NBFC – गैर‑बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पूरा गाइड

जब आप NBFC, गैर‑बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non‑Banking Financial Company) एक ऐसा संस्थान है जो बैंक नहीं है लेकिन ऋण, लीज, फैक्टोरिंग और बीमा जैसे वित्तीय उत्पाद प्रदान करता है. अक्सर इसे नॉन‑बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी कहा जाता है। RBI, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया NBFC के संचालन को नियामक रूप से नियंत्रित करता है और माइक्रोफाइनेंस, छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को छोटे‑छोटे ऋण देने की प्रक्रिया NBFC के प्रमुख कार्य में से एक है। साथ‑साथ वित्तीय समावेशन, अधिक लोगों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुँचाना और आर्थिक अवसर प्रदान करना भी NBFC की वृद्धि को गहरा असर देता है। इन चार मुख्य तत्वों से NBFC का ढाँचा बनता है: यह वित्तीय सेवाएँ देता है, RBI के नियमों का पालन करता है, माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से छोटे वर्ग को लक्षित करता है, और वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करता है।

मुख्य कार्य और नियामक ढांचा

NBFC विभिन्न प्रकार की सेवाएँ देती है – एसेट फाइनेंस, लीजिंग, हाउसिंग लोन, और इन्श्योरेंस ब्रोकरज। इस विविधता का मतलब है कि एसेट फाइनेंस, संपत्ति‑आधारित ऋण जैसे वाहन या मशीनरी को गिरवी रखकर वित्तीय सहायता अक्सर छोटे उद्यमियों की पहली पसंद बनती है। नियमों की बात करें तो RBI हर साल परलेख नियम, डाटा और रिपोर्टिंग मानकों की सेटिंग जिससे NBFC की पारदर्शिता बढ़े अपडेट करता है और यह सुनिश्चित करता है कि कंपनियाँ पर्याप्त पूँजी रखे। NBFC को इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि उनका कॉरपोरेट गवर्नेंस, लिक्विडिटी रेशियो, और क्रेडिट जोखिम प्रबंधन RBI के दिशानिर्देशों के अनुरूप हो।

इन नियामकों के कारण अक्सर देखा गया है कि NBFC ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। उदाहरण के तौर पर, ग्रामीण भारत में माइक्रोफाइनेंस मॉडल को अपनाकर कई NBFC ने उन लोगों को кредит दिया जो पारंपरिक बैंकों से बाहर थे। जैसा कि हमने देखा, जब RBI ने 2021 में माइक्रो‑लेंडिंग के लिए विशेष मार्गदर्शन जारी किया, तब से ऋण पोर्टफोलियो में 30% की वृद्धि हुई। यही कारण है कि वित्तीय समावेशन न केवल सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करता है, बल्कि NBFC के लिए नया ग्राहक आधार भी खोलता है।

नीचे आपको इस टैग के अंतर्गत विभिन्न लेख मिलेंगे – चाहे वह NBFC‑के नए नियम, माइक्रोफाइनेंस के केस स्टडी, या एसेट फाइनेंस में उभरते ट्रेंड हों। इस क्यूरेटेड लिस्ट से आप समझ पाएँगे कि आज के वित्तीय परिदृश्य में NBFC कैसे काम कर रहे हैं, कौन‑से अवसर उपलब्ध हैं, और कौन‑से जोखिमों का सामना करना पड़ता है। तैयार हो जाइए, क्योंकि आगे के लेख आपको व्यावहारिक अंतर्दृष्टि और अपडेटेड जानकारी देंगे जो आपके वित्तीय समझ को एक कदम आगे ले जाएगा।

Tata Capital IPO खुला: 15,512 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा NBFC सार्वजनिक प्रस्ताव

Tata Capital IPO खुला: 15,512 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा NBFC सार्वजनिक प्रस्ताव

6 अक्टूबर को शुरू हुआ Tata Capital IPO 15,512 crore रुपये का सबसे बड़ा NBFC सार्वजनिक प्रस्ताव है। Rajiv Sabharwal के नेतृत्व में कंपनी टियर‑1 कैपिटल बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।

और देखें