पुरी जगन्नाथ मंदिर में वार्षिक रथ यात्रा का शुभारंभ: 53 वर्षों में पहली बार दो दिन की यात्रा
जुल॰, 8 2024पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भव्य रथ यात्रा का शुभारंभ
रविवार को पुरी के जगन्नाथ मंदिर में इकट्ठा हुए लाखों भक्तों ने भगवान जगन्नाथ और उनके भाई बलभद्र तथा बहन सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा का आनंद उठाया। यह रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ की वार्षिक यात्रा है, जिसे भावपूर्ण और धार्मिक वातावरण में संपन्न किया गया। इस अवसर पर, समर्पित भक्तों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली, जो इन पवित्र देवी-देवताओं के दर्शन के लिए पुरी के इस ऐतिहासिक मंदिर शहर में एकत्रित हुए थे।
रथ यात्रा की परंपरा और आयोजन
रथ यात्रा की शुरुआत भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के मंगल आरती, अबकाश, तड़ाप लगी, माईलुम, रोजा होमा, सूरज पूजा, और गोपाल भोग प्रसाद अर्पण जैसे विशेष धार्मिक अनुष्ठानों से हुई। इन धार्मिक अनुष्ठानों के संपन्न होते ही, मंदिर के सेवायतों ने तीनों देवी-देवताओं को बड़े श्रद्धापूर्वक रथों पर स्थापित किया। रथों को बड़ी धूमधाम से सजाया गया था और उन्हें 'बड़ा डांडा' या ग्रैंड रोड पर रखा गया।
अनुपम ऐतिहासिक घटना
इस वर्ष की रथ यात्रा विशेष रुप से अद्वितीय रही क्योंकि 53 वर्षों में पहली बार रथ दो दिनों तक खींचे जाएंगे। इस आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उपस्थित रहीं और उन्होंने रथ खींचने का विधान निभाया। यह पहली बार हुआ जब किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने इस पूजा उत्सव में भाग लिया। इसके अलावा, कई अन्य गण्यमान्य व्यक्ति जैसे कि राज्यपाल रघुबर दास, मुख्यमंत्री मोहन मांझी, उप मुख्यमंत्री केवी सिंह देव और प्रतिवती परिदा, और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी इस भव्य अवसर का हिस्सा बने।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रौद्योगिकी उपयोक्ता
इस विशाल आयोजन की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए, 180 पुलिस टुकड़ियों के अलावा, तीन अतिरिक्त डीजीपी और कई आईजीपी के नेतृत्व में बम निरोधक और निपटान दस्ता, तीन कंपनियों के आरएएफ, और पांच कंपनियों के सीआरपीएफ की तैनाती की गई। इसके अलावा, पुरी जिला प्रशासन ने एंड्रॉइड आधारित मोबाइल एप्लिकेशन 'रथ यात्रा 2024' लॉन्च किया, जो पार्किंग, पेयजल सुविधाएं, स्वास्थ्य केंद्र, मुफ्त भोजन वितरण बिंदु, पुलिस सेवा केंद्र, बाल डेस्क हेल्पलाइन, सूचना केंद्र, और अस्थायी आवास कैंपों की जानकारी प्रदान करेगा।
भविष्य की यात्रा और उत्सव
भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की यह रथ यात्रा नौ दिनों तक चलेगी और 15 जुलाई को बहुदा यात्रा (वापसी यात्रा) होगी। इसके बाद, 17 जुलाई को देवताओं की सुनाबेशा (सुवर्ण वेश) की विशेष पूजा की जाएगी। इस शुभ अवसर पर, श्रद्धालुओं को अपने आराध्य देवताओं के दर्शन पाने का सुखद अवसर प्राप्त होगा। इस वर्ष की रथ यात्रा ने आयोजन, परंपरा और भव्यता के नए आयाम स्थापित किए हैं, जिससे आने वाले वर्षों में इसे और अधिक ऐतिहासिक और यादगार बनाया जा सकेगा।