मुहर्रम क्या है? महत्व और भारतीय परिप्रेक्ष्य

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है और शिया मुसलमानों के लिये ये शोक‑उत्सव का समय है। यह महिना हजरत इमाम होसैन (अ.) की शहादत को याद करता है, इसलिए हर साल लोग रास्ते में ताजिये लेकर जुलूस निकालते हैं। भारत में इस परम्परा बहुत पुरानी है और कई शहरों में बड़ी भीड़ जमा होती है।

2025 में मुहर्रम से जुड़ी प्रमुख खबरें

पिछले हफ्ते राजस्थान के 20 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी हुई थी, जिससे कुछ क्षेत्रों में जुलूस रूट बदलना पड़ा। उसी समय उत्तर प्रदेश और बिहार में भी गर्मी‑लू का असर तेज था, इसलिए पुलिस ने विशेष सुरक्षा योजना बनाई। इन खबरों को देखते हुए कई धार्मिक समूह ने सुरक्षित मार्ग तय करने के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया।

मुहर्रम मनाने के आसान टिप्स और सुरक्षा उपाय

जुलूस में भाग लेते समय भीड़ से दूर रहने की कोशिश करें, खासकर शाम के समय जब भीड़ अधिक होती है। पानी की बोतल साथ रखें, क्योंकि कई जगह पर धूप तेज रहती है। यदि आप बच्चों को ले जा रहे हैं तो उन्हें हिलाने‑डुलाने वाले हाथों से बचाएँ और नज़दीकी मेडिकल स्टेशनों के पते पहले ही नोट कर लें।

सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने कई शहरों में चेकपॉइंट लगाए हैं। आपसे अनुरोध है कि हेल्मेट, मास्क आदि आवश्यक सुरक्षा सामान रखें और अधिकारियों को सहयोग दें। अगर कोई अनियमित चीज़ दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करें; इससे बड़ी दुर्घटना रोकने में मदद मिलेगी।

धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान अक्सर मुफ्त भोजन या इफ्तार की व्यवस्था होती है। यह अच्छा रहता है लेकिन खाने से पहले हाथ धोना न भूलें, खासकर जब भीड़ में स्वच्छता कम हो। अगर आप डायबिटिक हैं तो मीठे पदार्थ कम करें और डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लेनी चाहिए।

मुहर्रम के दौरान कई शिया मस्जिदों में विशेष प्रार्थनाएँ होती हैं। यदि आप पहली बार भाग ले रहे हैं, तो स्थानीय समुदाय से पहले जानकारी लें कि कौन‑सी जगह पर कब सभा होगी। अक्सर सोशल मीडिया ग्रुप या व्हाट्सएप चैनल पर रूट अपडेट मिलते रहते हैं; इन्हें फ़ॉलो करना फायदेमंद रहेगा।

अगर आप घर में ही रहना चाहते हैं, तो टीवी और ऑनलाइन न्यूज़ चैनलों से लाइव प्रसारण देख सकते हैं। कुछ प्रमुख समाचार पोर्टल इस महिने की विशेष कवरेज देते हैं जिसमें इतिहास, शहादत की कहानी और आधुनिक समय के इवेंट्स शामिल होते हैं। इससे आपको पूरी समझ मिलेगी और आप अपने परिवार को भी सही जानकारी दे पाएँगे।

आखिर में एक बात याद रखें – मुहर्रम शोक का महीना है, पर साथ ही यह भाई‑भाईचारे और सहयोग की भावना भी लाता है। अगर आप किसी जरूरतमंद के पास जा सकते हैं तो थोड़ा दान या मदद जरूर करें। ऐसे छोटे‑छोटे कदम इस महिने को और अर्थपूर्ण बनाते हैं।

आपके सवाल, सुझाव या स्थानीय खबरें हों, नीचे टिप्पणी बॉक्स में लिखिए। हम आपके अनुभवों को साझा करेंगे और सभी को अपडेट रखेंगे। मुहर्रम की बधाई!

केरल में मुहर्रम अवकाश की तिथि में कोई बदलाव नहीं: मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का निर्णय

केरल में मुहर्रम अवकाश की तिथि में कोई बदलाव नहीं: मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का निर्णय

केरल सरकार ने मुहर्रम अवकाश की तिथि में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है। यह अवकाश पहले घोषित तिथि पर ही मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक के बाद यह फैसला किया, जिससे अवकाश की तिथि में स्थिरता और स्पष्टता बनी रहेगी।

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