जगन्नाथ रथ यात्रा – क्या आप तैयार हैं?

हर साल ओडिशा के पिचली में जगन्नाथ रथ यात्रा का जबरदस्त उत्सव चलता है। इस दौरान बड़े-बड़े रथ, ध्वनि‑संगीत और सैकड़ों हजारों लोग एक साथ होते हैं। अगर आप भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर देखना चाहते हैं तो यह मौका नहीं छोड़ सकते। चलिए जानते हैं कि इस यात्रा में क्या खास बात है और कैसे तैयार रहें।

रथ यात्रा का इतिहास और महत्त्व

जगन्नाथ रथा के पीछे 300 साल से भी ज्यादा पुराना इतिहास है। राजा पुरी के शासनकाल में शुरू हुआ यह उत्सव, आज तक जड़ पकड़ चुका है। लोग मानते हैं कि रथ खींचना खुदा‑भक्त का काम है, इसलिए इस काम में भाग लेने वाले को सम्मान मिलता है। रथ पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभदेवी की मूर्ति रखी जाती है और पूरे शहर में धूमधाम से घुमाई जाती है।

यात्रा के मुख्य आकर्षण

सबसे बड़ा आकर्षण रथ का आकार है – कुछ रथ 100 टन तक वजन वाले होते हैं, जिन्हें हजारों लोग रस्सी पकड़ कर खींचते हैं। साथ ही नाच‑गाने की टोली, शंख और बांसुरी की ध्वनि माहौल को जीवंत बनाती है। स्थानीय व्यंजन जैसे पिठा, दालमा और चटनी के स्टॉल भी होते हैं, जिससे पेट भरे रहता है। यदि आप फोटोग्राफी पसंद करते हैं तो रंग‑बिरंगे कपड़े पहने भक्तों की तस्वीरें लेना एक अलग ही मज़ा देगा।

यात्रा में भाग लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें: आरामदायक जूते पहनें, हल्का कपड़ा चुनें और पानी की बोतल साथ ले जाएँ। भीड़ बहुत होती है, इसलिए अपने सामान को सुरक्षित रखें। अगर आप पहली बार आए हैं तो स्थानीय गाइड या अनुभवी भक्त से दिशा‑निर्देश लेना बेहतर रहेगा।

यात्रा का शिखर रथ के पारगमन के समय होता है, जब सभी की आँखें उस बड़े पहिए पर टिकी होती हैं। इस पल में एक साथ जयकारे और भजन गाए जाते हैं, जिससे ऊर्जा का नया स्तर दिखता है। कई बार तो लोग आँसू भी नहीं रोक पाते – ऐसा लगता है जैसे भगवान खुद उनके दिलों के पास आ गए हों।

अगर आप यात्रा को ऑनलाइन देखना चाहते हैं, तो कई चैनल लाइव स्ट्रीमिंग कराते हैं। लेकिन वास्तविक माहौल और खुशबू का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए अगर संभव हो तो पिचली की गलियों में जाकर इस अद्भुत रथ यात्रा को अपने ही आँखों से देखें।

अंत में यही कहूँगा – जगन्नाथ रथ यात्रा सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक है। इसे देखना आपके यात्रा‑अनुभव को यादगार बना देगा। तैयार हो जाइए, क्योंकि यह धारा हर साल नई उमंग ले कर आती है।

पुरी जगन्नाथ मंदिर में वार्षिक रथ यात्रा का शुभारंभ: 53 वर्षों में पहली बार दो दिन की यात्रा

पुरी जगन्नाथ मंदिर में वार्षिक रथ यात्रा का शुभारंभ: 53 वर्षों में पहली बार दो दिन की यात्रा

पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रविवार को वार्षिक रथ यात्रा की शुरुआत हुई। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की यह यात्रा अगले नौ दिनों के लिए श्री गुंडिचा मंदिर की ओर चलेगी। इस वर्ष 53 वर्षों में पहली बार रथ दो दिनों तक खींचे जाएंगे, जिसे लाखों भक्तों की उपस्थिति में संपन्न किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई विशिष्ट गण्यमान्यों ने इस रथ यात्रा में भाग लिया।

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