सावन के तीसरे सोमवार पर प्रेम जीवन में चंद्र, मंगल और गुरु के गोचर का क्या असर पड़ेगा? जानिए सभी 12 राशियों के लिए खास भविष्यवाणी

सावन के तीसरे सोमवार पर प्रेम जीवन में चंद्र, मंगल और गुरु के गोचर का क्या असर पड़ेगा? जानिए सभी 12 राशियों के लिए खास भविष्यवाणी

सावन के तीसरे सोमवार पर खगोलीय संयोग: प्रेम में नए मोड़

28 जुलाई 2025—इस दिन सिर्फ धार्मिक रूप से ही ख़ास नहीं है, बल्कि ग्रहों की चाल भी हर किसी के दिल और दिमाग़ पर असर डालने वाली है। चंद्रमा और मंगल दोनों कन्या राशि में हैं और गुरु का भ्रमण आर्द्रा नक्षत्र में हो रहा है। इस अद्भुत ग्रह संयोग वाले सोमवार की सुबह शुक्ल चतुर्थी और पंचमी तिथि के अलावा पूर्वा व उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र, पारिघ योग, शिव योग और वणिज व बाव करण से शुरू होती है। ऐसे दिन जब श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं, वही दिन प्रेम संबंधों के लिए भी बड़ी परीक्षा या नया मोड़ लेकर आ सकता है।

कन्या में चंद्रमा भावनाओं को साफ़-सुथरा बनाता है—जो सोचोगे वो ही कहने का मन करेगा। मंगल यहीं रहकर बोलचाल में अनुशासन और सावधानी लाता है, यानी ग़लतफहमी की गुंजाइश कम हो जाती है और मुद्दों को खुलकर साझा करना आसान हो जाता है। वहीं गुरु का आर्द्रा नक्षत्र में रहना आपको और आपके साथी दोनों को संबंधों में अंतर्दृष्टि और आत्म-विश्लेषण की प्रवृत्ति देता है।

कैसे मिलेगा 12 राशियों को प्रेम में स्पष्टता और समाधान?

कैसे मिलेगा 12 राशियों को प्रेम में स्पष्टता और समाधान?

अगर आपने हाल में अपने साथी से अनबन या ग़लतफहमी झेली है, तो अब सुलह का समय है। घर में या बाहर, अभिव्यक्ति का रास्ता खुलने वाला है। प्रेमियों के लिए भावनात्मक स्तर पर जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर मिल सकता है। आइए, जानते हैं किस राशि को क्या संदेश मिल सकता है:

  • मेष: दृढ़ता के साथ आलोचना सुनें, संबंधों में नरमी लाएं।
  • वृषभ: व्यावहारिकता और दिल की भावनाओं के बीच संतुलन बनाए रखें।
  • मिथुन: संवाद बढ़ाएं, छोटी-छोटी बातों पर चुनौती महसूस न करें।
  • कर्क: पुराने मसलों का हल संभव है, दोस्ती से रिश्ता मज़बूत होगा।
  • सिंह: मेल-मिलाप का वक्त, अधिकार जताने की बजाय समझ विकसित करें।
  • कन्या: ईमानदारी से भावनाएं व्यक्त करें, साथी की सलाह मानें।
  • तुला: नए रिश्ते की शुरुआत या पुराने में पारदर्शिता आएगी।
  • वृश्चिक: वाद-विवाद से बचे, प्रेम संबंधों को लेकर संवेदनशील रहें।
  • धनु: आत्मचिंतन से अपने प्यार के मायने समझ पाएंगे।
  • मकर: जिम्मेदारी और प्यार एक साथ निभाने की सलाह है।
  • कुंभ: खुले मन से चर्चा करें, दिल की बातें छुपाने से बचें।
  • मीन: पुरानी गलतफहमियाँ दूर होंगी, आपसी आदान-प्रदान बढ़ेगा।

इस दौरान अगर आप सच्चाई, संवाद और भावनात्मक ईमानदारी को प्राथमिकता देंगे, तो न सिर्फ रिश्ते, बल्कि खुद के आत्मविश्वास में भी जबरदस्त इजाफा होगा। सावन की इस पवित्रता में प्रेम-संबंध भी शुद्ध और मज़बूत बनने का मौका पा सकते हैं। पुरानी गलतफहमियों को सुलझाने, और साथी के साथ मन-मस्तिष्क के संतुलन को साधने का ये सबसे बढ़िया समय माना जा सकता है।

14 टिप्पणि

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    Debakanta Singha

    जुलाई 29, 2025 AT 20:12
    ये सब ज्योतिष की बकवास है। रिश्ते तो दो इंसानों के बीच की ईमानदारी से बनते हैं, ग्रहों से नहीं।
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    swetha priyadarshni

    जुलाई 29, 2025 AT 23:06
    मुझे लगता है कि ये सोमवार का विशेष असर वास्तव में बहुत गहरा है। चंद्रमा कन्या में होने से हमारी भावनाएँ अधिक स्पष्ट हो जाती हैं, और मंगल की उपस्थिति उन्हें व्यक्त करने के लिए साहस देती है। गुरु का आर्द्रा में होना तो एक आध्यात्मिक अनुभव है-ये दिन सिर्फ व्रत रखने के लिए नहीं, बल्कि अपने अंदर की आवाज़ को सुनने के लिए भी आता है। मैंने पिछले साल इसी दिन अपने पार्टनर के साथ एक ऐसी बातचीत की थी जिसने हमारे रिश्ते को बदल दिया।
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    tejas cj

