वाराणसी मौसम आज: 34°C तक गर्मी-उमस, अगले 5 दिनों में कब बरसेंगे बादल?
                                                
                        आज वाराणसी: उमस भरा दिन, धूप-छांव के बीच बौछार की गुंजाइश
सोमवार, 1 सितंबर 2025 की सुबह वाराणसी ने हल्की धुंध और भारी नमी के साथ शुरुआत की। दिन चढ़ने पर पारा 34°C तक जाने का अनुमान है, जबकि रात में तापमान करीब 26°C रहेगा। आर्द्रता 88% तक, और हवा बहुत धीमी—करीब 4 किमी/घंटा—इसलिए पसीना ज्यादा, सुकून कम। सूर्योदय 5:39 बजे हुआ और सूर्यास्त 6:17 बजे के आसपास रहेगा, यानी कामकाज के लिए भरपूर उजाला तो मिलेगा, लेकिन उमस साथ बनी रहेगी।
दबाव लगभग 100.5 kPa पर स्थिर है, जो सामान्यत: स्थिर मौसम की ओर इशारा करता है। शहर फिलहाल मॉनसून के संक्रमण दौर में है—प्रभाव कमजोर पड़ रहा है, पर पूरी तरह गया नहीं। ऐसे में पूरे दिन हल्के-फुल्के बादल, बीच-बीच में तेज धूप और कभी-कभार फुहारें—तीनों एक साथ देखने को मिल सकते हैं। इस नमी के साथ 34°C पर रीयल-फील 40°C के पार महसूस हो सकता है, इसलिए दोपहर के समय बाहर निकलना थका देने वाला रहेगा।
यूवी इंडेक्स दोपहर में मध्यम से ऊंचा जा सकता है, तो छाते/टोपी और हल्का सनस्क्रीन काम आएगा। घाटों पर हवा खुली रहती है, लेकिन इस समय ब्रीज बहुत हल्की है, इसलिए तपिश से खास राहत नहीं मिलेगी। जो लोग सुबह-सुबह मंदिरों में दर्शन या घाट पर टहलने का प्लान बना रहे हैं, उनके लिए 6 से 9 बजे का समय सबसे आरामदेह है।
घंटावार रुझान की बात करें तो सुबह 8-10 बजे तक नमी के कारण चिपचिपाहट ज्यादा रहेगी, 11 बजे से 3 बजे के बीच धूप तीखी और थकाने वाली—यही सबसे गर्म खिड़की है। शाम 5 बजे के बाद तापमान थोड़ा ढीला पड़ेगा, पर नमी फिर सिर चढ़कर बोलेगी। देर रात हल्का-सा झोंका मिल सकता है, पर तेज हवा की उम्मीद नहीं है।
आवागमन पर असर कम रहेगा, लेकिन बिखरी हुई बौछारें कुछ इलाकों की सड़कों पर पानी जमा कर सकती हैं। अगर आप स्कूटर या बाइक से निकल रहे हैं, तो रेन-जैकेट और फोन के लिए वाटर-प्रोटेक्शन साथ रखें। छोटी दूरी के काम दिन में बांटकर करें—थोड़ा सुबह, थोड़ा शाम—ताकि दोपहर की तपिश से बचा जा सके।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, हाई ह्यूमिडिटी डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ाती है। हल्के, सूती कपड़े पहनें; पानी, छाछ, नींबू-पानी जैसे पेय पीते रहें; और तेज धूप में लंबे समय तक खड़े रहने से बचें। बुजुर्ग, बच्चे और हृदय/श्वसन रोगी दोपहर के समय अनावश्यक बाहर न निकलें।
- दोपहर 11-3 बजे: छाया में रहें, SPF 30+ सनस्क्रीन लगाएं।
 - घरों में हवा का प्रवाह बनाए रखें—खिड़कियां खोलकर क्रॉस-वेंटिलेशन करें।
 - मच्छरों से बचाव करें—उमस में ब्रीडिंग बढ़ती है, रिपेलेंट/मेश का इस्तेमाल करें।
 - ड्राइवर सावधान: अचानक फुहारें सड़क फिसलन बढ़ा सकती हैं, ब्रेकिंग दूरी रखें।
 
आज के लिए सबसे सीधी सलाह—हाइड्रेशन और सन-प्रोटेक्शन को प्राथमिकता दें। अगर घाटों पर नाव की सवारी प्लान है, तो दोपहर की बजाय सुबह/शाम का स्लॉट चुनें।
अगले 5 दिन: तापमान 32-34°C, बरसात छिटपुट; सितंबर में अच्छी धूप भी
