अजिम प्रेेमजी: भारतीय उद्योग और सामाजिक बदलाव के प्रमुख चेहरा

जब अजिम प्रेेमजी, भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक, जिनकी कंपनी वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर में अग्रणी है और जो बड़े पैमाने पर परोपकार कार्यों के लिए जाने जाते हैं, Azim Premji का नाम सुनते हैं, तो दिमाग में दो चीज़ें तुरंत आती हैं: प्रौद्योगिकी की तेज़ी और सामाजिक जिम्मेदारी की गहराई। यही दो पहलू उनके करियर को परिभाषित करते हैं। इस पृष्ठ में हम देखेंगे कि कैसे पर्याप्त परोपकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास में बड़ा निवेश उनके व्यवसाय से घनिष्ठ रूप से जुड़ा है, और कैसे टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर समाधान और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम उनके सामाजिक लक्ष्यों को सक्षम बनाते हैं।

पर्याप्त परोपकार, शिक्षा और टेक – तीन कसौटियों का मिलन

अजिम प्रेेमजी का परोपकार मॉडल सिर्फ दान नहीं, बल्कि प्रणालीगत परिवर्तन पर केन्द्रित है। पहला साक्ष्य है उनका शिक्षा‑फोकस: उन्होंने लाखों रुपये की राशि स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षिक तकनीक के विकास में लगाई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को भी डिजिटल शिक्षा मिल सके। दूसरा, टेक्नोलॉजी के माध्यम से उन्होंने कंपनी के एंटरप्राइज़ सॉफ्टवेयर को सामाजिक उद्देश्यों के लिए अनुकूलित किया, जैसे कि ग्रामीण स्वास्थ्य नेटवर्क में डेटा प्रबंधन। तीसरा, सामाजिक परिवर्तन के लिए उन्होंने कई NGOs और स्टार्ट‑अप्स को एंजेल फंडिंग दी, जिससे नवाचार को टेढ़ी-मेढ़ी समस्याओं का समाधान मिल सका। इन तीनों तत्वों – परोपकार, शिक्षा और टेक – के बीच घनिष्ठ संबंध (अजिम प्रेेमजी → परोपकार → शिक्षा → टेक) ने उनके प्रभाव को कई गुना बढ़ा दिया है।

नीचे दिए गए लेख और रिपोर्ट इस व्यापक परिप्रेक्ष्य को दर्शाते हैं: आप देखेंगे कैसे भारतीय क्रिकेट में बदलाव, तकनीकी कंपनियों की नई पहल, और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा कार्यक्रम सब एक ही उद्देश्य—समाज को सशक्त बनाना—से जुड़े हुए हैं। पढ़ते रहिए और यह समझिए कि अजिम प्रेेमजी के विचारों से प्रेरित हर खबर आपके रोज़मर्रा की जिंदगी में किस तरह का मूल्य जोड़ती है। अब आगे की सूची में आप विविध विषयों पर गहराई से लिखे लेख पाएँगे, जो इस रचनात्मक ऊर्जा को विभिन्न क्षेत्रों में कैसे लागू किया जा रहा है, यह दिखाते हैं।

बेंगलुरु ट्रैफिक को सुलझाने की दुविधा: सिड़रमैया का वैकल्पिक रास्ता और अजिम प्रेेमजी का उत्तर

बेंगलुरु ट्रैफिक को सुलझाने की दुविधा: सिड़रमैया का वैकल्पिक रास्ता और अजिम प्रेेमजी का उत्तर

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिड़रमैया ने बेंगलुरु के ORR पर भारी भीड़ कम करने के लिए विप्रो के कैंपस के भीतर सीमित वाहन चालना की मांग की। कंपनी के संस्थापक अजिम प्रेेमजी ने निजी संपत्ति, SEZ नियम और सुरक्षा कारणों से इसे अस्वीकार कर दिया, लेकिन एक वैज्ञानिक मोबिलिटी स्टडी की पेशकश की। यह बाड़े में चल रही बातों से शहर की तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या और इन्फ्रास्ट्रक्चर के बीच तालमेल की जटिलता सामने आती है।

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