प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में: नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन करेंगे
जून, 19 2024प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे को लेकर राज्य में एक विशेष उत्साह है। वे बुधवार को नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन करेंगे। यह कैंपस प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के पास स्थित है, जो अपनी बौद्ध शिक्षा प्रणाली और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है।
यह विश्वविद्यालय 2010 में नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम के माध्यम से स्थापित किया गया था। इसका उद्भव 2007 में फिलीपींस में हुए दूसरे पूर्वी एशिया समिट में लिए गए निर्णय का परिणाम है। नए कैंपस का निर्माण न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर होगा, बल्कि यह राज्य में पर्यटन और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए भी महत्वपूर्ण है।
नालंदा विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक महत्ता
नालंदा विश्वविद्यालय की जड़ें प्राचीन भारत की बौद्ध शिक्षा प्रणाली में हैं। यह विश्वविद्यालय 5वीं सदी में स्थापित हुआ था और लगभग 800 सालों तक संसार भर के विद्यार्थियों और विद्वानों के लिए एक प्रमुख केंद्र बना रहा। तिब्बत, चायना और अन्य देशों से भी विद्यार्थी यहां आकर अध्ययन करते थे।
इस संस्था में बोधिधर्मा, धर्मपाल और अन्य महान विद्वानों ने शिक्षा दी थी। नालंदा की विशेषता उसके व्यापक पुस्तकालय और विविध विषयों की शिक्षा थी, जिसमें तर्कशास्त्र, चिकित्सा, गणित, खगोलविज्ञान और अन्य कई विषय शामिल थे। यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र था, बल्कि यह सांस्कृतिक और धार्मिक जागरुकता का भी प्रतीक था।
नए कैंपस का महत्व
नए कैंपस के उद्घाटन के साथ, नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्जीवन को एक नई दिशा मिलेगी। यह आधुनिक शिक्षा के सभी आवश्यकताओं को पूरा करेगा और साथ ही प्राचीन शिक्षा प्रणाली के मूल्यों को संरक्षित करेगा।
इसमें विभिन्न शैक्षणिक विभाग, अनुसंधान केंद्र, पुस्तकालय, और छात्रावास की सुविधाएं मौजूद होंगी। विश्वविद्यालय में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित, और प्राचीन भारतीय ज्ञान विज्ञान जैसे विविध विषयों की पढ़ाई की जाएगी। इस प्रयास का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है, बल्कि उन्हें एक समग्र और समावेशी दृष्टिकोण भी उपलब्ध कराना है।
राज्य के लिए फायदे
राज्य के लिए यह कैंपस एक महत्वपूर्ण विकास संभावना बन कर उभर सकता है। इससे राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और युवा पीढ़ी को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के और अधिक अवसर मिलेंगे।
साथ ही, यह राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में भी योगदान करेगा, क्योंकि नालंदा विश्वविद्यालय के प्राचीन खंडहर और नया कैंपस दोनों ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
प्रधानमंत्री का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर शिक्षा और संस्कृति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुत्थान भारत की शिक्षा की धरोहर को सम्मानित करने का प्रतीक है। यह कैंपस न केवल आधुनिक शिक्षा की मांगों को पूरा करेगा, बल्कि प्राचीन भारतीय ज्ञान और मूल्यों को भी संरक्षित करेगा।”
प्रधानमंत्री का यह भी मानना है कि नालंदा विश्वविद्यालय का यह प्रयास विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा। उन्होंने इसके लिए छात्रों, शिक्षकों और प्रबंधन सभी को शुभकामनाएं दीं।
निष्कर्ष
नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन भारत की शिक्षा और संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उन्नति है, बल्कि यह भारत की प्राचीन धरोहर का सम्मान भी करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह प्रयास भारत की युवाओं को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने और उन्हें उच्च शिक्षा की उन्नत तकनीकों से परिचित कराने के उद्देश्य से किया गया है। नालंदा विश्वविद्यालय का नया कैंपस आने वाले समय में शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।