महात्मा गांधी – जीवन और विचार

क्या आप कभी सोचते हैं कि एक साधारण वकील ने ब्रिटिश सत्ता को कैसे हरा दिया? महात्मा गांधी, जिन्हें हम गाँधीजी के नाम से जानते हैं, वही व्यक्ति थे जिसने अहिंसा का हथियार बनाकर पूरे देश को स्वतंत्रता की राह पर चलाया। उनका बचपन, पढ़ाई और दक्षिण अफ्रीका में अनुभवों ने उनके विचारों को आकार दिया, और फिर भारत में उनका आंदोलन सबके दिलों में बसा।

गांधी जी के प्रमुख सिद्धांत

गाँधीजी ने चार मुख्य सिद्धांत बनाये: सत्याग्रह, अहिंसा, स्वराज्य और स्थानीय उत्पादन (स्वदेशी). सत्याग्रह का मतलब है सच्चाई के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष करना, जबकि अहिंसा का अर्थ है किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहना। स्वराज्य सिर्फ राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं, बल्कि व्यक्तिगत आत्मनिर्भरता भी था – अपने कपड़े खुद बनाओ और अपना खाना खुद उगाओ। इन विचारों ने किसानों, महिलाओं और युवाओं को एक साथ जोड़ा।

उदाहरण के तौर पर 1930 का नमक सत्याग्रह देखें। ब्रिटिश सरकार ने नमक पर कर लगाया, तो गाँधीजी ने समुद्र किनारे जाकर नमक बनाकर दिखाया कि लोगों की शक्ति कितनी बड़ी है। इस छोटे कदम ने लाखों लोगों को प्रेरित किया और अंग्रेज़ों को आर्थिक नुकसान पहुँचाया।

आज के भारत में गांधी की शिक्षाएँ

गाँधीजी के विचार आज भी कई क्षेत्रों में जीवंत हैं। स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने की नीति को सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहल में अपनाया है, जबकि स्वदेशी आंदोलन का असर छोटे उद्यमियों में स्पष्ट दिखता है। अहिंसा का सिद्धांत सामाजिक आंदोलनों में अभी भी लागू होता है – जैसे पर्यावरणीय विरोध या महिला अधिकारों के लिए शांति पूर्ण रैलियां।

डिजिटल युग में भी गाँधीजी की सच्चाई और ईमानदारी की बात काम आती है। जब हम ऑनलाइन फेक न्यूज़ देखते हैं, तो उनका सिद्धांत हमें सच का समर्थन करने, बिना हिंसा के आवाज़ उठाने की प्रेरणा देता है।

अगर आप गांधी जी के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो कई लेख और वीडियो उपलब्ध हैं – बस ‘महात्मा गांधी जीवन’ या ‘गांधी के सिद्धान्त’ सर्च करें। उनकी किताबें, जैसे हिंद स्वराज, अभी भी लोकप्रिय है और नई पीढ़ी को उनके विचारों से जोड़ती है।

संक्षेप में कहें तो गाँधीजी सिर्फ इतिहास का एक नाम नहीं; वह आज के हर भारतीय को प्रेरित करने वाला एक जीवंत उदाहरण हैं। चाहे आप छात्र हों, व्यापारी या गृहिणी – उनका संदेश सच्चाई, शांति और आत्मनिर्भरता हमेशा आपके साथ रह सकता है।

तो अगली बार जब आप कोई बड़ा निर्णय लें, तो गाँधीजी की सोच को याद रखें: छोटा कदम भी बड़े बदलाव का हिस्सा बन सकता है।

फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री पर गांधी के प्रति अज्ञानता का आरोप लगाया

फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री पर गांधी के प्रति अज्ञानता का आरोप लगाया

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणियों की आलोचना की। अब्दुल्ला का कहना है कि पीएम को गांधी पर गर्व न करने के लिए 'शर्म' आनी चाहिए। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर मुद्दों पर भी अब्दुल्ला ने अपनी चिंता व्यक्त की।

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