वायरस के खतरे और बचाव के सरल कदम

क्या आपको कभी लगा है कि आपका फ़ोन या लैपटॉप अचानक धीमा हो गया? अक्सर ऐसा तब होता है जब कोई वायरस अंदर घुस जाता है. हम यहाँ बताते हैं कि कौन‑कौन से वायरस होते हैं, कैसे पहचानें और सबसे ज़रूरी बचाव के उपाय क्या हैं.

विभिन्न प्रकार के वायरस

वायरस दो बड़े समूहों में बँटे होते हैं – कंप्यूटर/मोबाइल मालवेयर और स्वास्थ्य‑से जुड़े जैविक वायरस. तकनीकी दुनिया में सबसे आम है मालवेयर, जो फ़ाइलें बदलता, डेटा चुराता या सिस्टम को बंद कर देता है. मोबाइल पर अक्सर ट्रोजन या स्पायवेअर देखे जाते हैं; ये बैकग्राउंड में चलकर आपके निजी संदेश और संपर्कों को चोरी करते हैं.

दूसरी ओर, कोविड‑19 जैसे जैविक वायरस ने पिछले साल दुनिया भर में हंगामा मचा दिया. हालाँकि इस टैग पेज पर मुख्य फोकस तकनीकी वायरस है, लेकिन याद रखिए कि दोनों ही प्रकार के लिए समय पर पहचान और सही उपाय जरूरी हैं.

बचाव के प्रमुख कदम

1. एंटीवायरस इंस्टॉल करें: मुफ्त या पेड सॉफ़्टवेयर चुनें, लेकिन नियमित अपडेट न भूलें. बिना अपडेट वाले प्रोग्राम पुराने वायरस को नहीं पहचान पाएंगे.

2. ऐप्स की परमिशन जाँचें: मोबाइल पर नए ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी अनुमति सूची देखें. अगर कोई कैमरा या माइक्रोफ़ोन का एक्सेस मांग रहा है, तो सोच‑समझ कर इजाज़त दें.

3. अनजान लिंक्स न खोलें: ई‑मेल या एसएमएस में मिलने वाले अजीब लिंक अक्सर फ़िशिंग के लिए होते हैं. एक क्लिक भी आपके डिवाइस को संक्रमित कर सकता है.

4. बैकअप रखें: महत्वपूर्ण फाइलों की नियमित क्लाउड या बाहरी ड्राइव पर कॉपी बनाकर रखें. अगर वायरस ने डेटा हटाया तो आप आसानी से रिस्टोर कर सकते हैं.

5. ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट करें: Windows, Android या iOS के नवीनतम संस्करण में अक्सर सुरक्षा पैच होते हैं. इन्हें अनदेखा न करें; यह सबसे आसान सुरक्षा लेयर है.

इन बेसिक टिप्स को अपनाकर आप अधिकांश वायरस से सुरक्षित रह सकते हैं. याद रखें, सुरक्षा एक बार की प्रक्रिया नहीं, बल्कि रोज़ की आदत है. अगर अभी भी संदेह हो तो किसी भरोसेमंद तकनीकी विशेषज्ञ से सलाह लें.

भारत में पहला एमपॉक्स मामला पुष्टि: वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल और अफ्रीका में वैक्सीन में देरी के कारण

भारत में पहला एमपॉक्स मामला पुष्टि: वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल और अफ्रीका में वैक्सीन में देरी के कारण

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 सितंबर, 2024 को देश में पहले एमपॉक्स मामले की पुष्टि की है। मरीज, जो हाल ही में एक ऐसे देश से यात्रा कर लौटा था जहां एमपॉक्स का प्रसार हो रहा था, को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है। यह मामला एक नए स्ट्रेन, क्लेड 1बी, के उभरने के बाद एमपॉक्स के वैश्विक पुनरुत्थान का हिस्सा है।

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