी क्षेत्र या समुदाय से आते हों।
कुल मिलाकर, फारूक अब्दुल्ला ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की और केंद्र सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सही नीतियों और दृष्टिकोण के माध्यम से ही देश को प्रगति और शांति की ओर ले जाया जा सकता है।