जम्मू और कश्मीर में बस हमले में कम से कम 10 हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत, 33 घायल

जम्मू और कश्मीर में बस हमले में कम से कम 10 हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत, 33 घायल

जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में बस पर हमला

जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में एक भयावह हमला हुआ, जिसमें कम से कम 10 हिंदू तीर्थयात्रियों की जान चली गई और 33 लोग घायल हो गए। हमलावरों को संदेह की दृष्टि से आतंकवादी माना जा रहा है, जिन्होंने बस को खाई में गिरा दिया। यह बस माता वैष्णो देवी के आधार शिविर की ओर जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया और घायलों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के तुरंत बाद ट्विटर पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने लिखा, 'जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों पर हुए हमले की खबर से मैं अत्यंत दुःखी हूं।' मोदी ने जम्मू और कश्मीर के प्रशासन को घायलों को सर्वोत्तम मेडिकल सुविधा देने के निर्देश दिए हैं।

क्षेत्रीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

क्षेत्र के शीर्ष प्रशासक मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर शोक प्रकट किया और कहा कि जो लोग इस हमले के पीछे हैं, उन्हें जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। सिन्हा ने कहा, 'यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस प्रकार के कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और दोषियों को सजा दिलवाएंगे।'

पुलिस की प्रारंभिक जांच

स्थानीय पुलिस प्रमुख मोहिता शर्मा के अनुसार, आतंकवादियों ने बस पर घात लगाकर हमला किया। उन्होंने कहा, 'हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि यह एक योजनाबद्ध हमला था।' हालांकि, अब तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस और सुरक्षा बल मामले की जांच कर रहे हैं और क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चला रहे हैं।

क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल

यह हमला उस दिन हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे लगातार कार्यकाल की शपथ ली। घटना के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल है और स्थानीय लोग सुरक्षा की कमी को लेकर चिंतित हैं। जम्मू और कश्मीर में 1989 से सशस्त्र संघर्ष चला आ रहा है, जिसमें दिल्ली की सरकार के खिलाफ विद्रोह शामिल है। दिल्ली का आरोप है कि पाकिस्तान इन विद्रोहियों को पनाह देता है, हालांकि पाकिस्तान इस आरोप को नकारता रहा है।

पिछली घटनाओं की यादें ताजा

यह हमला 2017 के उस हमले की यादें ताजी कर देता है, जब सात हिंदू तीर्थयात्री एक बस में हुए गोलीबारी में मारे गए थे। उस समय भी बस पुलिस और आतंकवादियों के बीच फंसी थी। इस प्रकार की घटनाएं न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि देश के धार्मिक और सामाजिक ताने-बाने को भी झकझोर देती हैं।

घायलों का हाल

घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और डॉक्टरों की एक टीम उनकी देखरेख में जुटी है। कुछ गंभीर रूप से घायल यात्रियों को विशेष चिकित्सा सुविधा के लिए दूसरे शहरों में भेजा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन कुछ मरीजों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा

इस हमले के बाद सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। विशेषकर उन रूट्स पर जहां यात्रा के दौरान खतरा हो सकता है। सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त बलों को तैनात किया जाएगा और निगरानी बढ़ाई जाएगी।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

घटनास्थल के आस-पास रहने वाले स्थानीय लोग इस घटना से भयभीत हैं और प्रशासन से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, 'हमारे इलाके में शांति की जरूरत है। सरकार को यहां की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।'

कुल मिलाकर, यह घटना एक बार फिर से इस तथ्य को उजागर करती है कि जम्मू और कश्मीर क्षेत्र अभी भी सशस्त्र संघर्ष और आतंकवादी गतिविधियों से मुक्त नहीं हुआ है। सरकार और सुरक्षा बलों के लिए यह चुनौती है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकें और क्षेत्र में शांति स्थापित करें।

20 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Anjali Akolkar

    जून 11, 2024 AT 15:37
    हम सब इस दुखद घटना के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। घायलों को जल्दी से ठीक होने की कामना करता हूँ। ❤️
  • Image placeholder

    Sunil Mantri

    जून 12, 2024 AT 02:37
    ये सब तो बस एक और टीवी न्यूज़ है... कल फिर कुछ नया आएगा। कोई असली बदलाव नहीं होगा।
  • Image placeholder

    Parmar Nilesh

    जून 13, 2024 AT 13:04
    ये आतंकवादी जानवरों की तरह हैं जो हमारी धरोहरों को नष्ट करने की कोशिश करते हैं। हमें उन्हें जमीन पर उतारना होगा। अब नहीं तो कभी नहीं।
  • Image placeholder

