स्वास्थ्य बीमा: समझें और सही पॉलिसी चुनें

बीमारियों की फीस अक्सर बड़ी हो जाती है, इसलिए एक बढ़िया स्वास्थ्य बीमा होना जरूरी है। लेकिन कई बार लोग प्लान पढ़ते‑पढ़ते थक जाते हैं और सही विकल्प नहीं पकड़ पाते। इस लेख में हम सरल भाषा में बताएंगे कि किन बातों पर ध्यान देना चाहिए और कौन सी योजनाएँ आपके लिये बेहतर होंगी।

मुख्य प्रकार की स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ

बाजार में तीन मुख्य तरह के प्लान मिलते हैं – इंडिविजुअल (व्यक्तिगत), फैमिली फ्लोर (परिवार) और कॉर्पोरेट ग्रुप पॉलिसी। व्यक्तिगत पॉलिसी आपके खुद के खर्च को कवर करती है, जबकि फैमिली फ्लोर एक ही प्रीमियम में पूरे परिवार का इलाज संभाल लेती है। कंपनी द्वारा दी गई ग्रुप प्लान अक्सर सस्ती होती हैं, लेकिन उसमें बदलाव की आज़ादी कम रहती है।

एक और विकल्प टर्म लाइफ़ इन्शुरेंस के साथ स्वास्थ्य rider जोड़ना है। इसमें आप जीवन बीमा भी लेते हैं और साथ ही अस्पताल खर्च का कवरेज मिलता है। अगर आपको दोनों चीजों की ज़रूरत है तो यह एक किफायती समाधान बन सकता है।

सही प्लान कैसे चुनें

सबसे पहले अपनी उम्र, मौजूदा बीमारी और परिवार में सदस्य संख्या नोट करें। युवा लोग कम प्रीमियम चाहते हैं, जबकि बड़े उम्र के लिए अधिक कवरेज आवश्यक होता है। फिर देखें कि पॉलिसी में क्या‑क्या कवर किया गया है: डॉक्टर फीस, अस्पताल बेड, ऑपरेशन, डाइग्नोस्टिक टेस्ट या दवाओं की लागत।

क्लेम प्रक्रिया को समझना भी ज़रूरी है। कुछ कंपनियाँ ऑनलाइन क्लेम फॉर्म देती हैं, तो कुछ पेपर वर्क पसंद करती हैं। आसान क्लेम वाले प्लान का चुनाव करें ताकि बीमार पड़ने पर झंझट न हो।

प्रीमियम की तुलना करते समय सिर्फ सस्ता नहीं, बल्कि कवरेज की सीमा देखें। कई बार कम प्रीमियम वाली पॉलिसी में लिमिटेड कवर होता है और बड़ी बीमारी पर भुगतान नहीं किया जाता। इसलिए वार्षिक लिमिट, कॉ-पीमेंट और डिडक्टिबल को ध्यान से पढ़ें।

एक ट्रस्टेड इन्शुरर चुनना भी अहम है। आप IRDAI की लाइसेंस सूची देख सकते हैं या मौजूदा ग्राहकों के रिव्यू पढ़ सकते हैं। विश्वसनीय कंपनी होने पर क्लेम जल्दी मिलते हैं और सेवा में भरोसा रहता है।

यदि आपको कई विकल्प समझ नहीं आ रहे, तो एक बिमा एजेंट से सलाह लें लेकिन अंतिम निर्णय खुद ही करें। एजेंट अक्सर उच्च कमिशन वाले प्लान की सिफारिश करते हैं, इसलिए अपने बजट और जरूरतों को पहले तय कर लें।

आख़िर में, सालाना पॉलिसी रिव्यू करना न भूलें। आपकी आय बढ़े या स्वास्थ्य बदल जाए तो कवरेज भी अपडेट होना चाहिए। छोटी‑छोटी बदलाव जैसे एडिशनल बेनीफ़िट या कवर अपग्रेड से आपका प्लान और बेहतर बन सकता है।

संक्षेप में, सही स्वास्थ्य बीमा चुनने के लिए अपनी जरूरतें पहचानें, कवरेज की गहराई देखें, क्लेम प्रक्रिया सरल रखें और भरोसेमंद इन्शुरर पर टिके रहें। इन टिप्स को अपनाएँ, तो महँगी मेडिकल बिलों से डरना नहीं पड़ेगा।

जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर निर्णय टाला, कैंसर दवाओं पर जीएसटी दर घटाई

जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर निर्णय टाला, कैंसर दवाओं पर जीएसटी दर घटाई

जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में हुई बैठक में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और कैंसर दवाओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों को घटाने के निर्णय को फिलहाल टाल दिया है। वहीं, कैंसर की दवाओं पर जीएसटी दर 12% से 5% कर दी गई है, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी।

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