पुण्यतिथि क्या है? आज की शुभ तिथि कैसे देखें

हर दिन एक खास तारीख होती है जो हमारे काम‑काम को बेहतर बना सकती है। इसको हिन्दी में "पुण्यतिथि" या "शुभ तिथि" कहते हैं। साधारण शब्दों में इसका मतलब है वह दिन जब ग्रह‑सूर्य की स्थिति आपके लिए अनुकूल हो।

ज्योतिष के अनुसार, हर काम – शादी, घर बनाना, नई नौकरी शुरू करना या कोई बड़ा निवेश – का एक सबसे अच्छा समय होता है। यदि आप इस समय को पकड़ लेते हैं तो सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए कई लोग रोज़ अपने पुण्यतिथि चेक करते हैं।

पुण्यतिची गणना के आसान नियम

पुण्यतिथि जानने के लिए आपको बहुत जटिल चार्ट नहीं चाहिए। बस पाँच चीज़ें याद रखें:

  • चंद्रमा का रास – आपके जन्म कुंडली में चंद्रमा जिस राशि में है, वही अक्सर शुभ कामों को तय करता है।
  • गुरु और शनि की स्थिति – ये दो ग्रह हमेशा दीर्घकालिक लाभ देते हैं, इसलिए उनके दिन पर बड़े फैसले बेहतर होते हैं।
  • तिथि (पक्ष) – चाँद के waxing या waning phase में भी अंतर होता है; बढ़ते पक्ष में नई शुरुआत आसान रहती है।
  • नवां और अष्टमी – ये तिथियां विशेष रूप से शुद्ध कार्यों के लिए मानी जाती हैं।
  • सप्ताह का दिन – मंगलवार को मंगल, गुरुवार को बृहस्पति आदि पर काम करना अक्सर फायदेमंद माना जाता है।

इन नियमों को एक साथ मिलाकर आप अपने रोज़ के पंचांग से तुरंत पता लगा सकते हैं कि आज कौन सा काम सबसे बेहतर रहेगा।

पुण्यतिथि का दैनिक उपयोग – कुछ सरल टिप्स

1. **काम शुरू करने का समय**: अगर आपका दिन व्यस्त है तो सुबह 9 बजे या दोपहर 2‑3 बजे के बीच देखिए, जब सूर्य और चंद्रमा दोनों ही मध्यम स्थिति में हों। यह समय ऊर्जा को संतुलित रखता है।

2. **महत्वपूर्ण मीटिंग**: यदि आप किसी बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो गुरुवार या शुक्रवार की तिथि चुनें, क्योंकि ये दिन बृहस्पति और शुक्र के प्रभाव में होते हैं, जो सहयोग और समझ बढ़ाते हैं।

3. **घर का काम**: नई घर बनवाना, पेंटिंग या बड़े फर्नीचर को ले जाना अक्सर शनिवार को बेहतर रहता है – शनि की स्थिरता यहाँ मदद करती है।

4. **स्वास्थ्य संबंधी निर्णय**: योग या डाइट प्लान शुरू करने के लिए अष्टमी और नवमी सबसे उपयुक्त हैं, क्योंकि ये दिन शरीर को शुद्ध करने में सहायक होते हैं।

5. **धार्मिक अनुष्ठान**: पूजन या हवन का समय चुनते समय हमेशा बढ़ते पक्ष (शुक्ल पक्ष) के पहले पाँच तिथियों पर ध्यान दें, इससे लाभ अधिक मिलता है।

इन छोटे‑छोटे नियमों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आप न सिर्फ अपने काम को सफल बना पाएंगे बल्कि तनाव भी कम रहेगा। याद रखें, पुण्यतिथि एक गाइडलाइन है, पूरी तरह का जादू नहीं – फिर भी यह आपके निर्णयों को दिशा देता है।

अगर आपको अभी की तिथियों की जानकारी चाहिए तो अपनी स्थानीय पंचांग या किसी भरोसेमंद ज्योतिषी की वेबसाइट देख सकते हैं। अधिकांश साइटें आज की पुण्यतिथि, शुभ समय और अनुकूल कार्यों की सूची एक ही पेज पर देती हैं। बस "पुण्यतिथि आज" सर्च करें, फिर अपने काम को उस अनुसार सेट कर लें।

अंत में, यह समझना ज़रूरी है कि सफलता केवल तारीख़ से नहीं आती; आपका मेहनत और सोच भी उतनी ही अहम है। पुण्यतिथि सिर्फ एक अतिरिक्त मदद है – इसे सही ढंग से इस्तेमाल करें और अपने लक्ष्य को तेज़ी से हासिल करें।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जुलाई, 2024 को स्वामी विवेकानंद की 122वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। विवेकानंद एक महान दार्शनिक और सन्यासी थे जिनका निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था। मोदी ने विवेकानंद की ज्ञान और प्रेरणा देने वाली शिक्षाओं की सराहना की और एक प्रगतिशील समाज के उनके सपने को साकार करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

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