    Shivakumar Lakshminarayana

    जून 15, 2024 AT 03:33
    पाकिस्तान का हाथ यहां है बिल्कुल स्पष्ट। इससे पहले भी ऐसा हुआ है। अब भी दिल्ली सिर्फ ट्वीट कर रही है? क्या हम अभी भी शांति के लिए आशा कर रहे हैं?
  • Image placeholder

    Nidhi Singh Chauhan

    जून 16, 2024 AT 06:25
    क्या ये सब चुनाव के बाद का नाटक है? बस लोगों को भावनाओं से भर देने के लिए? ये तो बस एक बड़ा ड्रामा है।
  • Image placeholder

    Arman Ebrahimpour

    जून 16, 2024 AT 09:44
    हमें अपने आप को बचाना होगा... दिल्ली ने कभी इस तरह की घटनाओं को रोका नहीं... अब तक भी नहीं... अगर आप विश्वास नहीं करते तो बस अपनी आँखें बंद कर लीजिए।
  • Image placeholder

    Gayatri Ganoo

    जून 17, 2024 AT 06:27
    ये सब तो बस एक और बात है जिसे लोग भूल जाएंगे... जब तक अगला ट्रैजेडी नहीं आ जाता।
  • Image placeholder

    harshita sondhiya

    जून 18, 2024 AT 16:43
    इन लोगों को बस देखकर दिल टूट जाता है... जिनकी भक्ति इतनी गहरी है... और फिर ऐसा होता है... ये नहीं होना चाहिए था।
  • Image placeholder

    srinivas Muchkoor

    जून 19, 2024 AT 04:23
    क्या आपने कभी सोचा कि ये हमले इसलिए होते हैं क्योंकि हम अपने धर्म को जोर से दिखाते हैं? क्या हमें अपनी आवाज़ कम करनी चाहिए?
  • Image placeholder

    Gaurav Verma

    जून 19, 2024 AT 18:33
    अब भी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा। बस शोक जताना और ट्वीट करना।
  • Image placeholder

    Abhrajit Bhattacharjee

    जून 20, 2024 AT 19:20
    हमें अपने दिल से बात करनी होगी... और अपने देश के लिए एक साथ खड़े होना होगा। शांति संभव है।
  • Image placeholder

    Naman Khaneja

    जून 21, 2024 AT 15:07
    हम सब एक हैं। ये लोग तीर्थयात्रा कर रहे थे... वो भी हमारे ही लोग। उनके लिए प्रार्थना करें। 🙏
  • Image placeholder

    Raj Entertainment

    जून 21, 2024 AT 19:51
    ये बस एक शुरुआत है। अगर हम सब मिलकर चलें तो इस तरह की बातें रुक सकती हैं।
  • Image placeholder

    SRI KANDI

    जून 22, 2024 AT 19:55
    मैं तो सिर्फ इतना कहना चाहती हूँ... ये लोग बस अपने ईश्वर की यात्रा पर थे। कोई उन्हें नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए था।
  • Image placeholder

    Manikandan Selvaraj

    जून 23, 2024 AT 05:11
    हमारी सरकार तो बस फोटो खींच रही है... बाकी सब तो बस बातें कर रही हैं। क्या ये जीवन है या नाटक?
  • Image placeholder

    Animesh Shukla

    जून 25, 2024 AT 03:00
    क्या हमने कभी सोचा कि ये लोग क्यों इतना जोर से धर्म का नाम लेते हैं? क्या इसके पीछे कोई असली भावना है या बस एक राजनीतिक उपकरण?
  • Image placeholder

    Ananth SePi

    जून 25, 2024 AT 18:45
    ये हमला बस एक घटना नहीं... ये एक चेतावनी है। हमारी सांस्कृतिक एकता को लेकर एक गहरी चिंता है। हम अपने अतीत को भूल रहे हैं। जब तक हम एक दूसरे को नहीं समझेंगे, तब तक ये घटनाएं दोहराई जाएंगी। शांति तभी आएगी जब हम अपने भावनाओं को बाहर निकालेंगे और सुनेंगे। नहीं तो हम सिर्फ अपने खुद के डर के सामने झुक जाएंगे।
  • Image placeholder

    Fatima Al-habibi

    जून 26, 2024 AT 11:17
    अच्छा... तो अब आप लोग सब कुछ आतंकवाद के लिए दोषी ठहराते हैं। क्या कोई भी सोचता है कि हमारी नीतियाँ भी इसका हिस्सा हो सकती हैं?
  • Image placeholder

    Balakrishnan Parasuraman

    जून 27, 2024 AT 01:10
    यह घटना अपने आप में एक अपराध है। इसकी जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं, बल्कि सभी उसके लिए जिम्मेदार हैं।
  • Image placeholder

    sagar patare

    जून 27, 2024 AT 17:11
    अरे भाई ये सब तो बस टीवी का धोखा है। कोई नहीं मरा... सब फेक है।

एक टिप्पणी लिखें