    जुलाई 31, 2025 AT 08:58
    अरे भाई ये सब लोग ज्योतिष के नाम पर दिमाग खो रहे हैं। चंद्रमा कन्या में है तो क्या हुआ? मेरी गर्लफ्रेंड ने आज सुबह मुझे बिना कारण बुरा कहा था। ग्रहों का जादू तो उसके दिमाग में भी नहीं चलता।
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    Chandrasekhar Babu

    अगस्त 1, 2025 AT 10:54
    इस ग्रह संयोग के वैज्ञानिक प्रासंगिकता का मूल्यांकन करने के लिए, चंद्रमा की कन्या राशि में स्थिति तथा मंगल की उसी राशि में अवस्थिति से संबंधित असंगति-निवारक तंत्रों का विश्लेषण किया जा सकता है। गुरु का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर अत्यधिक जटिल है, क्योंकि यह नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में विचारधारा के अनुसार विभाजन और पुनर्संरचना का प्रतीक है।
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    Pooja Mishra

    अगस्त 1, 2025 AT 20:54
    ये सब बकवास है। जिन लोगों को रिश्ते ठीक नहीं चल रहे, वो ग्रहों को दोष दे रहे हैं। अगर आपका पार्टनर आपको नहीं समझता, तो शायद आपको खुद बदलना होगा। ये सब ज्योतिष बस डर के नाम पर बेचा जाता है।
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    Khaleel Ahmad

    अगस्त 3, 2025 AT 07:47
    सच बताऊं तो इस दिन व्रत रखने के बाद मैंने अपनी बीवी से बात की और बहुत कुछ सुलझ गया। शायद ग्रहों का कोई असर है या शायद बस दिल की बात बोलने का अवसर मिल गया।
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    Liny Chandran Koonakkanpully

    अगस्त 3, 2025 AT 16:36
    अरे ये लोग तो ज्योतिष के नाम पर लोगों को धोखा दे रहे हैं। मैंने तो इसी दिन अपनी गर्लफ्रेंड को ब्रेकअप दे दिया। गुरु का आर्द्रा में जाना? बस एक बहाना है। असली बात तो ये है कि वो लड़की मेरी जिंदगी में नहीं आ सकती।
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    Anupam Sharma

    अगस्त 5, 2025 AT 04:06
    dekho bhaiya... yeh sab jyotish ke liye toh ekdum chal raha hai... par sach bataun toh jahan tak main jaanta hoon... koi grah nahi hota... bas hum apne dimaag ki baat ko grahon ke naam se samajhne ki koshish karte hain... aur phir apne galtiyon ko bhool jaate hain... jaise ki main... jo apni girlfriend ke saath ek saal se baat nahi kar raha... par abhi bhi sochta hoon ki shayad chandrama ne mujhe kuch kaha tha...
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    Payal Singh

    अगस्त 6, 2025 AT 08:58
    मैं इस लेख को बहुत प्यार से पढ़ रही हूँ। ये सिर्फ ज्योतिष नहीं, ये एक आह्वान है-आत्म-प्रतिबिंब, भावनात्मक स्पष्टता, और साझा संवाद का। मैंने अपने बच्चे को आज सुबह ये कहा: 'जब तक हम दिल से बात नहीं करते, तब तक ग्रह भी हमारी मदद नहीं कर सकते।' ये दिन एक नए शुरुआत का निमंत्रण है।
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    avinash jedia

    अगस्त 6, 2025 AT 18:09
    मेष वालों को नरमी लाने की बात कर रहे हो? अरे भाई, मैं तो मेष हूँ और मैंने आज अपनी गर्लफ्रेंड को बिना बात किए बिल्कुल ठीक तरीके से बता दिया कि मैं उससे बोर हो चुका हूँ। ग्रहों का असर? नहीं भाई, बस मेरा दिल बोल रहा था।
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    Shruti Singh

    अगस्त 8, 2025 AT 02:47
    ये दिन तो बहुत खास है! मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ आज सुबह एक लंबी चाय की बातचीत की और हम दोनों रो पड़े। अगर आपको रिश्ते में दिक्कत है, तो बस एक बार दिल से बोलो। ये दिन तुम्हारे लिए है।
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    Kunal Sharma

    अगस्त 9, 2025 AT 16:45
    ये ग्रहों का संयोग तो बहुत ही रोचक है, लेकिन ये बात भी सच है कि जब चंद्रमा कन्या में होता है, तो वह आमतौर पर व्यक्ति की भावनात्मक व्यवहार को अत्यधिक विश्लेषणात्मक और सूक्ष्म बना देता है-जिसके कारण व्यक्ति अपने अंदर के असंगतियों को बाहर निकालने की कोशिश करता है, जिसके फलस्वरूप उसके साथी के साथ भावनात्मक आदान-प्रदान में एक नए स्तर का आविष्कार होता है। गुरु का आर्द्रा में गोचर तो इसी आत्म-परिवर्तन की प्रक्रिया को एक दिव्य आध्यात्मिक आधार देता है, जिसके बिना ये सारी बातें सिर्फ शब्दों का खेल होतीं।
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    Raksha Kalwar

    अगस्त 10, 2025 AT 13:43
    इस दिन व्रत रखें, लेकिन अपने दिल की बात भी बोलें। ग्रह तो बस एक तारीख हैं-असली बदलाव तो आपके चुनाव से आता है।
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    himanshu shaw

    अगस्त 10, 2025 AT 20:17
    ये सब ज्योतिष वालों का नियोजित मनोवैज्ञानिक अभियान है। जब तक लोग अपने जीवन के दोष ग्रहों पर डालेंगे, तब तक वो इस तरह के लेख बेचते रहेंगे। ये दिन कोई अद्भुत नहीं, बस एक साधारण सोमवार है।

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