मंगलवार से शुक्रवार तक मौसम का पैटर्न लगभग आज जैसा रहेगा। अधिकतम तापमान 32-34°C की रेंज में और न्यूनतम 25-27°C के बीच घूमेगा। आर्द्रता 59% से 88% तक ऊपर-नीचे होती रहेगी—यानी ‘कपड़ों से चिपकने वाली’ उमस बनी रहेगी। बारिश की बात करें तो कई दिनों में बौछारें संभव हैं, पर लंबी, मूसलाधार बारिश का ट्रेंड कमजोर है।
पूरे सितंबर को देखें तो शहर में करीब 8 से 15 बरसाती दिन मिल सकते हैं—मतलब आधा महीना किसी न किसी रूप में बरसात दिखा सकता है। कुल बारिश 173 से 227 मिमी के आसपास रह सकती है, जो मॉनसून के ढलते चरण के हिसाब से सामान्य से थोड़ी कम-ज्यादा हो सकती है। अच्छी बात ये कि रोजाना धूप के घंटे 9 से 10.8 के बीच मिलेंगे—कामकाज, पढ़ाई, और यात्रा की प्लानिंग आराम से की जा सकती है।
मॉनसून की पकड़ ढीली पड़ रही है, फिर भी बंगाल की खाड़ी से आती नमी और स्थानीय हीट के कारण शाम के वक्त फुहारों का सिलसिला बन सकता है। शहर के निचले इलाकों या पुराने ड्रेनेज सिस्टम वाले हिस्सों में पानी भरने की समस्या कभी-कभी सामने आ सकती है—मेयर और नगर निगम की टीमें आमतौर पर ऐसे समय में पम्पिंग पर फोकस बढ़ाती हैं, फिर भी दफ्तर/कोचिंग जाने से पहले कुछ मिनट ट्रैफिक अपडेट देख लेना समझदारी होगी।
यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए छोटे-छोटे टिप्स काम आएंगे।
- दर्शन-पूजा/घाट भ्रमण: सुबह 6-9 या शाम 5:30 के बाद जाएं—नमी कम और धूप नरम।
 - फोटोग्राफी/वीडियो: बादलों के फ्लक्चुएशन से गोल्डन-आवर शानदार मिल सकता है—लेकिन अचानक बौछार के लिए माइक्रो-फाइबर कपड़ा रखें।
 - इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: ह्यूमिडिटी में फॉगिंग होती है, सील्ड बैग या सिलिका जेल पाउच रखें।
 - सार्वजनिक परिवहन: हल्की बारिश में ऑटो/बस की उपलब्धता बदलती है—5-10 मिनट का बफर रखें।
 
किसानों के लिए सलाह—पूर्वांचल में धान की फसल इस समय नमी और तापमान के मेल से तेजी से बढ़ती है, लेकिन यही मौसम तना छेदक/लीफ फोल्डर जैसे कीटों के लिए मुफीद होता है। फसल निरीक्षण की आवृत्ति बढ़ाएं, कीट प्रबंधन के लिए अनुशंसित फेरोमोन ट्रैप या स्प्रे खिड़की बारिश के बाद के सूखे अंतराल में रखें। जहां पानी भराव की आशंका है, वहां सूक्ष्म नालियों से निकासी सुनिश्चित करें। सब्जियों में फल-सड़न से बचाव के लिए बेलों को सहारा दें और सुबह सिंचाई करें, ताकि सतह तेजी से सूख सके।
स्वास्थ्य मोर्चे पर अगले कुछ दिनों में भी प्राथमिकताएं वही रहेंगी—पानी, लवण-घोल, हल्का भोजन, और तेज धूप से बचाव। जो लोग आउटडोर काम करते हैं, वे 20-20 मिनट के अंतराल पर छाया में ब्रेक लें। जिम/दौड़ जैसे भारी वर्कआउट दोपहर से पहले सुबह में शिफ्ट करें।
ऊर्जा खपत बढ़ने वाली है—एसी/कूलर के साथ अगर घर में डिह्यूमिडिफायर है तो नमी नियंत्रण बेहतर रहेगा। लगातार बंद कमरों में फफूंद की शिकायतें बढ़ती हैं, इसलिए दीवारों/कार्नर पर नजर रखें।
कुल मिलाकर, सप्ताह गर्म और उमस भरा रहेगा, बीच-बीच में राहत देने वाली बौछारों के साथ। जरूरी काम सुबह-शाम में बांट लें, और बारिश के अनिश्चित मिजाज को ध्यान में रखते हुए बैग में छोटा छाता/रेनकोट, पानी की बोतल और एक पतला तौलिया रखना आदत बना लें।
