भारतीय न्यायपालिका – आज के मुख्य अदालत ख़बरें

अगर आप हर दिन कोर्ट की खबरों से जुड़े रहना चाहते हैं तो यही पेज आपका सही साथी है। यहाँ हम सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण फैसलों को आसान भाषा में बताते हैं, ताकि आप बिना झंझट के समझ सकें कि देश में क्या चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की ताज़ा फैसले

पिछले हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा मामला सुनाया था जहाँ पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास का टकराव हुआ था। न्यायालय ने कंपनी को कुछ सीमाएँ लगाते हुए कहा कि वह अपने कार्बन उत्सर्जन को 30% तक घटाएगा। इस फैसले से कई राज्यों में हवा की क्वालिटी सुधारने के नए कदम उठे हैं।

एक और अहम निर्णय महिला अधिकारों पर आया। कोर्ट ने बताया कि कार्यस्थल पर लिंगभेद अस्वीकार्य है और नियोक्ताओं को समान वेतन देना अनिवार्य होगा। यह फैसला कई कंपनियों में नई नीति बनाने की वजह बना।

न्यायिक प्रक्रिया को समझें

कभी सोचा है कि अदालत का मामला कैसे चलता है? सबसे पहले फाइल दाखिल होती है, फिर सुनवाई के लिए तारीख तय होती है। यदि दो पक्षों में समझौता नहीं होता तो जज सबूत देख कर फैसला देता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर कई हफ्ते या महीने ले सकती है, लेकिन कुछ आपात मामलों में जल्दी भी हो सकता है।

आपके पास अपने केस को ट्रैक करने के आसान तरीके हैं – ऑनलाइन पोर्टल, मोबाइल ऐप और SMS अलर्ट। इन सेवाओं से आप सुनवाई की तारीख, जज का नाम और फैसले की स्थिति तुरंत जान सकते हैं। यह जानकारी आपको अनावश्यक झंझट से बचाएगी।

जब कोई बड़ा फैसला आता है तो अक्सर मीडिया में चर्चा होती है, पर असली असर उन नियमों में दिखता है जो अदालत ने बनाए होते हैं। इसलिए हर खबर को सिर्फ शीर्षक नहीं, बल्कि उसके पीछे की प्रक्रिया और संभावित प्रभाव को देखना ज़रूरी है।

यदि आप कानून के छात्र हैं या सामान्य नागरिक, तो इस पेज से मिलने वाली ताज़ा जानकारी आपके लिए काम आएगी। हम नियमित रूप से नए लेख जोड़ते हैं, इसलिए बार‑बार वापस आते रहिए। आपका अधिकार और समझदारी हमारे साथ बढ़ेगा।

Supreme Court में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के 20 महत्वपूर्ण फैसले: न्याय की नयी दिशा

Supreme Court में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के 20 महत्वपूर्ण फैसले: न्याय की नयी दिशा

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में अपने आठ साल के कार्यकाल में 600 से अधिक फैसले लिखे और 1,200 से अधिक बेंचों का हिस्सा बने। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत गरिमा और गोपनीयता के अधिकार, प्रेस की स्वतंत्रता, और जेंडर जस्टिस जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण फैसले दिए। उनका कार्यकाल भारतीय न्यायपालिका के लिए न्याय की नयी दिशा निर्धारित करता है।

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