वधावन पोर्ट के विकास के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 76,200 करोड़ रुपये की मंजूरी दी
वधावन पोर्ट के विकास के लिए कैबिनेट की मंजूरी
हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने महाराष्ट्र के वधावन में एक प्रमुख ग्रीनफील्ड पोर्ट के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस बंदरगाह को भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEEC) का हिस्सा माना जा रहा है। इस परियोजना को 76,200 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित किया जाएगा, और इसका उद्देश्य देश की कंटेनर हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना है। इसका एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे लगभग 12 लाख रोजगार उत्पन्न होंगे, जिससे आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। इस पोर्ट के विकास से भारत का समुद्री व्यापार बढ़ेगा और यह देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
पोर्ट की विशेषताएँ और क्षमता
वधावन पोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्ग के पास रणनीतिक रूप से स्थित किया गया है जिससे यह और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। यह पोर्ट 20 मीटर की प्राकृतिक गहराई के साथ बनेगा, जिससे यह बड़े कंटेनर जहाजों की भी हैंडलिंग कर सकेगा। इसकी क्षमता 23.3 मिलियन TEU (ट्वेंटी-फुट इक्विवालेंट यूनिट्स) प्रति वर्ष कार्गो संभालने की होगी। इस बंदरगाह का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा, जिसमें पहला चरण 2030 तक और दूसरा चरण 2039 तक पूरा होगा।
वधावन पोर्ट की संरचना
इस पोर्ट में कुल 298 मिलियन टन कार्गो की हैंडलिंग क्षमता होगी। यहाँ नौ कंटेनर टर्मिनल्स, चार बहुउद्देशीय जहाज घाट, और चार तरल कार्गो जहाज घाट बनाए जाएंगे। इसके अलावा, लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत से सड़क और रेल संपर्क भी स्थापित किए जाएंगे जिससे इस पोर्ट को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जा सके। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड में विकसित की जाएगी और इसके लिए जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी और महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड के बीच संयुक्त उद्यम स्थापित किया जाएगा।
परियोजना की रणनीतिक महत्वता
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस पोर्ट के विकास से देश की कंटेनर हैंडलिंग क्षमता दोगुनी हो जाएगी, जिससे भारत के समुद्री व्यापार के क्षेत्र में एक नया आयाम जुड़ जाएगा। केंद्रीय शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि यह पोर्ट चाबहार पोर्ट (ईरान) और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के माध्यम से माल ढुलाई में भी सहायक होगा।
आर्थिक प्रभाव और रोजगार सृजन
इस परियोजना के आर्थिक प्रभाव को देखते हुए यह साफ है कि इससे न केवल आर्थिक विकास को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के नये अवसर भी उत्पन्न होंगे। इस परियोजना से प्रत्यक्ष रूप से 12 लाख रोजगार सृजित होने की संभावना है, जिससे स्थानीय आबादी के जीवन स्तर में सुधार होगा। यह पोर्ट अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा और इसके माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
अंत में, वधावन पोर्ट के विकास की यह परियोजना देश के समुद्री व्यापार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से न केवल कंटेनर हैंडलिंग क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा। इससे रोजगार के नये अवसर उत्पन्न होंगे और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को भी गति मिलेगी।
srinivas Muchkoor
जून 20, 2024 AT 22:17Shivakumar Lakshminarayana
जून 22, 2024 AT 14:17Parmar Nilesh
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जून 27, 2024 AT 20:58Animesh Shukla
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