राजस्थान में IMD का डबल अलर्ट: 20 जिलों में 25–30 अगस्त तक भारी बारिश, गरज-चमक की चेतावनी

राजस्थान मौसम अलर्ट जोर पकड़ गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 20 जिलों के लिए डबल अलर्ट जारी किया है—भारी से बहुत भारी बारिश के साथ गरज-चमक और तेज़ हवाएं। यह चेतावनी 25 से 30 अगस्त 2025 तक लागू रहेगी। पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान, दोनों हिस्सों में बारिश के कई दौर संभावित हैं, जिनका असर जयपुर, जोधपुर, उदयपुर जैसे बड़े शहरों तक दिखेगा।
पूर्वानुमान के अनुसार 25, 26 और 27 अगस्त को पूर्वी राजस्थान में बहुत भारी बारिश के आसार हैं। नागौर, श्रीडूंगरगढ़, माउंट आबू, सिरोही और अजमेर सहित कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट लागू है, यानी मौसम खतरनाक रुख ले सकता है और प्रशासन व नागरिकों को तैयारी के मोड में रहना चाहिए। पश्चिमी राजस्थान में भी बीच-बीच में तेज बौछारें और बिजली कड़कने की घटनाएं दर्ज हो सकती हैं।
दिन भर बादल छाए रहने से तापमान अपेक्षाकृत नरम रहेगा। न्यूनतम 21–25 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 28–34 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। भारी बादल और लगातार बरसात उमस बढ़ाएंगे, लेकिन दिन के ऊंचे तापमान को दबाए रखेंगे।
तेज दौरों के साथ 30–50 किमी/घंटा की रफ्तार तक झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं। बिजली गिरने की घटनाएं भी बढ़ने का खतरा है, इसलिए खुले मैदान, खेत के बीच, पेड़/बिजली के खंभों के नीचे खड़े होने से बचना जरूरी है।
मौसम का परिदृश्य और असर
आईएमडी ने इस बरसाती दौर का कारण कई सक्रिय मानसूनी प्रणालियों का संगम बताया है। सक्रिय मानसूनी द्रोणिका और अरब सागर–बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के ट्रैक के चलते पूर्वी, दक्षिणी और उत्तर-पश्चिमी राजस्थान तक बारिश फैलेगी। इस सेटअप से गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी व्यापक वर्षा हो सकती है, जबकि हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब तक गरज के साथ बारिश के दौर पहुंचेंगे।
भूमि संरचना को देखें तो अरावली की पहाड़ियों—खासकर माउंट आबू और सिरोही बेल्ट—में भूस्खलन का जोखिम बढ़ता है। निचले और पुराने पानी भराव वाले इलाकों में शहरी जलभराव जल्दी बनता है; जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर में अंडरपास, डिप्रेशन पॉकेट और कॉलोनियों की गलियां इसकी चपेट में आ सकती हैं। बार-बार की भारी बौछारें नालों के ओवरफ्लो और छोटे पुल-पुलियों पर पानी चढ़ने की स्थिति बना देती हैं।
जोधपुर में बाबा रामदेव मसूरिया मेले के दौरान भीड़ जुटती है; ऐसे में फिसलन, बिजली चमकने और तेज हवाओं के बीच खुले में रुकने से बचने की सलाह दी गई है। आयोजकों को अस्थायी शेड, बिजली के तारों और साउंड सिस्टम की सुरक्षा जांच लगातार करनी चाहिए।
बारिश के मानक के हिसाब से ‘भारी’ (64.5–115.5 मिमी) और ‘बहुत भारी’ (115.6–204.4 मिमी) 24 घंटे में दर्ज हो सकती है। ऐसी बौछारें छोटी अवधि में भी गिरें तो शहरों की ड्रेनेज क्षमता पर दबाव बढ़ता है। इसलिए प्रशासन ने पंपिंग सेट, कंट्रोल रूम और फील्ड टीमों को अलर्ट मोड में रखा है—जहां जल-जमाव तेजी से बनता है, वहां निगरानी बढ़ाई जा रही है।
कृषि पर भी असर पड़ना तय है। कटी फसल या भंडारित अनाज को तिरपाल से ढकना, पशुओं को ऊंचे और सूखे बाड़े में रखना और कीटनाशी/उर्वरक को सुरक्षित जगह पर रखना किसानों के लिए अभी अहम है। खेतों में बिजली के खुले कनेक्शन और चल रहे मोटर पंप के पास बारिश के समय काम करने से बचना चाहिए।

