SEBI ने डिजिटल सोने में निवेश के खिलाफ चेतावनी जारी की, बताया बड़ा जोखिम
नवंबर 8, 2025 को, सेबी ने डिजिटल सोने के निवेश के खिलाफ एक जोरदार चेतावनी जारी की — ये उत्पाद निवेशकों को गंभीर जोखिमों का सामना करने पर मजबूर कर सकते हैं, और इनकी कोई नियामक छत नहीं है। ये निवेश विकल्प अचानक लोकप्रिय हो गए हैं, लेकिन अब सेबी कह रही है: डिजिटल सोना वास्तव में आपके पैसे का नुकसान करने का एक जोखिम भरा खेल है।
क्यों अचानक चेतावनी?
इस चेतावनी के पीछे एक बड़ा आंकड़ा है: जनवरी 2025 में, राष्ट्रीय भुगतान निगम ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा के मुताबिक, UPI के जरिए डिजिटल सोने पर ₹761.6 करोड़ का निवेश हुआ था। सितंबर 2025 तक, यह आंकड़ा बढ़कर ₹1,410.18 करोड़ हो गया — नौ महीने में लगभग 85% की छलांग। इसके साथ ही लेनदेन की संख्या 5 करोड़ से बढ़कर 10.3 करोड़ हो गई। ये कोई छोटी बात नहीं है।
और ये सब तब हुआ जब कोलकाता में सोने की कीमत ₹76,350 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर ₹1,13,700 हो गई। लोग डर गए, सोना खरीदने लगे — लेकिन अधिकांश ने भूल गए कि डिजिटल सोना असली सोना नहीं है। ये एक डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट है, जिसका पीछे कोई भौतिक भंडारण नहीं होता, या अगर है तो वह अनियंत्रित है।
क्या है खतरा?
सेबी ने दो बड़े खतरों की बात की: काउंटरपार्टी जोखिम और ऑपरेशनल जोखिम।
पहला — अगर Paytm Gold, PhonePe Gold या कोई और फिनटेक प्लेटफॉर्म फेल हो जाए, तो आपका पैसा कहाँ जाएगा? ये कंपनियाँ अपने ग्राहकों के पैसे को अलग नहीं रखतीं। यानी अगर वो बैंकरूप्ट हो गए, तो आपका सोना भी उनके दावों का हिस्सा बन जाएगा। असली सोना खरीदने पर आपके पास एक भौतिक बार होता है। यहाँ? केवल एक डिजिटल नंबर।
दूसरा — साइबर हमले। एक गलती से आपका अकाउंट हैक हो गया? कोई टेक्निकल गड़बड़ी हुई? आपको कोई बचाव नहीं। न कोई बीमा, न कोई निवेशक सुरक्षा फंड। जबकि SBI Gold ETF या HDFC Gold ETF जैसे नियमित उत्पादों में आपको सेबी के नियमों के तहत सुरक्षा मिलती है — KYC, शिकायत निवारण, ऑडिट ट्रेल।
क्या नियमित विकल्प हैं?
सेबी ने स्पष्ट किया: अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो ये तीन चीजें अपनाएँ:
- गोल्ड ईटीएफ (ETF): SBI, HDFC, ICICI Prudential जैसे निवेश कोषों द्वारा जारी — ये असली सोने के बार के बराबर होते हैं, और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर ट्रेड होते हैं।
- गोल्ड कमोडिटी फ्यूचर्स: मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) पर ट्रेड किए जाते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट्स (EGR): ये भी एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं, लेकिन इनके लिए 2021 के नियमों के अनुसार, हर रिसीप्ट के पीछे 100% असली सोना होना जरूरी है।
इन सबको खरीदने के लिए आपको ICICI Direct, Sharekhan, CDSL Ventures Limited जैसे सेबी-रजिस्टर्ड इंटरमीडिएट्स के जरिए ही निवेश करना होगा।
असर क्या हुआ?
चेतावनी के तुरंत बाद बाजार में तूफान आ गया। One97 Communications Ltd. — Paytm की माता-पिता कंपनी — के शेयर 4.2% गिर गए। वहीं, SBI Gold ETF की ट्रेडिंग वॉल्यूम 12.7% बढ़ गई। लोग डिजिटल से नियमित विकल्पों की ओर भाग रहे हैं।
इसके अलावा, सेबी ने स्पष्ट किया: अगर कोई प्लेटफॉर्म गलत तरीके से डिजिटल सोना बेच रहा है, तो उसके खिलाफ सेबी एक्ट, 1992 की धारा 15-I के तहत ₹25 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अब क्या करें?
