राष्ट्रपति चुनाव 2025 – सभी अपडेट एक जगह

भारत में राष्ट्रपति चुनाव हर पाँच साल में होते हैं और इस बार भी कई रोचक बातें सामने आ रही हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि कौन‑कौनसे नाम दायर हुए, वोटिंग कैसे होती है और क्या मुद्दे चर्चित हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम सबसे ताज़ा खबरों को सरल भाषा में समझाते हैं ताकि आपको हर जानकारी तुरंत मिल सके.

मुख्य उम्मीदवार और उनका प्रोफ़ाइल

इस चुनाव में दो बड़े नाम सामने आ रहे हैं – एक तरफ कांग्रेस के समर्थन से जुड़ा अनुभवी राजनेता, और दूसरी तरफ बीजेपी‑समर्थित उद्योगपति। दोनों की पृष्ठभूमि अलग है: राजनीति वाले ने कई बार राज्य स्तर पर काम किया है जबकि उद्यमी ने व्यापार में बड़ी सफलता हासिल की है। उनके पिछले कार्यों को देखें तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि वे राष्ट्रपति के पद पर क्या बदलाव लाएंगे.

वोटिंग प्रक्रिया और प्रमुख तिथियाँ

राष्ट्रपति का चुनाव भारतीय संसद के दोनों सदनों के मतदाताओं द्वारा किया जाता है। कुल 1,100 से अधिक सदस्य वोट डालते हैं और हर एक वोट की गणना विशेष फार्मूले के आधार पर होती है। मतदान 12 जुलाई को तय हुआ है, इसलिए अब समय है कि आप इस तिथि को याद रखें और यदि आप किसी प्रतिनिधि का चयन करना चाहते हैं तो अपने सांसदों से संपर्क कर सकते हैं.

पिछली बार के परिणामों को देखते हुए, कई विश्लेषकों ने कहा था कि यह चुनाव बहुत करीब रहेगा। वास्तविक मतगणना में कुछ घंटे लगते हैं, लेकिन आधिकारिक घोषणा अगले दिन ही हो जाती है. इस प्रक्रिया की पारदर्शिता और समयसीमा पर ध्यान देना जरूरी है.

हमारी साइट पर आप इन सभी खबरों के साथ‑साथ चुनाव से जुड़ी रोचक आँकड़े, सर्वे और विशेषज्ञों की राय भी पढ़ सकते हैं। हर अपडेट को हम तुरंत प्रकाशित करते हैं ताकि आपको पुरानी जानकारी नहीं मिलनी पड़े. यदि आप इस टैग पेज को फॉलो करेंगे तो नई लेखनियों पर नोटिफिकेशन भी मिलेगा.

अंत में, अगर आपके पास कोई सवाल है या आप किसी विशिष्ट उम्मीदवार के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं. हम कोशिश करेंगे कि हर सवाल का जवाब जल्द से जल्द दें. राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि हमारे देश की दिशा तय करने वाला अहम मोड़ है – इसलिए इसे समझना और चर्चा करना जरूरी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली का गहराई से विश्लेषण

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली का गहराई से विश्लेषण

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों की जटिलता पर चर्चा करते हुए इस लेख में बताया गया है कि भारत जैसे देशों की तरह केवल वोटों का संग्रह करना जीत के लिए पर्याप्त नहीं है। अमेरिका में राष्ट्रपति का चयन इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से होता है। इस प्रणाली की विशेषताओं में से एक यह है कि किसी भी उम्मीदवार को सबसे अधिक वोट मिलना उनके जीतने की गारंटी नहीं है यदि वे इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत हासिल नहीं कर पाते।

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डेमोक्रैटिक पार्टी जो बिडेन की जगह नए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को कैसे चुन सकती हैं?

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यह लेख आगामी नवंबर चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी द्वारा जो बिडेन की जगह नए उम्मीदवार को चुनने की संभावना पर चर्चा करता है। जून 27 को हुए एक टेलीविजन बहस में डोनाल्ड ट्रंप के साथ कमजोर प्रदर्शन के बाद, डेमोक्रैटिक पार्टी के अंदर बिडेन की उम्मीदवारी को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। हालांकि उन्होंने पार्टी की उम्मीदवारी के लिए पर्याप्त डेलीगेट्स जुटा लिए हैं, लेकिन अंतिम फैसला बिडेन के हाथ में है।

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