प्रदीप रंगनाथन की 'ड्रैगन' ने प्रस्तुत की मजबूत नैतिक दुविधा

प्रदीप रंगनाथन की 'ड्रैगन' ने प्रस्तुत की मजबूत नैतिक दुविधा

'ड्रैगन': एक युवा छात्र की नैतिक यात्रा

अश्वथ मरिमुथु की फिल्म 'ड्रैगन' एक युवा इंजीनियरिंग छात्र डी राघवन की कहानी कहती है, जो प्रदीप रंगनाथन ने बखूबी निभाई है। शुरुआत में राघवन एक होनहार छात्र होता है लेकिन प्यार में अस्वीकृति का सामना करने के बाद, वह बगावती रवैया अपना लेता है। यह बदलता हुआ रवैया उसे नकली प्रमाण पत्र का सहारा लेने के लिए मजबूर करता है जिससे उसे एक उच्च वेतन वाली सॉफ्टवेयर नौकरी मिल जाती है। हालांकि, उसकी यह जालसाजी उसे नैतिक दुविधा में डाल देती है।

समाज का आईना

समाज का आईना

फिल्म में राघवन की यात्रा शिक्षा, नैतिकता और समाज के दबावों के इर्दगिर्द घूमती है। अश्वथ मरिमुथु ने हास्य और गहराई का बेहतरीन मिश्रण पेश किया है, भले ही पहले हिस्से में कुछ दृश्य कॉलेज की ऊपरी सतह पर ही नजर आते हैं। इस दौरान सोशल मीडिया से प्रेरित कॉमेडी और थकाऊ कॉलेज एंटिक्स दिखाई देती हैं।

लेओन जेम्स का बैकग्राउंड स्कोर तनावपूर्ण क्षणों को और ऊँचाई पर ले जाता है। जबकि मायस्किन का कड़क प्रिंसिपल का किरदार राघवन को उनके दोहरे रास्तों का सामना करने के लिए मजबूर करता है। फिल्म का दूसरा हिस्सा, खासतौर पर '3 Idiots' से प्रेरित क्लाइमेक्स, गहन भावनात्मकता लाता है और आत्म-सम्मान के महत्वपूर्ण संदेश को रेखांकित करता है।

प्रदीप रंगनाथन अपने किरदार में चमकते हैं, हास्य और संवेदनशीलता को संतुलित करते हुए। हालांकि, अनुपमा परमेस्वरन और कायाडू लोहार जैसे सहायक किरदारों को सीमित विकास मिलता है। फिल्म की गति में कुछ खामियाँ हैं और टोनल शिफ्ट्स में भी उतार-चढ़ाव है, लेकिन इसका सच्चा मर्म और अंतिम प्रभाव इसे देखने लायक बनाते हैं।

11 टिप्पणि

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    Prakash chandra Damor

    मार्च 12, 2025 AT 09:56
    ये फिल्म देखी नहीं पर ऐसा लगता है जैसे सब कुछ पहले से जानते हैं
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    Rashmi Primlani

    मार्च 13, 2025 AT 11:27
    राघवन की कहानी एक ऐसे युवा की है जिसने समाज के दबाव में अपनी नैतिकता को बेच दिया और फिर उसकी आत्मा ने उसे जगा दिया यह एक ऐसा संदेश है जो हर शिक्षा प्रणाली को सोचने पर मजबूर कर देता है
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    harsh raj

    मार्च 15, 2025 AT 05:38
    प्रदीप रंगनाथन ने इस किरदार को इतना सच्चा बना दिया कि लगता है जैसे हमने उसे अपने कॉलेज में देखा हो उसकी हंसी में डर छुपा है और उसकी चुप्पी में आवाज़ है यह फिल्म बस एक कहानी नहीं बल्कि एक आईना है
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    Debakanta Singha

    मार्च 16, 2025 AT 23:48
    पहले हिस्से में कॉलेज के दृश्य बहुत ज्यादा लंबे थे अगर थोड़ा काट दिए होते तो फिल्म की गति बेहतर होती और क्लाइमेक्स का असर ज्यादा होता
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    tejas cj

    मार्च 18, 2025 AT 06:43
    अरे ये तो 3 Idiots का नया वर्जन है बस नाम बदल दिया है और थोड़ा डार्क कर दिया है कोई नया बात नहीं
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    Manu Metan Lian

    मार्च 19, 2025 AT 12:05
    इस फिल्म को वास्तविकता का नाम देना गलत है यह तो एक बच्चों की कहानी है जिसमें नैतिकता का नाटक किया जा रहा है वास्तविक दुनिया में कोई ऐसा छात्र नहीं होता जो इतना लंबे समय तक अपनी जालसाजी को बर्दाश्त करे
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    swetha priyadarshni

    मार्च 21, 2025 AT 04:15
    राघवन की यात्रा में वह अपने अहंकार को तोड़ता है लेकिन फिल्म उसके परिवार के बारे में कुछ नहीं बताती जिनकी उम्मीदें उसे इस रास्ते पर धकेलती हैं यह एक बड़ी खामी है क्योंकि भारतीय परिवार का दबाव इस तरह के निर्णयों के पीछे का सबसे बड़ा कारण होता है
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    Rohit verma

    मार्च 22, 2025 AT 13:09
    ये फिल्म देखकर लगा जैसे मैंने अपनी जवानी को दोबारा जी लिया बहुत अच्छी फिल्म है और अगर आप भी अपनी गलतियों से सीखना चाहते हैं तो ये फिल्म आपके लिए है
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    Arya Murthi

    मार्च 23, 2025 AT 03:40
    मायस्किन का प्रिंसिपल बिल्कुल जैसे हमारे कॉलेज के प्रिंसिपल थे बिना बोले ही सब कुछ समझ जाते थे और फिर एक नजर में तुम्हारी आत्मा को चीर देते थे
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    himanshu shaw

    मार्च 24, 2025 AT 01:40
    इस फिल्म का एक ही मकसद है लोगों को भावुक बनाना और फिर उन्हें एक अच्छा अहसास दिलाना लेकिन वास्तविकता में ऐसे लोग जो नकली प्रमाण पत्र लेकर नौकरी पाते हैं वे जेल में जाते हैं न कि आत्म-सम्मान पाते हैं
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    Chandrasekhar Babu

    मार्च 25, 2025 AT 00:13
    फिल्म के साउंडडिजाइन में लिनियर फैक्टर्स के आधार पर ऑडियो लेयरिंग का उपयोग बहुत उच्च स्तर का है जिससे एमोशनल एन्गेजमेंट के लिए एक न्यूरोलॉजिकल रिस्पॉन्स ट्रिगर होता है जो दर्शक के कॉग्निटिव स्कीमा को री-एंकोड कर देता है

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