अगर आपने पहले से डिजिटल सोना खरीदा है, तो आपके पास एक मौका है — लेकिन इसे गंवाना नहीं चाहिए। सेबी ने 31 दिसंबर, 2025 तक का समय दिया है ताकि आप अपने डिजिटल सोने को नियमित उत्पादों में बदल सकें।
ये बदलाव आप CDSL Ventures Limited या किसी अन्य रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के जरिए कर सकते हैं। अगर आपको कोई प्लेटफॉर्म गलत तरीके से बेच रहा है, तो SCORES पोर्टल (scores.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।
सेबी के चेयरमैन मधबी पूरी बुच के दफ्तर ने कहा कि मार्केट सर्विलेंस डिपार्टमेंट अब इन प्लेटफॉर्म्स की निगरानी करेगा। जो भी अनियमित रूप से डिजिटल सोना बेच रहे हैं, उनका भुगतान प्रोसेसिंग रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के साथ समन्वय से रोका जा सकता है।
पिछले चेतावनियाँ: क्या ये पहली बार है?
नहीं। 2018 में सेबी ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ चेतावनी दी थी। 2019 में P2P लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ। अब डिजिटल सोना। एक ही पैटर्न: तेजी से बढ़ता निवेश — फिर अनियमितता का पता चलना — फिर चेतावनी।
विश्व सोना परिषद के अनुसार, भारत में सोने की कीमतें 2025 में 48.9% बढ़ीं — दुनिया भर में सिर्फ 24.3%। इस अंतर के कारण लोगों की भावनाएँ बेकाबू हो गईं। उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को आसानी से अपनाया — बिना सोचे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डिजिटल सोना और गोल्ड ETF में क्या अंतर है?
डिजिटल सोना एक डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट है जिसका पीछे कोई भौतिक भंडारण या नियामक सुरक्षा नहीं होती। वहीं, गोल्ड ETF असली सोने के बार के बराबर होता है, जिसे एक्सचेंज पर ट्रेड किया जाता है और इसकी प्रत्येक इकाई के पीछे सेबी द्वारा ऑडिट किया गया भंडारण होता है। अगर ETF कंपनी फेल हो जाए, तो आपका निवेश अभी भी सुरक्षित है।
क्या Paytm Gold या PhonePe Gold बंद हो जाएंगे?
अभी नहीं। सेबी ने कोई बंदी नहीं की है, लेकिन अगर ये प्लेटफॉर्म नियमित निवेश विकल्प नहीं बन जाते, तो उनके भुगतान प्रोसेसिंग को RBI रोक सकता है। अब ये प्लेटफॉर्म या तो नियमित हो जाएंगे, या बाजार से धीरे-धीरे हट जाएंगे।
क्या मैं अपना पुराना डिजिटल सोना वापस पा सकता हूँ?
हाँ, लेकिन इसके लिए आपको 31 दिसंबर, 2025 तक एक सेबी-रजिस्टर्ड इंटरमीडिएट के माध्यम से अपने डिजिटल सोने को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (EGR) में बदलना होगा। इसके बाद आप उसे बेच सकते हैं या भौतिक सोने के रूप में ले सकते हैं।
क्या सेबी ने किसी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है?
अभी तक कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन सेबी के मार्केट सर्विलेंस टीम ने 150 से अधिक प्लेटफॉर्म्स की निगरानी शुरू कर दी है। अगर किसी प्लेटफॉर्म ने गलत जानकारी दी है या बिना अनुमति के बेचा है, तो उसके खिलाफ ₹25 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्या डिजिटल सोना कभी सुरक्षित हो सकता है?
हाँ, अगर ये नियमित रूप से नियंत्रित हो जाए। अगर कोई प्लेटफॉर्म अपने ग्राहकों के पैसे को अलग रखे, 100% भौतिक सोने के साथ बैकिंग करे, और सेबी के नियमों का पालन करे — तो ये एक बेहतर विकल्प बन सकता है। लेकिन अभी ऐसा कोई भी प्लेटफॉर्म नहीं है।
क्या मैं अपना सोना भौतिक रूप में ले सकता हूँ?
अगर आपने EGR खरीदा है, तो हाँ — आप एक्सचेंज पर आवेदन करके उसे भौतिक सोने के बार में बदल सकते हैं। लेकिन डिजिटल सोना प्लेटफॉर्म्स पर ये सुविधा नहीं है। आपके पास केवल एक डिजिटल बैलेंस है — जिसे आप बेच सकते हैं, लेकिन नहीं ले सकते।