भूकंप – क्या होता है, क्यों लगता है और कैसे बचें?

जब धरती की सतह अचानक हिलती है तो हम सबको एक झटका महसूस होता है। इसे ही भूकंप कहते हैं. आम भाषा में समझें तो यह पृथ्वी के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव या फिसलन से उत्पन्न ऊर्जा का बाहर निकलना है. इस ऊर्जा के कारण जमीन हिलती, इमारतें झूमती और लोग चकित हो जाते हैं.

भूकंप के मुख्य कारण

सबसे बड़े कारण टेक्टोनिक प्लेटों की गति हैं. भारत में प्रमुख सिस्मिक जोन हिमालयी क्षेत्र, इंडो-ऑस्ट्रेलियन सीमा और उत्तर‑पूर्वी तट के पास स्थित है. जब इन प्लेटों में तनाव जमा होता है तो अचानक रिलीज़ होने पर भूकंप आता है. कभी‑कभी ज्वालामुखीय गतिविधि या मानवीय कारण जैसे बड़े पम्पिंग, खनन भी छोटे‑मोटे झटके पैदा कर सकते हैं.

भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिच्टर स्केल और मॉमेंट मैग्नीट्यूड स्केल (Mw) का इस्तेमाल किया जाता है. 4 से नीचे अक्सर हल्की कंपन रहती है, पर 6 या उससे ऊपर का झटका इमारतों को नुकसान पहुँचा सकता है.

भूकंप से बचाव के आसान उपाय

अगर आप अचानक जमीन हिलते देखें तो पहले शांत रहें. सबसे पहला काम है ‘ड्रॉप, कवर, एंड होल्ड’ यानी जमीन पर झुकें, सिर को किसी मजबूत चीज़ (टेबल या फ्रेम) से ढकें और हाथों से पकड़ कर रखें. लिफ्ट का उपयोग न करें; सीढ़ी या बाहर की ओर भागना सुरक्षित रहता है.

घर में रहने वाले लोग दरवाज़े के फ्रेम के नीचे, अलमारी के पीछे या मजबूत फर्नीचर के पास छिप सकते हैं. बड़ी खिड़कियों और कांच वाली दीवारों से दूर रहें क्योंकि वे टूट कर चोट पहुंचा सकती हैं.

भूकंप के बाद तुरंत बाहर निकलते समय लिफ्ट नहीं चलाएँ, सीढ़ियों का प्रयोग करें. अगर आप किसी इमारत में फँसे हों तो छत तक पहुँचने की कोशिश न करें; इससे गिरने का जोखिम बढ़ जाता है.

स्थानीय आपदा प्रबंधन विभाग या पुलिस द्वारा जारी चेतावनी को ध्यान से सुनें और उनके निर्देशों का पालन करें. अक्सर रेस्क्यू टीमें तुरंत ही राहत सामग्री, पानी और मेडिकल सहायता पहुंचाती हैं.

भविष्य में ऐसे झटकों के लिए तैयारी करना भी ज़रूरी है. घर की दीवारों को रीइन्फोर्समेंट से मजबूत बनवाएँ, फर्नीचर के नीचे सुरक्षित फ़िक्सिंग रखें, आपातकालीन किट (टॉर्च, बैंडेड, पानी, स्नैक्स) तैयार रखें.

भूकंप के दौरान मोबाइल चार्जर या बैकअप पावर सोर्स भी मददगार होते हैं. सिम कार्ड से एएमएस alerts सेट कर सकते हैं; ये आपको तुरंत चेतावनी भेजेंगे.

अगर आप स्कूल या ऑफिस में हों, तो पहले से ही ड्रिल करवाएँ. अभ्यास से सभी को पता चलता है कि किस जगह गिरना चाहिए और कैसे सुरक्षित बाहर निकलना है. छोटे बच्चों को भी सरल शब्दों में समझाएँ: “जब जमीन हिले तो घबराओ मत, नीचे बैठो और सिर बचाओ”.

भूकंप के बाद कभी‑कभी गैस लीक या बिजली की समस्याएं हो सकती हैं. यदि गंध आए या सर्किट ट्रिप हो जाए तो तुरंत मुख्य स्विच बंद करें और विशेषज्ञ को बुलाएँ.

अंत में याद रखें कि भूकंप कोई बुरा सपना नहीं, बल्कि प्राकृतिक प्रक्रिया है. सही जानकारी और तेज़ कार्रवाई से आप खुद भी सुरक्षित रह सकते हैं और दूसरों की मदद कर सकते हैं. इसलिए इस पेज पर दी गई टिप्स को अपनाएँ, तैयार रहें और अपने परिवार के साथ मिलकर सुरक्षित रहने का तरीका सीखें.

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