कैंसर – समझें, रोकेँ, लड़ें

जब हम ‘कैंसर’ शब्द सुनते हैं तो अक्सर डर ही महसूस होता है। लेकिन अगर आप सही जानकारी रखें तो बीमारी को जल्दी पकड़ना और इलाज आसान हो जाता है। इस लेख में हम कैंसर के बेसिक फॅक्ट्स, लक्षण और रोकथाम की बातें सरल भाषा में बताएँगे ताकि आप खुद भी समझ सकें और अपने आस‑पास के लोगों को मदद कर सकें।

कैंसर के सामान्य लक्षण क्या होते हैं?

कैंसर का कोई एक खास संकेत नहीं होता, लेकिन कई बार कुछ पैटर्न दिखते हैं। अगर किसी अंग में लगातार सूजन, दर्द या आकार बदलता है तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। त्वचा पर नया दाग, असामान्य खून निकलना, वजन जल्दी घटना और थकावट भी अक्सर देखी जाती है। इन बातों को नजरअंदाज न करें—पहली चेतावनी अक्सर इलाज की सफलता बढ़ा देती है।

कारण और जोखिम कारक

सिर्फ एक कारण से कैंसर नहीं होता, कई चीज़ें मिलकर जोखिम बनाती हैं। धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन, मोटापे, बेवजह के रासायनिक पदार्थों की एक्सपोजर और कुछ वायरल इन्फेक्शन (जैसे एचपीवी) प्रमुख कारक हैं। साथ ही परिवार में कैंसर का इतिहास भी एक संकेत दे सकता है। अगर आप इन जोखिमों को कम करेंगे तो कैंसर पड़ने की संभावना घटेगी।

जीवनशैली बदलना सबसे आसान कदम है। रोज़ाना 30 मिनट तेज चलना, फाइबर से भरपूर खाना और ताज़ा फल‑सब्ज़ियों का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है। शराब कम करें, सिगरेट बिल्कुल न लें—ये दो चीज़ें कैंसर के खतरे को आधे से भी ज्यादा घटा देती हैं।

सही समय पर स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना भी बहुत असरदार है। महिलाओं के लिए मम्मोग्राम, पुरुषों के लिए प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) और सभी उम्र वालों के लिए कोलोरेक्टल कैंसर की जांच करानी चाहिए। अगर आप 40‑से‑50 साल की उम्र में हैं तो डॉक्टर से बात करके कौन‑सी टेस्ट ज़रूरी है, तय करा लें।

जब कैंसर का शंका हो तो बायोप्सी या इमेजिंग (जैसे सीटी स्कैन) की जरूरत पड़ती है। ये प्रोफ़ेशनल जांचें बीमारी के स्टीज और टाइप को स्पष्ट करती हैं, जिससे डॉक्टर सही इलाज तय कर पाते हैं। शुरुआती चरण में ही पता चलने पर सर्जरी, रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी जैसी थैरेपीज़ अधिक प्रभावी होती हैं।

उपचार के बाद भी फॉलो‑अप जरूरी है। कई बार कैंसर रिमिशन (फिर से उभरना) हो सकता है, इसलिए डॉक्टर के निर्देशानुसार नियमित जांचें करवाते रहें। साथ ही स्वस्थ खान‑पान और व्यायाम जारी रखें—ये न केवल रिकवरी में मदद करता है बल्कि नई बीमारी को भी रोकता है।

यदि आप या आपके कोई करीबी कैंसर से जूझ रहे हैं तो मनोबल बनाये रखना बहुत ज़रूरी है। परिवार, दोस्तों और सपोर्ट ग्रुप की मदद से आप दवाओं के साइड इफ़ेक्ट्स और डिप्रेशन को संभाल सकते हैं। कई बार छोटी‑छोटी बातें जैसे पसंदीदा गाना सुनना या हल्का वॉक करना मन को शांत रखता है।

आखिर में याद रखें—कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव है, अगर आप समय पर कार्रवाई करें और डॉक्टर की सलाह मानें। डर से पीछे हटने के बजाय जानकारी जुटाएँ, स्क्रीनिंग करवाएँ और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ। यही तरीका है कैंसर को मात देने का।

मराठी अभिनेता विजय कदम का निधन: सिनेमा और रंगमंच को दी अमूल्य योगदान

मराठी अभिनेता विजय कदम का निधन: सिनेमा और रंगमंच को दी अमूल्य योगदान

वयोवृद्ध मराठी अभिनेता विजय कदम का निधन शनिवार सुबह मुंबई में उनके निवास पर हुआ। वे 68 वर्ष के थे और कैंसर से जूझ रहे थे। अभिनेता जयवंत वाडकर ने उनके निधन की पुष्टि की, बताया कि विजय कदम ने अद्वितीय प्रतिभा के साथ थिएटर और फिल्मों में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका अंतिम संस्कार अंधेरी-ओशिवारा श्मशान गृह में संपन्न हुआ।

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