स्कूल बंद, यात्रा सलाह और सुरक्षा गाइड
मौसम पूर्वानुमान का असर शिक्षण संस्थानों पर दिख रहा है। जयपुर में 25–26 अगस्त को सभी स्कूल और आंगनवाड़ी बंद रहेंगे। नागौर में स्कूल, कोचिंग व आंगनवाड़ी बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। जोधपुर में भी स्कूल बंद हैं—यह बंदी मेले के कार्यक्रमों के साथ मेल खाती है, लेकिन कारण भारी बारिश की चेतावनी ही है। अन्य जिलों में भी हालात देखकर जिला प्रशासन स्थानीय आदेश जारी कर रहा है।
यातायात पर नजर रखते हुए हाईवे और स्टेट हाइवे के लो-लेवल क्रॉसिंग, पुलिया और कट-सेक्शन पर एहतियात जरूरी है। पानी चढ़े अंडरपास में वाहन ले जाना जोखिम भरा होता है; थोड़े समय का शॉर्टकट भारी नुकसान करा सकता है। रेल और हवाई सेवाओं में देरी/रीशेड्यूलिंग संभव है, इसलिए यात्रा से पहले अपडेट देख लें।
बिजली आपूर्ति में ट्रिपिंग की घटनाएं बढ़ सकती हैं। थंडरस्टॉर्म के दौरान वायर्ड उपकरणों का इस्तेमाल रोकें, अनावश्यक प्लग हटाएं और चार्जिंग डिवाइस रातभर लगे न छोड़ें। पानी भराव के दौरान जनरेटर और इन्वर्टर को ऊंचाई पर रखें—पानी और बिजली का मेल जानलेवा होता है।
ऑरेंज अलर्ट का मतलब है—तैयार रहें। यह स्तर प्रशासन और जनता, दोनों के लिए ‘बी प्रिपेयर्ड’ की स्थिति बताता है। ‘येलो’ जागरूक रहने और ‘रेड’ अत्यधिक खतरनाक हालात के संकेत देता है। इस समय फोकस ऑरेंज जोन पर है, जहां थोड़ी देर की तीव्र बौछारें भी सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
जिन जिलों के नाम चेतावनी में प्रमुखता से आए हैं—नागौर, श्रीडूंगरगढ़, माउंट आबू, सिरोही, अजमेर—वहां नालों की सफाई, पुराने जलभराव वाले पॉकेट और पहाड़ी ढलानों पर नजर रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर जैसे शहरों में नगर निगम टीमों को लो-लाइंग एरिया और बाजारों में पंपिंग की तैयारी के साथ तैनात रहना होगा।
पड़ोसी राज्यों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है, जबकि हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में गरज के साथ बारिश, तेज हवा और बिजली गिरने का खतरा बना रहेगा। यह स्पेल अगस्त के आखिरी दिनों तक उत्तरी और मध्य भारत को प्रभावित कर सकता है।
आईएमडी की एडवाइजरी का सार यही है—अब अगले 4–5 दिन सावधानी का समय है। दिन के दौरान भी अचानक तेज बौछारें गिर सकती हैं, इसलिए रेनकोट/छाता साथ रखें, अनावश्यक यात्रा टालें और मौसम अपडेट पर नजर रखें।
क्या करें और क्या न करें:
- बिजली कड़कने पर खुले मैदान, पेड़, टावर, धातु की रेलिंग से दूर रहें; तुरंत पक्की इमारत में शरण लें।
- जलभराव दिखे तो अंडरपास या निचली सड़कों से न गुजरें; वैकल्पिक रास्ता चुनें।
- घर की छत-पाइप-ड्रेनेज की सफाई रखें; बालकनी में रखी ढीली चीजें अंदर करें।
- मोबाइल की लो-पावर चिंता से बचने के लिए पावर बैंक चार्ज रखें; जरूरी दस्तावेज वाटरप्रूफ कवर में सुरक्षित रखें।
- किसान मोटर पंप/डीजल पंप के पास बारिश में काम न करें; गीले हाथ से स्विच न छुएं।
- बच्चों और बुजुर्गों को पानी भरी सड़कों/नालों के पास जाने से रोके; स्कूल बंद हों तो घर में सुरक्षित गतिविधियां चुनें।
मौसम बदलते ही हालात तेजी से पलटते हैं। इसलिए स्थानीय प्रशासन, आईएमडी के ताज़ा बुलेटिन और जिला स्तर की एडवाइज़री को प्राथमिक स्रोत मानें। अगर आप बाढ़ संभावित ज़ोन में हैं, तो आवश्यक दवाएं, टॉर्च, पीने का पानी और सूखा भोजन पहले से तैयार रखें।