नालंदा विश्वविद्यालय – क्या नया है?

अगर आप शिक्षा के शौकीन हैं या इतिहास में रुचि रखते हैं तो नालंदा विश्वविद्यालय आपके लिए हमेशा दिलचस्प रहेगा। इस टैग पेज पर हम नालंदा से जुड़ी ताज़ा ख़बरें, महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम और कुछ उपयोगी टिप्स लाते हैं। पढ़ते‑जाते आप आसानी से जान पाएँगे कि किस समय कौन‑सी जानकारी जरूरी है।

इतिहास और महत्व

नालंदा विश्वविद्यालय भारत के सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों में से एक है। पाँचवीं सदी में बौद्ध भिक्षुओं ने इसे स्थापित किया था और तब से यह विज्ञान, दर्शन और भाषा का केंद्र रहा। यहाँ पर बौद्ध धर्म की गहरी पढ़ाई होती थी और कई प्रसिद्ध विद्वान यहां से निकलते थे। आज भी नालंदा को ‘विश्वविद्यालयों का जनक’ कहा जाता है क्योंकि इसका मॉडल कई बाद के विश्वविद्यालयों ने अपनाया।

इतिहासकार मानते हैं कि नालंदा में 2000‑2500 छात्र पढ़ाते थे और यहाँ पर वैदिक, आयुर्वेदिक तथा गणितीय शिक्षा भी होती थी। इस कारण से यह सिर्फ एक बौद्ध केंद्र नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतीय ज्ञान का स्रोत था।

ताज़ा समाचार और कार्यक्रम

नालंदा विश्वविद्यालय में हाल ही में कई महत्वपूर्ण आयोजन हुए हैं। सबसे पहले, वार्षिक विज्ञान मेले ने युवा विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक ज्ञान से जोड़ दिया। इस मेले में रोबोटिक्स, एआई वर्कशॉप और कृषि तकनीक के स्टॉल लगे थे। छात्रों ने अपने प्रोजेक्ट्स दिखाए और कई पुरस्कार भी जीते।

दूसरा बड़ा कार्यक्रम ‘प्राचीन ग्रंथों का डिजिटलकरण’ था। इस पहल से नालंदा की पुरानी पांडुलिपियों को स्कैन करके ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया, जिससे शोधकर्ता आसानी से इन तक पहुंच सकते हैं। इस कदम ने इतिहास प्रेमियों के बीच उत्साह बढ़ाया है।

अगर आप प्रवेश लेना चाहते हैं तो अबही आवेदन प्रक्रिया खुली है। नालंदा विश्वविद्यालय में विभिन्न स्नातक और पोस्ट‑ग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध हैं – जैसे बौद्ध शास्त्र, कंप्यूटिंग, पर्यावरण विज्ञान आदि। ऑनलाइन पोर्टल पर फ़ॉर्म भरना आसान है और दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा भी मिलती है। आवेदन की अंतिम तिथि इस महीने के अंत तक है, इसलिए देर न करें।

एक और उपयोगी टिप – यदि आप छात्रवृत्ति चाहते हैं तो विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ‘स्कॉलरशिप’ सेक्शन देखें। यहाँ सरकारी और निजी दोनों प्रकार की सहायता उपलब्ध है। अक्सर मेरिट‑बेस्ड स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन टेस्ट भी आयोजित किया जाता है, इसलिए तैयारी शुरू कर दें।

नालंदा में कैंपस जीवन भी काफी रंगीन है। कई क्लब – डिबेट, सांस्कृतिक, खेल आदि सक्रिय हैं और नियमित रूप से इवेंट्स करते रहते हैं। इससे पढ़ाई के साथ‑साथ सामाजिक कौशल भी विकसित होते हैं। यदि आप नए लोगों से मिलना पसंद करते हैं तो यह जगह आपके लिए बढ़िया रहेगी।

आगे चलकर नालंदा विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की योजना बना रहा है। कई विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ संयुक्त रिसर्च प्रोजेक्ट और एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू होने वाले हैं। इससे छात्रों को ग्लोबल अनुभव मिलेगा और भारतीय ज्ञान का विश्व स्तर पर प्रसार होगा।

तो अब जब आप नालंदा से जुड़ी खबरें, इतिहास और अवसरों की एक झलक देख चुके हैं, तो हमारी साइट पर नियमित रूप से विज़िट करें। हर नई पोस्ट में हम ताज़ा अपडेट, इवेंट कैलेंडर और प्रवेश गाइड डालते रहते हैं। आपके सवाल या सुझाव हों तो कमेंट सेक्शन में लिखना न भूलें – आपका फीडबैक हमें बेहतर बनाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में: नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में: नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन करने जा रहे हैं। यह नया कैंपस प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के पास स्थित है, जिसे 2010 में नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था। यह निर्णय 2007 में फिलीपींस में हुए दूसरे पूर्वी एशिया समिट में लिया गया था।

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