नोट: दैनिक बदलाव संभव हैं। अगर आप फ्लाइट/इवेंट/यात्रा से जुड़े हैं, तो निकलने से पहले नवीनतम अपडेट जरूर देखें। आज का वाराणसी मौसम संकेत दे रहा है—धूप मिलेगी, पर उमस भी साथ चलेगी; फुहारें आएंगी, पर टिकेंगी नहीं।
Pooja Mishra
सितंबर 3, 2025 AT 15:50ये उमस तो बस एक नाम है, असल में ये हाइड्रोथर्मल लोड है जो बॉडी टेम्परेचर रेगुलेशन को डिसरप्ट कर रहा है। रियल फील 40°C का मतलब है कि आपका स्वीट जोन बर्बाद हो चुका है। नमी का वैक्टर एक्टिविटी और थर्मल रिस्पॉन्स के बीच इंटरैक्शन को एक्सेलरेट कर रहा है। डिह्यूमिडिफिकेशन नहीं हो रहा, तो ये सिर्फ गर्मी नहीं, बल्कि एन्वायरनमेंटल स्ट्रेस है।
Khaleel Ahmad
सितंबर 3, 2025 AT 15:57Liny Chandran Koonakkanpully
सितंबर 4, 2025 AT 14:13अरे भाई ये सब तो बस बातें हैं 😤 असली मुसीबत तो ये है कि बारिश आएगी तो घर का बर्तन भी फंस जाएगा 😭 और अगर तुमने घाट पर जाना चाहा तो देखोगे कि कितने लोग अपने फोन लेकर बैठे हैं बारिश का वीडियो बना रहे हैं 📱🌧️ असली भक्ति तो वो है जो बिना फोन के नहाने आए और जिसके घर में बिजली नहीं आई तो भी गंगा के पानी में चला गया 😔
Anupam Sharma
सितंबर 5, 2025 AT 22:44अरे ये सब लोग तो बस अपने एसी वाले घरों से बाहर आके बता रहे हैं कि गर्मी कैसी है... असल में तो ये उमस तो हमारे पूरे पूर्वोत्तर के लिए रोज का खाना है। वाराणसी में 34°C? अरे भाई, मैं तो बिहार के गांव में 42°C पर भी बिना पानी के बैठा रहता हूं और कहता हूं 'जीवन है तो जीना है' 😌 और ये सब लोग तो डिह्यूमिडिफायर खरीदने के लिए बात कर रहे हैं... अरे ये तो एक शहरी बीमारी है भाई, जिसे तुम रियलिटी से दूर रखते हो।
Payal Singh
सितंबर 7, 2025 AT 12:22मैं बस इतना कहना चाहती हूं-हर किसी की गर्मी अलग होती है। जिसके घर में फैन है, जिसके घर में एसी है, जिसके घर में बिजली नहीं है... सबके लिए ये दिन अलग अलग हैं। कृपया अपने आराम के बारे में सोचें, लेकिन उन लोगों के बारे में भी सोचें जो इस उमस में रोज 12 घंटे बाहर काम करते हैं। एक छोटा सा छाता, एक बोतल पानी, एक दोस्ताना बात-ये सब बहुत कुछ बदल सकता है। ❤️
avinash jedia
सितंबर 8, 2025 AT 10:04अरे ये सब लोग तो बस अपने बारिश के डर से डर रहे हैं। अगर बारिश आएगी तो तुम लोगों को तो घर में बैठना ही पड़ेगा, लेकिन मैं तो बारिश में नहाने जाऊंगा! बारिश का मज़ा ही अलग होता है। और ये जो लोग डिह्यूमिडिफायर की बात कर रहे हैं-अरे भाई, अगर तुम्हारे घर में नमी बहुत है तो तुम्हारे घर का फर्नीचर भी तुम्हारे साथ बोल रहा है! वो भी तुम्हारे बिना नहीं रह पा रहा!
Shruti Singh
सितंबर 10, 2025 AT 09:50अरे ये सब टिप्स तो बस लिखने के लिए लिखे गए हैं! अगर तुम वास्तव में इस उमस को सहन करना चाहते हो तो तुम्हें बस एक ही चीज़ करनी है-सुबह 5:30 बजे उठो, घाट पर जाओ, गंगा का पानी छूओ, और अपने दिल को शांत करो। बाकी सब बकवास है। तुम जितना डरोगे, उतनी गर्मी बढ़ेगी। जीवन को आसान बनाओ, न कि इंटरनेट पर टिप्स लिखकर नहीं।