नीट यूजी 2024: शीर्ष अदालत में सुनवाई से लाइव अपडेट
जुल॰, 8 2024नीट यूजी 2024: पेपर लीक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली। 2024 की नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) यूजी परीक्षा, जो कि मेडिकल के छात्रों के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं में से एक मानी जाती है, इस बार घोर विवादों में हैं। मई 5, 2024 को आयोजित इस परीक्षा में कथित तौर पर पेपर लीक और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले पर सुनवाई हो रही है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदिवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
एनटीए का पक्ष
नेशनल टेस्टिंग अथॉरिटी (एनटीए) ने शीर्ष अदालत में यह तर्क दिया है कि नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करना सार्वजनिक हित के विरुद्ध होगा, क्योंकि ये मालप्रैक्टिसेस केवल पाटलिपुत्र (पटना) और गोधरा केंद्रों में सीमित थीं, जो कि पुनः परीक्षा कराने योग्य नहीं हैं। एनटीए के वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि परीक्षा प्रणाली में व्यापक स्तर पर कोई गोपनीयता भंग होने के प्रमाण नहीं मिले हैं। केंद्र सरकार ने भी परीक्षा रद्द करने के खिलाफ तर्क दिया है और कहा कि कोई बड़े पैमाने पर गोपनीयता भंग होने की पुष्टि नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट की गहन जांच
अदालत ने एनटीए से पूछा है कि परीक्षा के पेपर लीक कब और कैसे हुए और मई 5 की परीक्षा से पहले कितने समय का अंतर था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की स्थिति रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को यह स्पष्ट करने को कहा है कि गोधरा और पटना केन्द्रों पर पाए गए लीक के मामलों में क्या कदम उठाए गए हैं।
शीर्ष अदालत की सुनवाई
शीर्ष अदालत में नीट यूजी 2024 परीक्षा के विवादों पर सोमवार को हुई सुनवाई में स्थिति बेहद तनावपूर्ण रही। मामले की सुनवाई के दौरान यह पहलू उभरकर सामने आया कि छात्रों, अभिभावकों और विभिन्न शिक्षण संस्थानों ने भी अदालत की गतिविधियों पर अपनी नजरें जमाई हुई हैं। माननीय अदालत ने सुनवाई के दौरान एक निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और यह भी कहा कि इससे छात्रों के भविष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
आगे की कार्रवाई
अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई, 2024 को निर्धारित की गई है। इस तारीख तक एनटीए और सीबीआई को अदालत के समक्ष अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। अदालत ने यह भी माना है कि इस मामले में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
इस महत्वपूर्ण मामले में आगामी कार्रवाई पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। यह निर्णय न केवल परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करेगा, बल्कि छात्रों की इच्छाओं और मेहनत का भी सम्मान करेगा। अब सभी की निगाहें 11 जुलाई, 2024 की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही आगे की दिशा स्पष्ट होगी।
छात्रों और अभिभावकों की चिंताएं
इस मामले में हजारों छात्रों और उनके अभिभावकों की चिंताएं भी महत्वपूर्ण हैं। परीक्षा के पेपर लीक और धोखाधड़ी के आरोपों ने उनके भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है। अनेक छात्रों ने इस परीक्षा की तैयारी में वर्षों लगाए, और ऐसे में ये आरोप उनके लिए बेहद निराशाजनक साबित हो सकते हैं। उन्हें उम्मीद है कि अदालत का निर्णय निष्पक्ष और उनके हित में होगा।
शिक्षा विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में एनटीए और सरकार को अधिक सख्त और पारदर्शी कदम उठाने चाहिए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लीक और धोखाधड़ी की घटनाएं सीमित भी हैं, तो भी परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जाना चाहिए।
समाज की प्रतिक्रिया
नीट यूजी 2024 परीक्षा में पेपर लीक और धोखाधड़ी के आरोपों ने व्यापक सामाजिक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। विभिन्न छात्र संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले पर अपनी आवाज उठाई है और निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए और इसके लिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
निष्कर्ष
नीट यूजी 2024 परीक्षा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई ने देशभर में महत्वपूर्ण उत्तेजना पैदा की है। माना जा रहा है कि अदालत का फैसला छात्रों के भविष्य के लिए निर्णायक होगा। सभी की नज़रे अब 11 जुलाई, 2024 की सुनवाई पर हैं, जहां इस मामले की अंतिम दिशा तय हो सकेगी और छात्रों के लिए न्याय सुनिश्चित हो सकेगा।